विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी तत्व माने जाते हैं, ऐसे में यदि किसी भी विटामिन की कमी हो तो हमारे शरीर को उसी प्रकार की हानि का सामना करना पड़ता है! शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए रोजाना कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। सामान्यतौर पर हम प्रोटीन, विटामिन सी-डी जैसे पोषक तत्वों की जरूरतों को समझते हुए आहार के माध्यम से इनका सेवन तो करते हैं, पर कई अन्य आवश्यक पोषक तत्वों वाली चीजों का सेवन करना भूल जाते हैं। विटामिन-ए ऐसा ही एक अति आवश्यक पोषक तत्व है, जिसकी शरीर में कमी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। विटामिन-ए आंखों, प्रतिरक्षा प्रणाली, प्रजनन और त्वचा स्वास्थ्य सहित कई अन्य शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ दैनिक रूप से इस पोषक तत्व वाले आहार के सेवन की सलाह देते हैं।
वयस्क पुरुषों को प्रतिदिन 900 माइक्रोग्राम और वयस्क महिलाओं को 700 माइक्रोग्राम की मात्रा में रोजाना इस विटामिन की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, शिशुओं और बच्चों में इस विटामिन की कमी के मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। जिन लोगों में इसकी कमी हो जाती है उनमें सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोनिक दस्त जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। आंकड़े बताते हैं कि विकासशील देशों में बहुत से लोगों को पर्याप्त विटामिन-ए नहीं मिलता है।
त्वचा कोशिकाओं के निर्माण और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए विटामिन-ए महत्वपूर्ण है। त्वचा में सूजन को कम करने में भी यह मदद करता है। शोध बताते हैं कि जिन लोगों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ए नहीं मिल पाता है उनमें एक्जिमा, त्वचा में सूखापन, खुजली और सूजन की समस्या हो सकती है। विटामिन-ए की लगातार बनी रहने वाली कमी के कारण त्वचा कोशिकाओं को दीर्घकालिक क्षति भी हो सकती है, इसका विशेष ध्यान रखें।
विटामिन-ए की कमी, ड्राई आइज की समस्या को भी बढ़ावा दे सकती है। जिन लोगों में इसकी ज्यादा कमी हो जाती है, उनमें कम दिखाई देने या कॉर्निया की अन्य समस्याओं का जोखिम अधिक हो सकता है।
ड्राई आइज की समस्या में चूंकि आंखों में आंसू बनने कम हो जाते हैं जिसके कारण लालिमा, जलन और चुभन की दिक्कत हो सकती है। भारत, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में छोटे बच्चे, जिनके आहार में विटामिन-ए की कमी होती है, उनमें ड्राई आइज विकसित होने का सबसे अधिक खतरा होता है।