Friday, September 20, 2024
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क्या शरद पवार की सहमति से बनी थी भाजपा-एनसीपी की सरकार?

शरद पवार की सहमति से भाजपा-एनसीपी की सरकार बनी थी! महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले जब उन्होंने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो उसमें शरद पवार का भी सहमति थी। दरअसल, 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दोनों ने बहुमत का आंकड़ा पार भी कर लिया था, लेकिन बाद में शिवसेना और भाजपा में बात नहीं बन पाई। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने तड़के राजभवन में अजित पवार के समर्थन के साथ सरकार बना ली थी। इस बारे में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की सहमति से भाजपा-एनसीपी सरकार के गठन की तैयारी की गई थी। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तड़के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार को शपथ दिलाई थी। हालांकि, सरकार सिर्फ 48 घंटे में ही गिर गई।

एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरे साथ दो बार विश्वासघात हुआ। शिवसेना और भाजपा में बात नहीं बन पाई। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने तड़के राजभवन में अजित पवार के समर्थन के साथ सरकार बना ली थी। इस बारे में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की सहमति से भाजपा-एनसीपी सरकार के गठन की तैयारी की गई थी। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तड़के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार को शपथ दिलाई थी। हालांकि, सरकार सिर्फ 48 घंटे में ही गिर गई।पहला उद्धव ठाकरे ने किया। उनके साथ हमने मिलकर चुनाव लड़ा। चुनाव प्रचार में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे, तब वे ताली बजा रहे थे। चुनाव नतीजे सामने आने पर जब उन्होंने संख्या देखी और उन्हें लगा कि अपना मुख्यमंत्री हो सकता है।

उसके बाद उन्होंने मेरा फोन तक नहीं उठाया। मुझसे चर्चा तक नहीं की। मुख्यमंत्री पद की कुर्सी उन्हें इतनी प्यारी थी कि वे राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ चले गए। फडणवीस ने कहा कि दूसरा विश्वासघात एनसीपी ने किया।शिवसेना और भाजपा में बात नहीं बन पाई। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने तड़के राजभवन में अजित पवार के समर्थन के साथ सरकार बना ली थी। इस बारे में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की सहमति से भाजपा-एनसीपी सरकार के गठन की तैयारी की गई थी। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तड़के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार को शपथ दिलाई थी। हालांकि, सरकार सिर्फ 48 घंटे में ही गिर गई। हालांकि, इसके लिए मैं उन्हें कम दोषी मानता हूं। हमें एनसीपी से ऑफर आया कि हम एक स्थिर सरकार के लिए मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं। ऐसे में हमने उनसे चर्चा की। उस वक्त शरद पवार के साथ ही बातचीत हुई। शरद पवार से चर्चा होने के बाद बातें तय हो गई, लेकिन तय होने के बाद वे कैसे बदले, यह आप सभी ने देखा है।

दरअसल, 24 अक्तूबर 2019 को घोषित हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने 105 सीट पर जीत हासिल की थी।शिवसेना और भाजपा में बात नहीं बन पाई।सरकार सिर्फ 48 घंटे में ही गिर गई। हालांकि, इसके लिए मैं उन्हें कम दोषी मानता हूं। हमें एनसीपी से ऑफर आया कि हम एक स्थिर सरकार के लिए मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं। ऐसे में हमने उनसे चर्चा की। उस वक्त शरद पवार के साथ ही बातचीत हुई। शरद पवार से चर्चा होने के बाद बातें तय हो गई, लेकिन तय होने के बाद वे कैसे बदले, यह आप सभी ने देखा है। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने तड़के राजभवन में अजित पवार के समर्थन के साथ सरकार बना ली थी। इस बारे में बड़ा खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की सहमति से भाजपा-एनसीपी सरकार के गठन की तैयारी की गई थी।

इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तड़के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार को शपथ दिलाई थी। हालांकि, सरकार सिर्फ 48 घंटे में ही गिर गई। भाजपा के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी। गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट होने के बावजूद दोनों सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई और शिवसेना ने कांग्रेस-राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी थी।

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