आज के दिन 23 मई 1951 मैं तिब्बत में चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के साथी तिब्बत पर चीन का कब्जा हो गया था। तिब्बत पर चीन का कब्जा यही वजह है कि तिब्बती लोग 23 मई को काला दिन मानते हैं, तो वहीं चीन मानता है कि या उसकी शांति के प्रयासों वाला दिन हैं। चीन के इस कदम का तिब्बत और दुनिया के कई देशों में जमकर विरोध हुआ था.
तिब्बत – चीन का विवाद, वर्षों पुराना
तिब्बत और चीन का विवाद बरसों पुराना है। चीन का यह दावा है कि तिब्बत 13वीं शताब्दी में चीन का हिस्सा था इसीलिए तिब्बत पर चीन का हक है। चीन के इस दावे को खारिज करता है।1912 में तिब्बत के 13वें धर्मगुरु दलाई लामा ने तिब्बत को स्वतंत्र घोषित कर दिया। तब चीन ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, पर जब 1949 में चीन में कम्युनिस्ट सरकार सत्ता में आई तो उसकी विस्तारवादी नीतियों के चलते तिब्बत की आजादी को खतरा पैदा हो गया। 6-7 अक्टूबर 1950 को चीनी सेना ने तिब्बत पर हमला कर दिया और 8 महीने चले संघर्ष के बाद तिब्बती सेना को मात दे दी।
चीन ने तिब्बत को समझौते पर बातचीत के लिए अपना प्रतिनिधि बीजिंग भेजने को कहा। आखिरकार 23 मई 1951 को तिब्बत ने चीन के साथ एक 17 बिंदुओं वाले समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया, जिससे चीन ने तिब्बत पर अपने कब्जे को आधिकारिक जामा पहना दिया।
18 अप्रैल 1959 को तिब्बत के 14वें दलाई लामा ने घोषणा की चीन ने यह समझौता जबरन करवाया था, इसीलिए चीन का तिब्बत पर कब्जा करना अवैध है, परंतु इसके बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और तिब्बत पर अपना कब्जा कर आज तक तिब्बत पर उसका कब्जा कायम है।
दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धार्मिक नेता को कहा जाता है।तिब्बत के वर्तमान दलाई लामा, उनके 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यास्टो हैं, जो 1959 से ही भारत में रहते हैं।
तिब्बत मैं चीन के अवैध कब्जे के खिलाफ बड़ा गुस्सा
तिब्बत पर चीन के अवैध कब्जे से तिब्बत के लोगों ने चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगा। 1955 के बाद पूरे तिब्बत में चीन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन होने लगे।अपनी स्वतंत्रता और संस्कृति के लिए वह चीनी सेना से भी लड़े। पर चीन ने उन्हें कुचल कर रख दिया जैसे कि वह शिनजियांग प्रान्त में कर रहा है और जैसे कि उसने 1989 में टियाननमेन चौक पर छात्र आंदोलन को कुचला था। इस चीन अधिकृत तिब्बत में जो भी तिब्बत की आजादी के लिए आवाज उठाता था, गायब कर दिया जाता था।
दलाई लामा ने ली भारत में शरण
मार्च 1959 में चीन दलाई लामा को बंधक बनाना चाहता था। ये खबर फैलते ही हजारों की संख्या में लोग दलाई लामा के महल के बाहर इकट्ठा हो गए। आखिरकार एक सैनिक के वेश में दलाई लामा तिब्बत की राजधानी ल्हासा से भागकर भारत पहुंचे। भारत सरकार ने उन्हें रहने की अनुमति दी। चीन को ये बात नागवार गुजरी। माना जाता है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध की एक बड़ी वजह इसे भी माना जाता है।
भारत से चलती है तिब्बत की निर्वासित सरकार दलाई लामा आज भी भारत में रहते हैं और तिब्बत की निर्वासित सरकार हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से चलती है। तिब्बत की इस निर्वासित सरकार का चुनाव भी होता है। इस चुनाव में दुनियाभर के तिब्बती शरणार्थी वोटिंग करते हैं। वोट डालने के लिए शरणार्थी तिब्बतियों को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। चुनाव के दौरान तिब्बती लोग अपने राष्ट्रपति को चुनते हैं जिन्हें ‘सिकयोंग’ कहा जाता है। भारत की ही तरह वहां की संसद का कार्यकाल भी 5 सालों का होता है। तिब्बती संसद का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में है।
चुनाव में वोट डालने और चुनाव लड़ने का अधिकार सिर्फ उन तिब्बतियों को होता है जिनके पास ‘सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन’ द्वारा जारी की गई ‘ग्रीन बुक’ होती है। ये बुक एक पहचान पत्र का काम करती है। मई 2021 में हुए चुनावों में पेंपा सेरिंग निर्वासित तिब्बती सरकार के नए राष्ट्रपति बने।
आज भी भारत में तिब्बत की आजादी को लेकर आवाजें उठ रही है। भारत सरकार द्वारा भी तिब्बत से अच्छे रिश्ते रखने की अभिलाषा से ITBP ( INDIA TIBET BORDER POLICE ) का गठन किया गया था।
देश दुनिया के इतिहास में 23 मई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:
- 1848 : अमेरिका के राइट बंधुओं से भी पहले ग्लाइडर बनाकर इंसान को पहली बार उड़ना सिखाने वाले ओटो लिलिएंथल का जन्म.
- 1919 : जयपुर राजघराने की राजमाता महारानी गायत्री देवी का जन्म.
- 1945 : जर्मन तानाशाह हिटलर की यहूदी विरोधी खुफिया सेवा के प्रमुख हेनरिख हिमलर ने अंतरराष्ट्रीय संयुक्त सेनाओं की हिरासत में आत्महत्या की.
- 1951 : चीन ने एक स्वायत्त क्षेत्र के रूप में तिब्बत पर कब्जा कर लिया.
- 1977 : चरमपंथियों ने उत्तरी हालैंड के एक प्राथमिक स्कूल और एक ट्रेन में घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. कमांडो कार्रवाई के जरिए इस संकट को सुलझाने में बीस दिन का समय लगा.
- 1986 : अमेरिका और पश्चिम यूरोपीय देशों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रतिबंधों के प्रस्ताव पर वीटो किया.
- 1994 : सऊदी अरब में भगदड़ से 270 तीर्थयात्रियों की मौत.
- 2004 : बांग्लादेश में तूफान के कारण मेघना नदी में नाव पलटने से 250 डूबे.
- 2008 : भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया.
- 2009 : भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति ‘रोह मू ह्यून’ ने अपने घर के नजदीक पहाड़ियों से छलांग लगाकर आत्महत्या की.
- 2010 : उच्चतम न्यायालय ने बिना विवाह किये महिला और पुरुष के एक साथ रहने को अपराध की श्रेणी से बाहर किया.
- 2015:एक कार दुर्घटना में अमेरिकी गणितज्ञ जान नैश का निधन।
- 2019: आम चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने।