Friday, November 22, 2024
HomeIndian Newsसाउथ इंडियन मूवीस की तरह क्या करें बॉलीवुड?

साउथ इंडियन मूवीस की तरह क्या करें बॉलीवुड?

बॉलीवुड को साउथ इंडस्ट्री की जैसी मूवीस बनाने के लिए आखिर क्या करना चाहिए! बॉलीवुड की फिल्में जिस दौर में कमाई के लिए तरस रही हैं वहीं साउथ सिनेमा की फिल्में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। यहां सिनेमाघरों में पहले दिन भी सीटें नहीं भरतीं, जबकि साउथ की फिल्में कुछ ही दिन में 100 करोड़ क्लब में पहुंच रही हैं। इसकी बड़ी वजह कहीं सिनेमाघरों के सस्ते टिकट तो नहीं। हमने जानने की कोशिश की कि क्या बॉलिवुड मूवीज़ के टिकट सस्ते करने से कुछ भला होगा इंडस्ट्री का?

बॉलीवुड की फिल्में जिस दौर में कमाई के लिए तरस रही हैं, वहीं साउथ सिनेमा की फिल्में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। पिछले हफ्ते रिलीज हुई चियान विक्रम की तमिल फिल्म ‘कोबरा’ ने पहले दिन सिर्फ तमिलनाडु में करीब 10 करोड़ रुपए की ओपनिंग ली है। जानकारों का मानना है कि साउथ सिनेमा की फिल्मों के बंपर प्रदर्शन करने की वजह उनके टिकटों का काफी सस्ते होना है। इसके चलते कम आमदनी वाले फैंस भी अपने पूरे परिवार के साथ सिनेमा में फिल्म देख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप चेन्नै में अपने चहेते स्टार की फिल्म का पहले दिन पहला शोज देखना चाहते हैं, तो आप 100 रुपए से भी कम के टिकट में उसका मजा ले सकते हैं। जबकि इसके उलट हिंदी पट्टी में कोरोना के बाद सिनेमा टिकटों के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली जैसे शहर में आपको पूरे परिवार के साथ फिल्म देखने के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। फिल्मी दुनिया के जानकार बताते हैं कि तमिल और तेलुगू सिनेमा में सिनेमा टिकट के दाम पर सरकार की ओर से भी लिमिट तय है। वहां सिनेमा वाले एक लिमिट से ज्यादा टिकट के दाम नहीं बढ़ा सकते। जबकि हिंदी पट्टी वाले राज्यों में ऐसी कोई लिमिट नहीं है। यही वजह है कि कोरोना के बाद दर्शकों के चुनिंदा फिल्मों को देखने सिनेमा आने की एक वजह उनके महंगे टिकट भी बताए जा रहे हैं।

प्रड्यूसर और फिल्म बिजनेस एनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं, ‘यूं तो किसी फिल्म के चलने के लिए फैंस में उसका क्रेज, उसका कॉन्टेंट और टिकटों के कम दाम तीनों ही चीजें जरूरी हैं। लेकिन अगर टिकटों के दाम कम हों, तो दर्शक एवरेज कॉन्टेंट वाली फिल्म को भी सिनेमा पर देख आते हैं। उदाहरण के तौर पर कम दाम में हम लोग ज्यादा नमक वाले पकौड़े भी खा लेते हैं। उसी तरह अगर फिल्म के टिकट के दाम कम हों, तो दर्शकों की उम्मीदें भी कम हो जाती हैं। मसलन ‘भूल भुलैया 2′ का उदाहरण ले सकते हैं कि वह फिल्म बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन टिकटों के दाम कम होने के चलते इस फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन किया।’

फिल्मी दुनिया के जानकारों के मुताबिक, साउथ सिनेमा की ज्यादातर फिल्मों की सफलता का गणित भी यही है कि है कि उनके टिकटों के दाम कम होने के चलते थिएटर हाउसफुल चलते हैं और सिनेमावालों को अल सुबह से देर रात तक शो चलाने पड़ते हैं। इससे पहले दिन से ही अच्छी कलेक्शन आती है। चियान विक्रम की फिल्म ‘कोबरा’ के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके शोज अलसुबह 5 बजे से शुरू हो गए हैं। वहीं भारी संख्या में फैंस अपने चहेते स्टार की फिल्म देखने पहुंच रहे हैं। न सिर्फ कोबरा बल्कि दूसरी साउथ फिल्में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। पिछले दिनों रिलीज हुई तेलुगू फिल्म ‘कार्तिकेय 2’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं पिछले हफ्ते रिलीज हुई धनुष की तमिल फिल्म थिरुचित्रबलम भी 100 करोड़ क्लब में दस्तक देने को तैयार है।

वहीं साउथ में ऐक्टर्स के फैन क्लब भी काफी महत्वपूर्ण होते हैं। स्टार्स खुद पहले दिन फैंस के बीच फिल्म देखते हैं, जबकि फैंस क्लब सिनेमाघरों को हाउसफुल करने की जिम्मेदारी लेते हैं। यही वजह है कि साउथ में कम दर्शक और कम सिनेमा होने के बाद भी वहां की फिल्में हिंदी फिल्मों से ज्यादा कमाई करती हैं। इसके अलावा साउथ के स्टार्स अपने फैंस के फीडबैक को काफी सीरियसली लेते हैं। मसलन चियान विक्रम की फिल्म ‘कोबरा’ ने पहले दिन अच्छी कमाई की, लेकिन फैंस की ओर से फिल्म की लंबाई ज्यादा होने का फीडबैक मिला, तो चियान ने फिल्म के प्रड्यूसर और डायरेक्टर के साथ मिलकर दूसरे ही दिन फिल्म का 20 मिनट छोटा वर्जन सिनेमाघरों में उतार दिया। अपने चहेते स्टार्स के साथ डायरेक्ट कम्यूनिकेशन होने के चलते जहां साउथ सिनेमा में फिल्मों का रिलीज से पहले क्रेज जबर्दस्त रहता है। वहीं उनका कॉन्टेंट भी अच्छा रहता है और टिकटों के दाम तो कम होते ही हैं। इसलिए फिल्मों को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है। जबकि इसके उलट बॉलीवुड फिल्में आजकल जहां कॉन्टेंट कमजोर होने की परेशानी का सामना कर रही हैं। वहीं लगातार फ्लॉप होती फिल्मों से बॉलिवुड स्टार्स के क्रेज में भी कमी आई है। रही सही कसर सिनेमा टिकटों के बढ़े दाम ने पूरी कर दी। इसलिए अब अगर दर्शकों को वापस सिनेमा में लाना है, तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीवालों को सिनेमा टिकटों के दाम साउथ सिनेमा की तरह सस्ते करने होंगे।

हालांकि सिनेमावालों के पास टिकटों के दाम कम या ज्यादा करने को लेकर अपनी वजहें हैं। मसलन इस बारे में बात करने पर डिलाइट सिनेमा के सीइओ राजकुमार मेहरोत्रा कहते हैं, ‘हमारे यहां सिनेमा टिकटों के दाम पहले ही बहुत ज्यादा नहीं हैं। अपने यहां टिकटों के दाम हमने कोविड से पहले से नहीं बढ़ाए हैं। कोविड में काफी नुकसान उठाने के बावजूद हम पुराने दाम में लोगों को सिनेमा दिखा रहे हैं। सिंगल स्क्रीन सिनेमा के टिकटों के दाम बढ़ाने से पहले मैनेजमेंट को काफी सोच विचार करना पड़ता है।’

वहीं मल्टीप्लैक्स के टिकटों के ज्यादा दाम होने के सवाल पर वेव सिनेमाज के वाइस प्रेसिडेंट योगेश रायजादा कहते हैं, ‘टिकटों के दाम कम या ज्यादा करना पूरी तरह हमारा फैसला नहीं होता। इसमें प्रड्यूसर और डिस्ट्रिब्यूटर को भी तय करना होता है कि वे अपनी फिल्म के लिए कितना दाम वसूलना चाहते हैं। सब जानते हैं कि हमारे सिनेमा चलाने के खर्चे महज टिकटों के दम पर पूरे नहीं होते। रही बात साउथ की तरह सस्ते सिनेमा की तरह तो सुबह के शोज में हमारे यहां भी दर्शक कम दाम में सिनेमा देखने का आनंद ले सकते हैं। वहीं वीकेंड के बाद भी हमारे यहां टिकटों के दाम कम किए जाते हैं। वैसे भी फिलहाल फिल्मों की हालत को देखते हुए कोई भी निर्माता अपनी फिल्मों के टिकटों के दाम ज्यादा रखने की हालत में नहीं है। पिछले दिनों में हिंदी पट्टी में भी सिनेमा टिकटों के दाम में कमी आई है।’

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments