आज का इतिहास 26 मई: साल 2014 में आज ही के दिन नरेंद्र मोदी ने देश के 15 वे प्रधानमंत्री बने थे। आइए जानते हैं और कौन से महत्वपूर्ण घटनाएं हुए 26 मई को।
2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लिए
आज का इतिहास 26 मई: देश के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 मई का विशेष महत्व है क्योंकि 2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लिए थे। और आज ही के दिन “मैं… नरेंद्र दामोदर दास मोदी…” नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन से यह शब्द पूरे देश में सुने थे। उस वक्त के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने स्टेज पर सबसे पहले नरेंद्र मोदी को शपथ के लिए बुलाया। नरेंद्र मोदी ने शपथ ली और इसी के साथ देश को आज ही के दिन अपना 15 व प्रधानमंत्री मिला। नरेंद्र मोदी ने 2019 में लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला और इस बार भी 26 मई की तारीख का एक खास महत्व था। नरेंद्र मोदी के रूप में पहली मर्तबा कोई गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री अपनी पार्टी को पूर्ण बहुमत दिला कर गद्दी पर बैठा था। भारतीय जनता पार्टी ने उस साल चुनाव में 282 सीटें जीती थी जबकि, कांग्रेस 44 सीटों पर ही सिमट गई थी। पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को 162 सीटों का नुकसान तो भाजपा को 166 सीटों का फायदा हुआ था।
आम तौर पर प्रधानमंत्रियों की शपथ राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हुआ करती थी। लेकिन खुले प्रांगण में ऐसी शपथ भी ऐतिहासिक थी। क्योंकि नरेंद्र मोदी से पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1996, 1998 में अटलबिहारी वाजपेयी ने ही इस तरह शपथ ली थी। हालांकि नरेंद्र मोदी की शपथ सिर्फ़ इसी मायने में ऐतिहासिक नहीं थी। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उस रोज दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देशों के प्रमुख भी बैठे थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ भी। साथ में श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, मालदीव के राष्ट्रपति और भूटान, मॉरीशस, नेपाल के प्रधानमंत्री। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी जगह वहां के निचले सदन की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधरी को भेजा था। यानी समारोह एक राजनयिक जमावड़ा भी बना।
आइए जानते हैं शुरू से अन्य प्रधानमंत्रियों की बारे में..
देश के अन्य प्रधानमंत्रियों की बात करें तो आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री बने और 27 मई, 1964 को उनके निधन के बाद गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया, वह 9 जून 1964 तक इस पद पर रहे उनके बाद बेहद सादगी पसंद और विनम्र लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और 11 जनवरी 1966 को उनका निधन होने के बाद एक बार फिर गुलजारी लाल नंदा को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। इस बार उनका कार्यकाल मात्र 13 दिन का रहा और 24 जनवरी 1966 को यह जिम्मेदारी देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कंधों पर आ गई। वह 24 मार्च 1977 तक इस पद पर रहीं और इस पद की अगली बागडोर मोरारजी देसाई ने संभाली। मोरारजी देसाई 28 जुलाई 1979 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे और उनके बाद किसान नेता चौ.चरण सिंह इस पद पर विराजमान हुए। चौ. चरणसिंह का कार्यकाल 14 जनवरी 1980 तक रहा और इस तारीख के बाद इंदिरा गांधी एक बार फिर देश की प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्तूबर 1984 को अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों मारे जाने तक वह इस पद पर रहीं।
उनके बाद उनके पुत्र राजीव गांधी ने देश की बागडोर संभाली और एक दिसंबर 1989 तक इस पद पर रहे। विश्वनाथ प्रतापसिंह ने दो दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला और उसके बाद 21 जून 1991 तक चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने। इस तरह 31 अक्तूबर 1984 से 21 जून 1991 के बीच देश ने तीन प्रधामंत्री देखे। इसके बाद के पांच वर्ष पी.वी. नरसिम्हा राव ने इस पद पर कार्य किया और 16 मई 1996 को कवि ह्रदय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, जो एक जून तक ही टिक पाई। अगले प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा बने जिन्होंने एक जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक देश की बागडोर संभाली। इसके बाद इंद्रकुमार गुजराल 18 मार्च 1998 तक प्रधानमंत्री बनाए गए। यहां यह दिलचस्प तथ्य है कि 16 मई 1996 से 18 मार्च 1998 के बीच देश ने प्रधानमंत्री पद पर तीन चेहरे देखे और यह सिलसिला यहीं नहीं थमा 19 मार्च 1998 को देश के प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी 13 अक्तूबर 1999 तक इस पद पर टिक पाए यह अलग बात है कि अगली सरकार भी उनके नेतृत्व में ही बनीं और वह 22 मई 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा होने तक इस पद पर रहे। इसके बाद के दस बरस डा. मनमोहन सिंह के नाम रहे. उन्होंने 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक प्रधानमंत्री पद संभाला। 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बने।
देश दुनिया के इतिहास में 26 मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
2014: उत्तर प्रदेश के चुरेब रेलवे स्टेशन पर गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। हादसे में 29 यात्रियों की मौत हुई।
2010: सुप्रीम कोर्ट ने शादी किए बगैर एक साथ रहने वाले प्रेमी युगलों की संतानों को भी अपने मां-बाप की ओर से अर्जित सम्पत्ति में हिस्सा पाने का अधिकार दिया।
2007: भारत और जर्मनी के बीच रक्षा समझौता हुआ।
2002: चीन का एक यात्री विमान समुद्र में गिरा, 225 लोगों की मौत हुई।
1998 : ऑस्ट्रेलिया में पहली बार नेशनल सॉरी डे
मनाया गया।
1950: ब्रिटेन में पेट्रोल खरीदने पर लगी लिमिट को खत्म कर दिया गया। इससे पहले हर व्यक्ति को पेट्रोल खरीदने के लिए राशन कार्ड दिया जाता था।