विराट कोहली के क्रिकेट का दिवाना विश्व में हर कोई है. विराट पिछले तीन सालों से शतक नही छड़ पा रहे थे. वह अपनी फार्म तलाशने की कोशिश कर रहे थे जिसमें वह लगातार असफल हो रहे थे. लेकिन यह असफलता सिर्फ एशिया कप के पहले तक ही थी. एशिया कप में आने के बाद पहले ही मैच में पाकिस्तान के अच्छी बॉलिंग लाइन-अफ के सामने शानदार 35 रन बनाए. इसके बाद उन्होंने हांगकांग और पाकिस्तान के खिलाफ दो अर्धशतक जड़े और आखिरी में यह शतक. एशिया कप ने विराट कोहली के अंदर एक नई जान फूंका हैं देखते हैं विराट इस जान का इस्तेमाल कैसे करते हैं.
- भारत ने बनाया एशिया कप का सबसे बड़ा स्कोर
इस मैच रोहित शर्मा को आराम दिया गया. अफगानिस्तान ने टॉस जीता और भारत को बल्लेबाज के लिए आमंत्रित किया. केएल राहुल के साथ विराट कोहली ओपनिंग करने आए. दोनों के बीच पहले विकेट के लिए शानदार साझेदारी हुई. केएल राहुल ने एशिया कप में पहला अर्धशतक बनाया. राहुल ने 41 गेदों में 6 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 62 रन की पारी खेली.
तो वहीं विराट कोहली ने शतकों का सूखा खत्म करते हुए 61 गेदों में 12 चौके और 6 छक्के की मदद से 122 रन बनाया. विराट ने अपने पारी में हर तरफ से चौका लगाया. इस मैच में उन्होंने राशिद और मुजीब के सामने भी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया.अफगानिस्तान के तरफ से बाबा फरीद को दो सफलता मिली.
- भारत ने 101 रन से जीता मैच
अफगानिस्तान को 213 रन का बड़ा लक्ष्य मिला था. और उपर से भुवनेश्वर कुमार ने शुरू में भी इतने विकेट लेकर लिए कि मैच में कभी ऐसा लगा ही नही कि अफगानिस्तान जीत भी सकता है. अफगानिस्तान के तरफ से सबसे ज्यादा रन इब्राहिम जादरान ने बनाया. जादरान ने 59 गेदों में 4 चौके और 2 छक्के की मदद से 64 रन बनाए. जादरान के अलावा किसी ने भी 20 रन का स्कोर भी पार नही किया. भारत के तरफ से भुवनेश्वर कुमार ने 4 ओवर में 4 रन देकर 5 विकेट लिए. इनके अलावा अर्शदीप, अश्विन और हुड्डा को एक-एक विकेट मिला.
- शतक के बाद क्या बोले विराट
मैन ऑफ द मैच रहे विराट कोहली ने पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में बोलते हुए कहा कि, ‘सबसे पहले मैं आभारी हूं कि आज का दिन कैसा गुजरा. खेल से दूर रहते समय ने मुझे वापस बैठने और अपने बारे में बहुत सी चीजों को देखने का अच्छा मौका दिया. मैंने एक विशेष व्यक्ति का उल्लेख किया – अनुष्का – जो इन कठिन समय में मेरे साथ खड़ी रही और मैंने उसका उल्लेख किया क्योंकि उसने इन सभी महीनों में मेरा पूर्ण कच्चा पक्ष देखा है. वह मेरे लिए चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखने वाली थी, मुझे सही तरह का मार्गदर्शन देती रही, दृष्टि आगे बढ़ती रही और मैं एक आराम से व्यक्ति के रूप में सिस्टम में वापस आ गया. यह सिर्फ खेल का आनंद लेने, खेल को समझने और भगवान ने आपको क्या आशीर्वाद दिया था, इसके बारे में था. आज पिछले कुछ मैचों की तैयारी थी, ईमानदारी से कहूं तो मैंने अपनी पूरी ताकत से बल्लेबाजी की और मैंने खुद को चौंका दिया. मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे 60 के झोल से आगे निकल गया; मेरे लिए काफी चौंकाने वाला था, बहुत अच्छी बल्लेबाजी करना और योगदान देना लेकिन यह पर्याप्त नहीं लगता. मैं वास्तव में किसी को कुछ भी नहीं बता सकता क्योंकि मैंने कहा था कि भगवान ने मुझे अतीत में अच्छी चीजें दी हैं और इसलिए मैं इस स्थिति में हूं जहां इन चीजों के बारे में बात की जा सकती है. मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि भगवान हमारे भाग्य में सब कुछ के साथ हम सभी को आशीर्वाद दे रहे हैं, हमें बस कड़ी मेहनत करनी है. इसलिए मैं ड्राइंग बोर्ड पर वापस गया, नए सिरे से और उत्साहित होकर वापस आया. टीम के वातावरण का मेरे साथ बहुत अच्छा संचार रहा है, मुझे तनावमुक्त रखा और मेरे दृष्टिकोण को सही रखा. जब मैं वापस आया तो मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं आ रही थी, उन्होंने सिर्फ बल्ला कहा और यह आनंद की जगह में आने की बात थी. मेरे पास कई सुझाव हैं, बहुत सी सलाह मेरे पास आई हैं; लोग मुझे बता रहे थे कि मैं यह गलत कर रहा था, वह गलत, मैंने अपने सबसे अच्छे समय से सभी वीडियो निकाले; वही प्रारंभिक गति, गेंद के प्रति समान दृष्टिकोण और यह वही था जो मेरे सिर के अंदर चल रहा था मैं इसे किसी को भी समझा नहीं पा रहा था. दिन के अंत में आप एक व्यक्ति के रूप में जानते हैं कि आप कहां खड़े हैं, लोगों की अपनी राय होगी लेकिन वे महसूस नहीं कर सकते कि आप क्या महसूस कर रहे हैं. मैं उस समय के लिए बहुत आभारी हूं और मुझे अपना नजरिया बदलने के लिए इसकी जरूरत थी.