2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले में 2022 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का शानदार ,लाजवाब प्रदर्शन रहा। भारत ने बर्मिंघम में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 22 गोल्ड सहित कुल 61 मेडल जीते कुल मेडल्स को जीतने में भारत का स्थान चौथे स्थान पर है। एक बार फिर भारतीय टीमों ने पूरे विश्व को दिखा ही दिया कि भारत कभी किसी से पीछे नहीं रहने वाला है। भारतीय तिरंगा बर्मिंघम में गर्व से लहरा रहा है और उनका पूरा श्रेय हमारे खिलाड़ियों को जाता है जिन्होंने अपने बेहतर प्रदर्शन से भारत को 22 गोल्ड सहित कुल 61 मेडल नवाजे हैं।
2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत में गोल्ड कोस्ट गेम्स में 26 गोल्ड से 66 मॉडल के साथ तीसरे स्थान पर था यानी कि 4 साल में भारत के मेडल की संख्या घटी है और पोजीशन में भी गिरावट आई है परंतु परंतु परंतु इसके बावजूद भी 4 साल के पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कहा जा रहा है। बेहतर और शानदार प्रदर्शन कहने के कई कारण हैं। आइए जानते हैं कि 2022 में भारत का प्रदर्शन 2018 के मुकाबले बेहतर क्यों कहा जा रहा है और इसका क्या कारण है।
कम मेडल फिर भी “बेहतर प्रदर्शन”?
2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 26 गोल्ड से 66 मेडल अपने नाम किए थे और भारत का स्थान तीसरा था। वहीं 2022 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 22 गोल्ड सहित 61 मेडल हासिल किए हैं और इस साल मेडल की संख्या में तथा पोजीशन में अंतर है। पर फिर भी भारत का प्रदर्शन 2018 के मुकाबले काफी लाजवाब है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2022 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग के खेल का आयोजन नहीं किया गया है। भारतीय खिलाड़ियों के लिए शूटिंग ऐसा खेल है जो सबसे ज्यादा मेडल दिलाता है। शूटिंग कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सबसे ज्यादा मेडल दिलाने वाला खेल है भारत ने अब तक शूटिंग में 63 गोल्ड सहित 135 मेडल जीते हैं वही बात करें तो 2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने शूटिंग में ही 7 गोल्ड सहित 16 मेडल जीते थे। सरल शब्दों में समझा जाए तो भारत के लिए शूटिंग खेल मेडल की बरसात करने वाला स्रोत है। इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग खेल का आयोजन नहीं किया गया शूटिंग कॉमनवेल्थ गेम्स का इस साल हिस्सा नहीं रहा इसी कारण भारत के 15 सोलह मॉडल आसानी से यूं ही कम हो गए हैं। परंतु इन सब के बावजूद भी हम अपने खिलाड़ियों की प्रदर्शन की दाद देते हैं उनके शानदार लाजवाब और बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मान देते हैं। शूटिंग खेल आयोजित न होने के बावजूद भी हमारे एथलीट्स ने पिछले वर्ष की तुलना में सिर्फ 4 गोल्ड मेडल ही कम जीते हैं ओवरऑल भी महज 5 मॉडल की ही कमी आई है।
कुश्ती ने ली शूटिंग की जगह-
जैसा कि हमने आपको उपरोक्त बताया कॉमनवेल्थ 2022 में शूटिंग खेल का आयोजन नहीं किया गया था और जब की शूटिंग भारत के लिए सबसे ज्यादा मेडल्स लाने का स्त्रोत है। परंतु इस बार गेम्स में शूटिंग के ना होने पर कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग की जगह ले ली है। इस साल आयोजित हुए गेम्स में शूटिंग की गैर हाजिरी में कुश्ती भारत का सबसे कामयाब खेल बन गया है।भारतीय पहलवान ने लगभग 12 इवेंट में भाग लिया और हर इवेंट में कोई ना कोई मेडल जीतने में हमारे पहलवान कामयाब रहे और भारत का परचम लहराते रहे। आयोजित हुई कुश्ती में भारत के पहलवानों ने अपना शानदार और लाजवाब प्रदर्शन किया और हर इवेंट का हिस्सा बनते हुए कोई ना कोई मेडल अपने भारत के नाम किया। अर्थात जो भी भारतीय पहलवान बर्मिंघम गया वह अपने गले में कोई ना कोई मेडल लेकर ही लौटा है। भारत ने इस खेल में 6 गोल्ड 1 सिल्वर 5 ब्रोंज मेडल जीते ।हैं जबकि पिछली बार के मुकाबले भारत ने 5 गोल्ड 3 सिल्वर और 4 ब्रान्ज जीते थे।
बैडमिंटन और TT में भारत का शानदार प्रदर्शन
भले ही भारत ने 2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले इस साल कम मेडल जीते हैं अंतर महज भले ही 5 मेडल का ही हो। इन सब के बावजूद भी भारत ने अपना शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने सिर्फ कुश्ती में ही अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं किया बल्कि भारत ने बैडमिंटन में भी तीन गोल्ड 1 सिल्वर और दो ब्रान्ज अपने नाम किए। भारतीय तिरंगे को गर्व से भी लहराया। 2018 में भारत को बैडमिंटन में दो गोल्ड तीन ब्रांच और एक सिल्वर मिला था इसी तरह टेबल टेनिस में भी गोल्ड में इजाफा हुआ इस बार 4 गोल्ड मिले हैं जबकि पिछली बार 3 ही मिले थे।
हॉकी जूडो और लॉन बॉल्स में भी शानदार प्रदर्शन
2018 में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की पुरुष और महिला दोनों ही टीमें इन खेलों में मेडल जीतने में नाकामयाब रही थी। परंतु इस बार दोनों ही टीमों ने इन खेलों में भी मेडल जीता। लॉन बॉल्स में भारत ने गेम के इतिहास में पहली बार मेडल जीता जिसमें भारत ने एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है इसी तरह जूडो में 2018 में हाथ खाली रहा था। परंतु इस बार 2 सिल्वर और एक ब्रांज मेडल जीता है।
2010 के मुकाबले एथलेटिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन-
ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में गोल्ड जीतने के सबसे मजबूत भारतीय दावेदार नीरज चोपड़ा चोटिल होने के कारण बर्मिंघम में नहीं जा पाए। इसके बावजूद भारत ने एथलेटिक्स में 2010 के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने इस बार एक गोल्ड 4 सिल्वर और तीन ब्रोंज जीते हैं। 2014 और 2018 में भारत में एथलेटिक्स में तीन तीन मेडल ही जीते थे।