हाल ही में उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने वाले सांसद को उपराष्ट्रपति ने खाने पर बुलाया है! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बड़ा दिल दिखाते हुए उनकी मिमिक्री करने वाले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। साथ ही बनर्जी और उनकी पत्नी को डिनर का न्योता भी दिया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने अपने जन्मदिन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिले बधाई संदेश के लिए शुक्रवार को उनकी सराहना की और इसे उनका ‘बड़प्पन’ बताया। संसद के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान बनर्जी ने राज्यसभा सभापति की ‘मिमिक्री’ की थी जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था। बनर्जी ने पिछली गलतफहमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने के महत्व पर भी जोर दिया। बनर्जी गुरुवार को 67 वर्ष के हो गए। उन्होंने कहा, ‘मेरे जन्मदिन पर मुझे बधाई देना माननीय उपराष्ट्रपति का वास्तव में बेहतर प्रयास और उनका बड़प्पन है। मैं वास्तव में अभिभूत हूं कि उन्होंने मुझसे और मेरी पत्नी से बात की और हमें अपने घर पर रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया।’ यह पूछे जाने पर कि क्या धनखड़ का ये व्यवहार दोनों के बीच संबंधों में सुधार ला सकता है, इस पर श्रीरामपुर के सांसद ने कहा,संसद के परिसर में उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाना अच्छी बात नहीं है। यह सम्मान व्यक्ति का नहीं पद का सम्मान होता है। उन्होंने आगे कहा कि नेताओं को बहुत सावधानी से काम करना चाहिए क्योंकि उनकी बातों को कार्यकर्ता फॉलो करते हैं। इसलिए सावधानी से ही नेताओं को काम करना चाहिए। ‘जीवन में हमेशा अतीत की गलतफहमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।’ तृणमूल कांग्रेस सांसद ने जन्मदिन की बधाई के लिए गुरुवार को सोशल मीडिया पर भी धनखड़ का आभार व्यक्त किया था।
पिछले महीने तब विवाद खड़ा हो गया था जब बनर्जी ने संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान धनखड़ की नकल की थी। इस घटना की कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीडियो-रिकॉर्डिंग की थी। विपक्षी सांसद 140 से अधिक संसद सदस्यों को निलंबित किए जाने का विरोध कर रहे थे। बनर्जी के इस कृत्य की भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने कड़ी निंदा की थी। धनखड़ एक वरिष्ठ वकील भी हैं। उन्होंने तब सदन में कहा था कि वह संसद या उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। बनर्जी ने बाद में कहा कि ‘मिमिक्री’ अभिव्यक्ति का एक रूप है और असहमति एवं विरोध जताना लोकतंत्र में एक मौलिक अधिकार है। बता दें कि पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इंदौर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की संसद में जो भी हुआ वह ठीक नहीं हुआ। संसद के परिसर में उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाना अच्छी बात नहीं है। यह सम्मान व्यक्ति का नहीं पद का सम्मान होता है। उन्होंने आगे कहा कि नेताओं को बहुत सावधानी से काम करना चाहिए क्योंकि उनकी बातों को कार्यकर्ता फॉलो करते हैं। इसलिए सावधानी से ही नेताओं को काम करना चाहिए।
संसद की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर भी पूर्व स्पीकर ने बयान दिया है। महाजन ने कहा कि संसद की सुरक्षा स्पीकर के अंतर्गत आती है और उन्होंने कार्रवाई भी की है। इसके साथ ही महाजन ने कहा कि विपक्ष बेवजह की मांग करके संसद की कार्यवाही को भी ठप्प करते है जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि संसद चर्चा करने के लिए है।यह पूछे जाने पर कि क्या धनखड़ का ये व्यवहार दोनों के बीच संबंधों में सुधार ला सकता है, इस पर श्रीरामपुर के सांसद ने कहा, ‘जीवन में हमेशा अतीत की गलतफहमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।’ तृणमूल कांग्रेस सांसद ने जन्मदिन की बधाई के लिए गुरुवार को सोशल मीडिया पर भी धनखड़ का आभार व्यक्त किया था। हंगामा संसद में नहीं होना चाहिए। दरअसल, लोकसभा की सुरक्षा में जो चूक हुई थी उस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में घमासान जारी था। हंगामे के चलते 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। सस्पेंड होने वाले सांसदों में लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 एमपी थे। निलंबित एमपी संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल की थी। इतना ही इसका वीडियो बनाकर वायरल भी किया गया था। इस घटना का जमकर विरोध हुआ था। इसी मामले में लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी तीखी आलोचना की है।