शहद के फायदों के बारे में जितनी बात की जाए वो कम है। गुणों के आधार पर देखा जाए तो शहद जैसा पौष्टिक आहार दूसरा और कोई नहीं है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ यह कई तरह की बीमारियों से बचाती है। प्राचीन काल से ही शहद का इस्तेमाल औषधि के रुप में होता रहा है और आज के समय में भी अधिकांश दवाइयों में इसका उपयोग किया जाता है। स्वादिष्ट और मीठा होने के कारण शहद का इस्तेमाल मिठास के लिए भी किया जाता है। आमतौर पर शहद में कफ, विष, रक्तपित्त, प्यास और हिचकी को खत्म करने वाले गुण होते हैं। नया शहद ताकत बढ़ाने वाला और थोड़ी मात्रा में कफ को नष्ट करने वाला होता है। वहीं पुराना शहद कब्ज, चर्बी और मोटापा नष्ट करने वाला होता है। शहद अच्छा योगवाही है अर्थात इसे जिसके साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है यह उसके गुणों से युक्त हो जाता है। अतः आयुर्वेदीय औषधियों में अनुपान के रूप में सबसे अधिक शहद का प्रचलन है। अधिकांश आयुर्वेदिक दवाइयों को शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक
शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपको तमाम तरह की बीमारियों से बचाते हैं। शहद का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
घाव भरने में उपयोगी
अगर आपका घाव जल्दी ठीक नहीं हो रहा है तो ऐसे में शहद का इस्तेमाल करने से वो जल्दी ठीक हो जाता है। शहद त्वचा को नमी प्रदान कर त्वचा को मुलायम बनाता है और क्षतिग्रस्त त्वचा का पुनः निर्माण करके घावों को भरता है।
कफ दूर करने में सहायक
गले और सीने में कफ जमा हो जाने की वजह से कई दिक्कतें होने लगती है। सांस लेने में तकलीफ होना, खांसी आना या गले में खराश होने जैसी समस्याएं जमे हुए कफ के कारण ही होती है। शहद में ऐसे गुण होते हैं जो जमे हुए कफ को टुकड़े टुकड़े करके बाहर निकालती है और इन समस्याओं से राहत दिलाती है।
शरीर के विषैले पदार्थों को दूर करता है
हम जो भी खाना खाते हैं उसका अधिकांश हिस्सा तो आसानी से पच जाता है लेकिन कुछ भाग पचते नहीं हैं और ये शरीर में इकठ्ठा होते रहते हैं। ये सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इन्हें ही आयुर्वेद में ‘अमा’ कहा गया है। शहद इन हानिकारक विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
पाचक अग्नि को बढ़ाता है
शरीर का पूरा पाचन तंत्र, जठराग्नि या पाचक अग्नि पर ही निर्भर है। इसीलिए आयुर्वेद में पाचक अग्नि के संतुलित होने पर काफी जोर दिया गया है। शहद खाने से पाचक अग्नि बढ़ती है जिससे पेट से जुड़ी तमाम तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
भूख बढ़ाने में सहायक
शहद खाने से भूख बढ़ती है। कई लोग को भूख ना लगने की समस्या होती है जिसकी वजह से वे समय पर खाना नहीं खाते हैं। इस कारण शरीर में कमजोरी और अन्य कई बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में शहद का सेवन करना गुणकारी है। विशेषज्ञों के अनुसार शहद खाने से भूख बढ़ती है।
त्वचा में निखार लाता है
शहद सिर्फ आपको बीमारियों से ही नहीं बचाता बल्कि इसका उपयोग आप अपना सौंदर्य बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। शहद में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो चेहरे की चमक बढ़ाते हैं और दाग धब्बों को दूर करते हैं। यही कारण है कि कई ब्यूटी क्रीम में शहद का इस्तेमाल किया जाता है। आप भी चेहरे पर निखार लाने के लिए शहद का उपयोग कर सकते हैं।
अतिसार या दस्त में उपयोगी है शहद
गर्मियों और बरसात के मौसम में दस्त होना एक आम समस्या है। खासतौर पर बच्चे बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आते हैं। आयुर्वेद के अनुसार दस्त होने पर शहद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
शहद के अन्य फायदे
उपरोक्त बताए गए फायदों के अलावा शहद डायबिटीज, कुष्ठ, उल्टी आदि रोगों में फायदेमंद है। हालांकि इन रोगों के इलाज के लिए शहद का सेवन किसी चिकित्सक के परामर्श के बाद ही करें।
शहद के साथ क्या ना खाएं
इन चीजों का सेवन शहद के साथ ना करें, आयुर्वेद में इन्हें शहद के साथ में खाने से मना किया गया है। घी(समान मात्रा में पुराना घी),तेल और वसा,अंगूर,कमल का बीज,मूली,अधिक गर्म पानी,गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ।
शहद से जुड़ी कुछ विशेष ध्यान रखने वाली बातें
शहद को कभी भी गर्म करने ना खाएं। इसका मतलब यह है कि किसी भी आहार को पकाते समय उसमें शहद डालकर ना पकाएं। शहद को अधिक तापमान कर गर्म करने से उसमें विषैला प्रभाव आ जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक है। अगर आप खाली पेट सुबह पानी में शहद डालकर पी रहे हैं तो पानी में शहद डालकर उबालें नहीं बल्कि आंच बंद करने के बाद पानी को गिलास में डालकर तब उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पियें।