आपने सुना होगा कि आयुर्वेद विज्ञान में पत्तियों और फूलों से भी दवाइयां बनाई जाती है! फूल हमेशा से सजावट और बेहतर खुशबू के लिए प्रयोग में लाए जाते रहे हैं। वातावरण को शुद्ध करने में फूलों की विशेष भूमिका होती है पर फूलों के गुण बस यहीं तक सीमित नहीं हैं। कई प्रकार के फूलों को अरोमा थेरेपी के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है, इतना ही नहीं कुछ फूलों को खाने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में भी जिक्र मिलता है।
फूलों के सेवन की परंपरा काफी प्राचीन रही है। पुरातन काल में भी जंगल में निवास करने वाले लोगों के लिए फल और फूल ही आहार का मुख्य साधन हुआ करते थे। मेडिकल साइंस ने भी कई अध्ययनों में पाया कि कुछ फूलों में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जिनका सेवन करके आप कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
फूलों का उपयोग खाद्य के रूप में अलग-अलग शैलियों के व्यंजनों में किया जाता रहा है। कुछ फूलों को दवाइयों के घटक और घरेलू उपचार के तौर पर भी प्रयोग में लाया जाता रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, वैसे तो सभी फूल खाने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं, लेकिन मेडिकल साइंस ने अध्ययनों के आधार पर कुछ फूलों से होने वाले फायदों के बारे में बताया है।
गुलाब अपने अदुभुत सुगंध के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। दुनियाभर में गुलाब की पंखुड़ियों को सलाद के रूप में शामिल किया जाता रहा है। प्राचीन चीनी चिकित्सा में इसका उपयोग पाचन और मासिक धर्म संबंधी विकारों के इलाज के तौर पर किया जाता रहा है। गुलाब कम कैलोरी वाले होने के साथ पानी से भरपूर होते हैं, साथ ही इनमें विटामिन ए और ई की मात्रा भी होती है जो शरीर को कई तरह से पोषण दे सकती है।
कद्दू की सब्जी के साथ कद्दू के फूल को भी देश के कई हिस्सों में सेवन के लिए प्रयोग में लाया जाता है। ये विटामिन बी-9 के समृद्ध स्रोत के साथ प्रतिरक्षा को बढ़ाने और सामान्य सर्दी के लक्षणों को कम करने में सहायक हैं। कुछ शोध बताते हैं कि कद्दू के फूल में मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत रखने और दृष्टि में सुधार करने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
गुड़हल के फूल जिसे हिबिस्कस के नाम से भी जाना जाता है, यह पूजन कार्यों के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी विशेष लाभप्रद माना जाता है। गुड़हल के फूलों को घरेलू उपचार के तौर पर कच्चा खाने की सलाह दी जाती है, इसे हर्बल टी के लिए भी उपयोग किया जाता है। कुछ शोध बताते हैं कि गुड़हल का फूल पेट की समस्याओं को ठीक करने के साथ कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मारीगोल्ड फूल का उपयोग घावों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है, इसे त्वचा की बीमारियों में काफी फायदेमंद माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि मारीगोल्ड का फूल खाने से भी कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह मुख्यरूप से उच्च फ्लेवोनोइड सामग्री से भरपूर होता है, जो कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। शोध से पता चलता है कि मारीगोल्ड में ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन भी होते हैं जो नेत्र रोगों को दूर रखते हैं।
गेंदे के फूलों से भी कई रोगों में लाभ लिया जा सकता है। इसके पत्तों और फूलों को उबाल कर कुल्ला करने से दांतों के दर्द व मुंह के छालों में फायदा होता है। शरीर में कहीं सूजन होने पर गेंदे के फूलों के पानी से आराम मिलता है। चेहरे पर दाने धब्बे मिटाने और अन्य स्किन संबंधित बीमारियों के इलाज में भी गेंदे के फूल बड़े उपयोगी हैं।फूलों को पीसकर फुंसियों में लगाने से लाभ होता है। इसके फूलों का लेप माथे पर लगाने से सिर से जुड़ी बीमारियों में फायदा होगा।
दिल की तेज धड़कन को सही रखने में कमल के फूल बड़े फायदेमंद हैं। सिर दर्द व पेशाब की तकलीफों में भी इनसे आराम मिलता है।
फूलों के बीच रहकर एक नई ताकत मिलती है और शरीर स्वस्थ रहता है। यही वजह है कि आज कई घरों में फूलों की महक पाई जाती है जिससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कई बीमारियों के इलाज में फूलों से फायदा हो रहा है।
गुलाब के फूल का रस दिल की बीमारियों को दूर करता है। इसे किशमिश के साथ खाने से भी दिल की कमजोरी दूर होती है। आंतों में अल्सर होने का डर भी दूर होता है। आंखों में जलन व दर्द होने पर इसके रस में चुटकी भर फिटकरी मिलाकर डालने से आराम मिलता है। मुंह में छाले होने, सिरदर्द, कब्ज व पेशाब में जलन की शिकायत होने पर भी इसे लिया जा सकता है।
जैस्मिन भी एक खुशबू वाला फूल है। आंखों की बीमारियों, मासिक धर्म की रुकावट व कमजोरी में इसके फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। मानसिक तनाव व उदासी में भी जैस्मिन के फूलों से फायदा होता है।