Sunday, September 8, 2024
HomeIndian Newsक्या खांडेराव होल्कर से हारे थे महाराजा सूरजमल?

क्या खांडेराव होल्कर से हारे थे महाराजा सूरजमल?

इतिहासकारों का मानना है कि खंडेराव होल्कर से महाराजा सूरजमल युद्ध में हार गए थे! फिल्म पानीपत से शुरू हुआ विवाद एक बार फिर गर्मा गया है। पानीपत मूवी के बाद सीरियल अहिल्याबाईमें भी दिखाया गया है कि खांडेराव होल्कर से भरतपुर रियासत के पूर्व महाराजा सूरजमल को युद्ध में हार गए थे। इस मुद्दे पर नवभारत टाइम्स ने इतिहासकारों से बात की है। इतिहासकारों का दावा है कि पूर्व महाराजा सूरजमल कभी युद्ध नहीं हारे, बल्कि खांडेराव होल्कर की मौत उनके साथ युद्ध में हुई थी। इसको लेकर रूपवास और कुम्हेर थाने में दो अलग-अलग एफआइआर दर्ज कराई गई है! इतिहासकारों के मुताबिक मराठा शासक खांडेराव होल्कर अपने अनेक साथियों के साथ 80000 की सेना लेकर भरतपुर के कुम्हेर किले पर आक्रमण करने पहुंचे थे। उस समय महाराजा सूरजमल ने अपनी सिर्फ 10,000 की सेना से खंडेराव और उसके साथियों की 80,000 सेना को धूल चटा दी थी। इस युद्ध में खांडेराव होल्कर को भागना पड़ा था । इतिहासकार महेंद्र सिकरवाल से मिली जानकारी के अनुसार खंडेराव को अपनी इस करनी के लिए महाराजा सूरजमल ने मौत के घाट उतार दिया था । लेकिन उसके बावजूद भी महाराजा सूरजमल ने खंडेराव के शव का अंतिम संस्कार भी सम्मानपूर्वक कर उसकी समाधि यहां कुम्हेर डीग मार्ग पर बनाई थी।

महाराजा सूरजमल राजा बदन सिंह के पुत्र थे, जिन्होंने 17 वीं सदी में भरतपुर की स्थापना की थी । उन्होंने अपने छोटे से साम्राज्य का विस्तार कर उसे काफी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया था । मथुरा, आगरा ,बागपत ,मेरठ और बरेली तक महाराजा सूरजमल के साम्राज्य का विस्तार था, इसके अलावा गंगा और यमुना नदी भी महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में शामिल थी । महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में 80 युद्ध लड़े और सभी युद्ध उन्होंने जीते थे । अपने पूरे जीवन काल में महाराजा सूरजमल एकमात्र ऐसे राजा और योद्धा रहे जो कभी भी युद्ध नहीं हारे । कहने को तो भरतपुर रियासत के ये राजा महाराजा थे, मगर किसान का जीवन व्यतीत करते थे । महाराजा सूरजमल ने हमेशा दीन दुखियों दलितों शरणागत हो और स्त्रियों की रक्षा की थी।

जब मुगलों का आतंक बढ़ रहा था उस समय दिल्ली के बादशाह ने एक हिंदू लड़की को बंधक बना लिया था और उससे शादी करना चाहता था । हिंदू लड़की की मां ने सभी जगह पुत्री को बचाने की गुहार लगाई , लेकिन जब सभी जगह से उसे निराशा हाथ लगी। तब परेशान होकर उस लड़की की मां ने खून से लिखा एक पत्र महाराजा सूरजमल को भरतपुर भिजवाया था और पुत्री की लाज बचाने की गुहार लगाई थी ।इसके बाद महाराजा सूरजमल ने अपना दूत बेचकर दिल्ली के बादशाह को यह समझाया था कि हिंदू लड़की को तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए । मगर दिल्ली के बादशाह ने राजा सूरजमल के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था । इसके बाद हिंदू लड़की की इज्जत बचाने के लिए महाराजा सूरजमल ने अपनी सेना के साथ दिल्ली पर आक्रमण कर दिया था । महाराजा सूरजमल दिल्ली के बादशाह को खत्म करना चाह रहे थे तभी उनकी तलवार के सामने बादशाह की पत्नी आ गई और महाराजा सूरजमल को गुहार लगानी लगी।

इतिहासकारों के मुताबिक जयपुर की राजगद्दी पर राजा बनने के लिए दो भाई ईश्वर सिंह माधव सिंह के बीच ठन गई थी । छोटे भाई माधव सिंह ने राजा बनने के लिए अनेकों रियासतों से राजा और सेना को अपने साथ ले लिया था । मगर धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने वाले महाराजा सूरजमल ने राजा बनने के हकदार बड़े भाई ईश्वर सिंह का साथ दिया कॉल ईश्वर सिंह की तरफ से युद्ध का नेतृत्व करते हुए विरोधियों की सेना को हराकर भगा दिया था और ईश्वर सिंह की जयपुर रियासत में ताजपोशी कराई थी । तभी से आज भी जयपुर में ईश्वर सिंह लाट प्रसिद्ध है ।

दरअसल आरोप है कि सोनी टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले शो अहिल्याबाई में 17 नवंबर महाराजा सूरजमल को लेकर गलत कहानी दिखाई गई।मगर धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने वाले महाराजा सूरजमल ने राजा बनने के हकदार बड़े भाई ईश्वर सिंह का साथ दिया कॉल ईश्वर सिंह की तरफ से युद्ध का नेतृत्व करते हुए विरोधियों की सेना को हराकर भगा दिया था और ईश्वर सिंह की जयपुर रियासत में ताजपोशी कराई थी । तभी से आज भी जयपुर में ईश्वर सिंह लाट प्रसिद्ध है । उनका चैनल ने गलत चित्रण किया गया। चैनल की ओर से महाराजा सूरजमल को कायर बताने की कोशिश की गई। इसके बाद हरियाणा से लेकर राजस्थान तक में टीवी सीरियल का विरोध शुरू हो गया है। अहिल्या बाई सीरियल के निर्माता जैक्सन सेठी के खिलाफ राजस्थान और हरियाणा में कई जगह पुलिस थानों में शिकायत दर्ज हो चुकी हैं!

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments