क्या भारत में हुआ था सैन्य तख्तापलट?

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आज हम आपको भारत में हुए सैन्य तख्तापलट की कहानी सुनाने जा रहे हैं! जनवरी की वो रात जब रायसीना हिल्‍स डर गई: आर्मी की दो प्रमुख टुकड़‍ियां सरकार को बताए बिना दिल्‍ली की ओर बढ़ीं’ इसी हेडलाइन से एक रिपोर्ट 4 अप्रैल 2012 को इंडियन एक्‍सप्रेस के फ्रंट पेज पर छपी। इसमें दावा किया गया कि तत्‍कालीन यूपीए सरकार की जानकारी के बिना सेना की दो अहम टुकड़‍ियां जनवरी 2012 में दिल्‍ली कूच कर रही थीं। तब सेना प्रमुख रहे जनरल वीके सिंह समेत सरकार ने सिरे से रिपोर्ट को खारिज किया। उस वक्‍त सिस्‍टम का हिस्‍सा रही हस्तियों ने भी बाद में सैन्‍य तख्‍तापलट की ऐसी किसी कोशिश से साफ इनकार किया। जनरल सिंह के बेहद भरोसेमंद अफसर रहे कर्नल हनी बख्‍शी रिटायर्ड ने उस दौर के बारे में बताया है।

तत्‍कालीन आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने 16 जनवरी 2012 को जन्‍मतिथि विवाद के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 4 अप्रैल 2012 को छपी इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उसी रात खुफिया एजेंसियों ने अचानक मिलिट्री मूवमेंट की जानकारी दी जिसकी सूचना सरकार को नहीं थी। रिपोर्ट में लिखा था कि हिसार में तैनात 33वीं आर्मर्ड डिविजिन की एक टुकड़ी दिल्‍ली की तरफ बढ़ी थी। अखबार ने लिखा कि मैकेनाइज्‍ड इन्‍फैंट्री की एक पूरी यूनिट मोबलाइज की गई जो अपने साथ 40 से ज्‍यादा टैंक ट्रांसपोर्टर्स लेकर चली थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, थोड़ी देर बात आगरा में तैनात 50वीं पैरा ब्रिगेड की एक यूनिट भी दिल्‍ली की ओर मूव करने लगी। अखबार ने सूत्रों के हवाले से तख्‍तापलट की कोशिश की आशंका जताई। सेना ने कहा कि यह रूटीन एक्‍सरसाइज थी।

आर्मी के कथित मूवमेंट वाली यह रिपोर्ट तीन महीने बाद क्‍यों आई? कर्नल बख्‍शी ने कहा, ‘आर्मी हर साल कुछ एक्‍सरसाइज करती है और जब आप हर साल ऐसी एक्‍सरसाइज करते हैं तो किसी नए विचार की जरूरत नहीं रह जाती। उस वक्‍त एक नया विचार आया और उस वजह से कुछ चीजों की जांच करनी पड़ी। मैं डीटेल्‍स में नहीं जाऊंगा क्‍योंकि उससे कई मसले खड़े हो जाएंगे। वह एक्‍सरसाइज बस तैयारी पुख्‍ता करने के लिए थी, बेसिकली टाइम और डिस्‍टेंस चेक करने के लिए थी… अगर आप मेरा यकीन करें तो टाइम एंड डिस्‍टेंस दिल्‍ली के लिए था ही नहीं। यह वैसा मूवमेंट था भी नहीं जैसा उन्‍होंने (रिपोर्ट में) दिखाया।’

कर्नल बख्‍शी ने कहा कि ‘तख्‍तापलट’ की कोई कोशिश नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि ‘मैं ऑन रिकॉर्ड यह बात कह रहा हूं कि इस देश की सेना कभी ऐसा नहीं करेगी।आर्मी के कथित मूवमेंट वाली यह रिपोर्ट तीन महीने बाद क्‍यों आई? कर्नल बख्‍शी ने कहा, ‘आर्मी हर साल कुछ एक्‍सरसाइज करती है और जब आप हर साल ऐसी एक्‍सरसाइज करते हैं तो किसी नए विचार की जरूरत नहीं रह जाती। उस वक्‍त एक नया विचार आया और उस वजह से कुछ चीजों की जांच करनी पड़ी। मैं डीटेल्‍स में नहीं जाऊंगा क्‍योंकि उससे कई मसले खड़े हो जाएंगे। वह एक्‍सरसाइज बस तैयारी पुख्‍ता करने के लिए थी, बेसिकली टाइम और डिस्‍टेंस चेक करने के लिए थी… अगर आप मेरा यकीन करें तो टाइम एंड डिस्‍टेंस दिल्‍ली के लिए था ही नहीं। यह वैसा मूवमेंट था भी नहीं जैसा उन्‍होंने (रिपोर्ट में) दिखाया।’ हम दुश्‍मन सेना नहीं हैं। हम एक लोकतांत्रिक देश की सेना हैं।’ कर्नल बख्‍शी ने कहा कि वह आर्टिकल शायद (रक्षा) मंत्रालय के भीतर दिया गया।

एक अखबार को सारी सूचनाएं मिल रही थीं। आप मीडिया का हिस्‍सा हैं, अगर कोई अधिकारी कुछ कहता है तो आपके लिए वह सोर्स है, आप उसे चलाएंगे।आर्मी के कथित मूवमेंट वाली यह रिपोर्ट तीन महीने बाद क्‍यों आई? कर्नल बख्‍शी ने कहा, ‘आर्मी हर साल कुछ एक्‍सरसाइज करती है और जब आप हर साल ऐसी एक्‍सरसाइज करते हैं तो किसी नए विचार की जरूरत नहीं रह जाती। उस वक्‍त एक नया विचार आया और उस वजह से कुछ चीजों की जांच करनी पड़ी। मैं डीटेल्‍स में नहीं जाऊंगा क्‍योंकि उससे कई मसले खड़े हो जाएंगे। वह एक्‍सरसाइज बस तैयारी पुख्‍ता करने के लिए थी, बेसिकली टाइम और डिस्‍टेंस चेक करने के लिए थी… अगर आप मेरा यकीन करें तो टाइम एंड डिस्‍टेंस दिल्‍ली के लिए था ही नहीं। यह वैसा मूवमेंट था भी नहीं जैसा उन्‍होंने (रिपोर्ट में) दिखाया।’ हिंदुस्‍तान में तो लोगों को तड़के की आदत पड़ गई है न, हम तो खाना भी बिना तड़के के नहीं खाते… और यह तो बहुत अच्‍छा तड़का था… ऐसा कुछ नहीं है। मेरा विश्‍वास कीजिए।’