नई दिल्ली : सेना भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाइ गई नै अग्निपथ नीति का देश भर में हिंसक विरोध हो रहा है। प्रदर्शनकारियों नेके हवाले कर दिया। लेकिन कई जगह इसके पीछे एक सोची-समझी साजिश नजर आ रही है। कई जगह इस विरोध प्रदर्शन को कई संगठन व राजनैतिक दल हवा दे रहे हैं। अभी तक सबसे ज्यादा हिंसा बिहार राज्य में हुई है। जहां के प्रदर्शनकारियों ने आज शनिवार को बिहार बंद का आह्वान भी किया है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित युवाओं ने ईंट-पत्थर, लाठियां लिए हुए कई जगह रेलवे परिसर में बवाल मचाया और विभिन्न शहरों, कस्बों में राजमार्गों को अवरूद्ध कर दिया।बयक्सर में अग्निपथ आंदोलन सुबह 5 बजे से दिल्ली पटना-कोलकाता रेलवे ट्रैक जाम, अप और डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन रुका, डुमरांव स्टेशन के पास हजारों युवा सुवह 5 बजे से ही जुटकर रेलवे ट्रैक पर कर रहे नारेबाजी। समस्तीपुर में ट्रेन में लगाई आग, घटना हाजीपुर-बरौनी रेलखंड के मोहिउद्दीन नगर रेलवे स्टेशन की है। बेगूसराय में अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए छात्रों ने रेल ट्रैक पर टायर जलाकर बटोनी कटिहार रेल खंड के किया जाम, बलिया लखमीनिया स्टेशन पर सैकड़ों छात्र आगजनी कर विरोध प्रदर्शना रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 340 ट्रेन का परिचालन प्रभावित हुआ और अब तक 234 ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी अब तक सात ट्रेनों के डिब्बों को आग लगा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) जोन में तीन चलती ट्रेनों के डिब्बों और उसी जोन के कुल्हरिया में एक खाली बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बलिया में धुलाई के लिये कतार में खड़ी एक ट्रेन की एक बोगी को भी नुकसान पहुंचाया गया। ईसीआर जोन में अब तक 64 ट्रेन को गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है।
उत्तर प्रदेश से लेकर तेलंगाना और बिहार से लेकर मध्य प्रदेश तक, देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशित युवाओं की भीड़ ने ईंट-पत्थर फेंके। वहीं, राजनाथ सिंह, अमित शाह और थल सेना प्रमुख ने भर्ती योजना को लेकर पैदा चिंताओं को दूर करने की कोशिश की लेकिन थोड़ी ही सफलता मिली।थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 के लिए आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का का निर्णय उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा, जो सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा नहीं कर पाए।