अब ट्विटर पर कई प्रकार के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं! मशहूर उद्योगपति और टेस्ला के CEO एलन मस्क ट्विटर के नए मालिक बन गए हैं। ट्विटर की कमान संभालते ही एलन मस्क पूरे एक्शन में दिखाई दे रहे हैं। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी CEO पराग अग्रवाल, लीगल पॉलिसी की हेड विजया गाड्डे को हटाने के बाद एलन मस्क ने ट्वीट किया पंछी आजाद हुआ। मस्क ने ट्विटर को खरीदने के 44 अरब अमेरिकी डॉलर के करार को गुरुवार पूरा किया। इस डील के साथ ही ट्विटर के नए चीफ ने कंपनी के भीतर सफाई अभियान शुरू कर दिया है और इसकी शुरुआत टॉप 4 अधिकारियों को नौकरी से हटाकर की। पराग अग्रवाल और गाड्डे के अलावा इस लिस्ट में नेड सेगल और जनरल काउंसिल सीन एजेट शामिल हैं। ट्विटर अब एलन मस्क का हो गया है और उनके फैसले से दक्षिणपंथी तबका खुश नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी राय वक्त कर रहे हैं।
इसी साल अप्रैल महीने की बात है जब एलन मस्क के ट्विटर के टेकओवर की खबर आती है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हो गई कि लेफ्ट विंग के लिए यह परेशान करने वाली खबर है। एक यूजर ने एलन मस्क से ट्विटर को किसी भी मुद्दे पर तटस्थ रहने की मांग की थी। कई दूसरे यूजर्स ने लिखा कि ब्लू टिक की भी जांच होनी चाहिए। उसके कुछ दिनों बाद अमेरिका के दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट ग्रुप प्रोजेक्ट वेरिटास ने एक वीडियो जारी किया। यह ट्विटर के सीनियर इंजीनियर एस मुरुगेशन का था जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ट्विटर वामपंथियों का गढ़ है। राइट विंग को खुलेआम सेंसर किया जाता है। वीडियो में मुरुगेशन यह कहते हुए दिखते हैं कि ट्विटर फ्री स्पीच में विश्वास नहीं करता। कंपनी का वर्क कल्चर लेफ्ट विंग से प्रभावित है और कर्मचारी मस्क को कतई पसंद नहीं करते हैं। मस्क ने इस ट्वीट को रिट्वीट किया था।
यह काफी पहले ही तय हो चुका था कि डील फाइनल होने के बाद ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल की विदाई होगी। इसका अंदाजा इससे भी लग जाता है जब पराग अग्रवाल ने कर्मचारियों से कहा था कि कंपनी का भविष्य अनिश्चित है। मस्क के नेतृत्व में ट्विटर का भविष्य अंधकार में है। किसी को नहीं पता कि कंपनी किस दिशा में जाने वाली है। डील फाइनल होते ही सबसे पहले पराग अग्रवाल पर गाज गिरी। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि एलन मस्क ने एक दिसंबर को सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन की एक फोटोशॉप्ड तस्वीर में पराग अग्रवाल का मीम शेयर किया था। इसका साफ मतलब है कि वह उनके निशाने पर पहले से ही थे।
पराग अग्रवाल ही नहीं ट्विटर की लीगल हेड विजया गाड्डे भी एलन मस्क की आंखों की किरकिरी बन गई थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने डॉनल्ड ट्रंप के ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया था। इसमें विजया गाड्डे की भूमिका को अहम माना गया। मस्क ने कहा था कि वह ट्रंप के अकाउंट को फिर से बहाल करेंगे। विजया गाड्डे ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लैपटॉप पर की गई एक स्टोरी की वजह से न्यूयॉर्क पोस्ट के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था। इसकी आलोचना एलन मस्क ने भी की थी। विजया गाड्डे ने 2011 में ट्विटर जॉइन किया था। यहां उनके पास पॉलिसी, सेफ्टी इशूज और लीगल डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी थी। साल 2014 में उन्हें ट्विटर की एक्जीक्यूटिव टीम की सबसे ताकतवर महिला बताया गया था।
ट्विटर पर पूरी तरह नियंत्रण के बाद एलन मस्क ने ट्वीट किया चिड़िया आजाद हुई है। इस ट्वीट के साथ ही इस बात को समझा जा सकता है कि मस्क क्या चाहते हैं। फ्री स्पीच जिसकी वकालत मस्क भी करते हैं और आने वाले वक्त में ट्विटर कंटेट को लेकर अपनी पॉलिसी में बदलाव कर सकता है। डील पूरी होने के बाद ट्विटर के कारोबार, इसके कर्मचारियों और शेयरधारकों के बीच अब तक जो संशय की स्थिति बनी हुई थी वह दूर हो गई है। ट्विटर के सह-संस्थापक बिज स्टोन ने इन अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया पराग, विजया और नेड सेगल ट्विटर में योगदान के लिए आपका आभार। बहुत ही प्रतिभाशाली होने के साथ-साथ बहुत अच्छे इंसान भी। इसके साथ ही मस्क ने ट्विटर पर ट्विटर बॉयो बदलकर Chief Twit कर दिया है।