देश की राजधानी में अगले पन्द्रह दिन 10 लाख पौधो को लगाया जाएगा। इसी कड़ी में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल रॉय ने दिल्ली के सेंट्रल रिज में मोलसारी का पौधा लगाकर दिल्ली में वनमहोत्सव की शुरूआत की।
साथ ही उन्होंने बताया की दिल्ली में वनमहोत्सव को की उत्सव की तरह ही बनाया जायेगा अगले 15 दिन दिल्ली में हरियाली को बढाने के लिए बहुत अहम है। उन्होंने कहा की इस उत्सव में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री,विधान सभा अध्यक्ष और विधान सभा के सदस्य भी अलग अलग जगह पर पौधे लगाएंगे।और हमारे इस अभियान को महाअभियान बनाएंगे।
वनमहोत्सव को अंत भव्य बनाने की है तैयारी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बताया की वो 15 दिन चलने वाले इस वन महोत्सव को तो यादगार बनाएंगे ही साथ में इसके अखरी चरण में भी कुछ बड़ा किया जायेगा। इस पर पत्रकारो के पूछने पर मंत्री ने बताया की इस महोत्सव का अखरी दिन 25 जुलाई को होगा।और इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है। 25 जुलाई को दिल्ली के असोला भाटी वन्यजीव अभ्यारण में सरकार एक लाख पौधे लगा कर इस महोत्सव का समापन करेगी। साथ ही दिल्ली की 70 विधानसभा में सभी विधायको के नेतृत्व में पौधे लगाए जायेंगे। वही अलग अलग इलाको में इस दौरान 2 हज़ार लगाए जायेंगे।
उन्होंने बताया की इस साल दिल्ली के हरित क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए और साथ ही प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने 35 लाख पौधे दिल्ली में लगाने का लक्ष्य रखा है।
साथ ही उन्होंने बताया की इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अलग अलग 19 विभागो को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। और समय समय पर इसकी जानकारी ली जाती है। साथ ही विभागो को प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग कार्यक्रम के तहत लक्ष्य को हासिल का प्रयास किया जाता है। वही मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिल्ली की जनता की का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 7 लाख पौधो को दिल्ली की जनता और आरडब्ल्यूए की मद्द से लगाए जाने है। जिससे दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
मुफ्त दिया जाएंगे सरकारी नर्सरी में पौधे।
गोपाल रॉय ने बताया की दिल्ली में इस महोत्सव के दौरान कुछ किस्म के पौधे को मुफ्त में वितरित किया जायेगा। जिसमे अमला, अमरुद,धृतकुमारी,कड़ीपत्ता,गिलोय,जामुन,नीम,नींबू, सहजन,तुलसी,बेल,बेहड़ा आदि पौधे शामिल है।
विलायती कीकर को हटाने के लिए भी चलाया जायेगा विशेष अभियान।
मंत्री ने राजधानी में बढ़ रहे विलायती कीकर को हटाने के लिए एक विशेष अभियान चलाए जा रहे है जिसमे अभी पहले चरण में 10 हज़ार हेक्टर भूमि पर विलायती कीकर को हटाया जाना है वही दूसरे चरण में 7 हज़ार हैक्टर पर विलायती कीकर को हटाया जाना। है।
एक आधारिक वेबसाईट से मिले आंकड़े के अनुसार दिल्ली में हरित क्षेत्र कितना है आइए जानें।
इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 के अनुसार राजधानी ने अपने हरित क्षेत्र में 17.6 वर्ग किमी की वृद्धि दर्ज की – दिल्ली के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 342 वर्ग किमी (23.06%) के साथ अब हरित कवर के तहत 1,483 वर्ग किमी।
दिल्ली के वन क्षेत्र में 2017 में इजाफा हुआ है, हालांकि बीते दो वर्ष में ‘अति सघन वन क्षेत्र’ एवं ‘मध्यम सघन वन क्षेत्र’ में कमी आयी है। दिल्ली के 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गयी है। दक्षिण दिल्ली जिले में सबसे अधिक 83.35 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है और सबसे कम 3.70 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में है। सर्वेक्षण के अनुसार 2017 में दिल्ली में कुल वन एवं हरित क्षेत्र बढ़कर 305.41 वर्ग किलोमीटर हो गया जबकि 2015 में यह 299.77 वर्ग किलोमीटर था। 2017 के दौरान दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 के 20.2 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 20.6 प्रतिशत हो गया है। सर्वेक्षण के मुताबिक राज्यों में कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के अनुसार दिल्ली दूसरा सबसे अधिक हरित क्षेत्र वाला राज्य है।
वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी, 2022 को जारी एक आईएसएफआर रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का हरित क्षेत्र पिछले दो वर्षों में अपने भौगोलिक क्षेत्र के 21.88 प्रतिशत से बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया है।
वही पर्यावरण विद इसे विरोधाभासी’ आँकड़ों बता रहे है, हरित कार्यकर्ता भावरीन कंधारी ने पीटीआई को बताया कि कथित हरित लाभ बड़े पैमाने पर भारतीय वन सर्वेक्षण के वन की समस्या और विरोधाभासी पुनर्परिभाषित” से आ रहे हैं। जंगल की नई परिभाषा से वन के रूप में गिने जाने वाले स्पष्ट क्षेत्रों में वृद्धि होगी। हालांकि, इसमें जमीन पर किस प्रकार की भूमि शामिल हो सकती है, या वनों के रूप में उनका समावेश कितना वैध था। इसका आकलन करना अनुभवी क्षेत्र के शोधकर्ताओं के लिए भी बेहद कठिन था।