नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री Amit Shah ने पश्चिम बंगाल के हरिदासपुर में अपने दौरे की शुरुआत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्रमों से की। शाह ने यहां कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा की निगरानी के लिए दुर्गम सुंदरवन के जलीय क्षेत्र में तैनात किए गए छह अत्याधुनिक फ्लोटिंग बार्डर आउट पोस्ट और बोट एंबुलेंस का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने हरिदासपुर में मैत्री संग्रहालय का भी शिलान्यास किया। शाह ने फ्लोटिंग सीमा चौकियों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बोट एम्बुलेंस का भी शुभारंभ किया। किसी भी आपातकालीन स्थिति में ये बोट एम्बुलेंस बहुत सहायक सिद्ध होगी। बता दें कि, गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय यात्रा के लिए पश्चिम बंगाल गए हुए हैं जहां वे कई कार्यक्रमों में हिस्साल लेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को अभेद्य बनाना है। हम अपने सैनिकों को सीमा सुरक्षा के लिए दुनिया की सबसे उन्नत टैक्नोलॉजी देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आज भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनवाई गई नर्मदा, सतलुज और कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों का उद्घाटन किया और कहा कि इन फ्लोटिंग सीमा चौकियों से हमारे बीएसएफ के जवानों को सीमा की निगरानी व सुरक्षा करने में बहुत सहायता मिलेगी।उन्होंने कहा कि जब भी किसी भी बॉर्डर गार्डिंग फोर्स के बीच आता हूं तो एक नई चेतना और ऊर्जा लेकर वापस दिल्ली जाता हूं। चाहे राजस्थान का रेगिस्तान हो या कच्छ की क्रीक हो या आज यहां सुंदरबन का क्षेत्र इन सभी कठिन से कठिन परिस्थितियों में आपका जज्बा और जुनून पूरे देश को सुरक्षित रखता है। मोदी जी के नेतृत्व में जो हमारा देश आगे बढ़ रहा है उसका एक प्रमुख कारण है कि आज हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हम चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं क्योंकि यहां सीमा पर हमारे बहादुर जवान देश की सुरक्षा कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों की ओर से आपका अभिनंदन करता हूं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि शाह का इस राज्य का दौरा भाजपा की अपनी संगठनात्मक मशीनरी को मजबूत करने के उद्देश्य से हो रहा है, जो 2021 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद से आंतरिक कलह और दलबदल से त्रस्त है। कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा शाह के राज्य में भाजपा संगठन को बढ़ावा देने के लिए संगठनात्मक बैठकें करने की भी उम्मीद है। गत विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को हराने और 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा को जहां 294 सदस्यीय विधानसभा में से केवल 77 सीटों से संतोष करना पड़ा था वहीं तृणमूल को 213 सीटें मिली थी