मुख्तार अंसारी को सबसे खतरनाक अपराधी माना जाता है! रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया ये कहावत उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के लिए एकदम सटीक बैठती है। यूपी में लंबे समय तक दहशत फैलाने वाले बाहुबली नेता और माफिया मुख्तार अंसारी सालों से जेल में बंद है और अब उसके बाहर निकलने की उम्मीद भी नहीं है। वजह है एक के बाद एक मामलों में मिल चुकी सजा, लेकिन बावजूद इसके माफिया के तेवर अभी भी वैसे ही हैं जैसे पहले हुआ करते थे। आज भी बात-बात में लोगों को डराने का धमकाने का अंदाज वैसा ही जैसा पहले सालों तक लोगों ने देखा। इस माफिया ने एक बार फिर दी है धमकी। ये सबसे ताजा मामला है। आजमगढ़ में मुख्तार की वर्चुअल पेशी होनी थी और इसी पेशी के दौरान उसने गवाह को वीडियो चैट के जरिए ही धमकी दे डाली। ये मामला साल 2014 में हुई एक दो मजदूरों की हत्या का जिसके लिए मुख्तार समेत 9 लोगों को आरोपी बना गया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही बांदा जेल से मुख्तार की पेशी हो रही थी। बस इसी दौरान उसने गवाह को धमकी दे दी। उसने अपने वकील से गवाह की फोटो भी मांगी। इसके बाद उस गवाह ने पुलिस थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई और अपनी सुरक्षा की मांग की है। सोचिए दो-दो उम्रकैद की सजा काट रहा मुख्तार के तेवर ज्यों के त्यों है। न कोई डर न कोई परवाह।
ये बात है साल 2003 की। मुख्तार अंसारी लखनऊ जेल में बंद था और वहां जेलर थे शिव कुमार अवस्थी। तब मुख्तार अंसारी निर्दलीय विधायक हुआ करता था। जेल में मुख्तार से मिलने उसके कुछ साथी आए। जेल के नियम के मुताबिक उनकी चेकिंग होने लगी। मुख्तार को ये बात नागवार गुजरी। उसने जेलर से कहा कि ये मेरे साथी हैं और इन्हें बिना चेकिंग अंदर आने दो। उस वक्त मुख्तार का उत्तर प्रदेश में खासा दबदबा था। राजनीतिक संरक्षण पाकर उसने पूरे राज्य में दहशत फैलाई हुई थी, लेकिन बावजूद इसके जब जेलर अवस्थी ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया तो माफिया आग बबूला हो गया। उसने शिव कुमार अवस्थी पर बंदूक तान दी और धमकी दी- जेल से बाहर निकलो फिर तुम्हे देख लेंगे।
साल 1997 में मुख्तार अंसारी के कहने पर एक बिजनेसमैन नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण हो जाता है।मुख्तार अंसारी की तरह ही उसका बेटा भी धमकियां देने में पीछे नहीं है। साल साल 2022 में एक चुनावी रैली के दौरान अब्बास अंसारी ने खुलेआम पुलिस अधिकारियों को धमकी दे डाली थी। मुख्तार के बेटे ने चुनावी सभा में कहा कि एक बार उनकी सरकार बन जाने दो सबका हिसाब होगा। छह महीने तक कोई ट्रांसफर नहीं होंगे सिर्फ हिसाब किताब होगा। सोचिए माफिया तो माफिया उसका बेटे के तेवर भी कम नहीं हैं।अपहरण के बाद रुंगटा के परिवार से 3 करोड़ की मांग की जाती है। पैसा मिलने के बावजूद नंदकिशोर का कत्ल कर दिया जाता हैसाल 1997 में मुख्तार अंसारी के कहने पर एक बिजनेसमैन नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण हो जाता है। अपहरण के बाद रुंगटा के परिवार से 3 करोड़ की मांग की जाती है। पैसा मिलने के बावजूद नंदकिशोर का कत्ल कर दिया जाता है। इस पूरी घटना ने नंदकिशोर रुंगटा का पूरे परिवार को सदमे में ला दिया। मुख्तार की गुंडागर्दी यहां भी नहीं रुकी। मुख्तार अंसारी ने इस घटना के बाद नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को फोन कर धमकी दे डाली। मुख्तार अंसारी ने कहा कि अगर उनके परिवार ने पुलिस को कुछ बताया तो पूरे परिवार को बम से उड़ा दिया जाएगा। इस पूरी घटना ने नंदकिशोर रुंगटा का पूरे परिवार को सदमे में ला दिया। मुख्तार की गुंडागर्दी यहां भी नहीं रुकी। मुख्तार अंसारी ने इस घटना के बाद नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को फोन कर धमकी दे डाली। मुख्तार अंसारी ने कहा कि अगर उनके परिवार ने पुलिस को कुछ बताया तो पूरे परिवार को बम से उड़ा दिया जाएगा।
मुख्तार अंसारी की तरह ही उसका बेटा भी धमकियां देने में पीछे नहीं है। साल 2022 में एक चुनावी रैली के दौरान अब्बास अंसारी ने खुलेआम पुलिस अधिकारियों को धमकी दे डाली थी। मुख्तार के बेटे ने चुनावी सभा में कहा कि एक बार उनकी सरकार बन जाने दो सबका हिसाब होगा। छह महीने तक कोई ट्रांसफर नहीं होंगे सिर्फ हिसाब किताब होगा। सोचिए माफिया तो माफिया उसका बेटे के तेवर भी कम नहीं हैं।