अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने अमेरिका के लिए क्या कहा?

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अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने अमेरिका के लिए एक बयान दिया है! भारतीय मूल के अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया हाल ही में भारत से लौटे हैं। फरीद भारत से लौटने के बाद यहां हो रही आर्थिक तरक्‍की से काफी प्रभावित हुए। उन्‍होंने एक वीडियो पोस्‍ट कर कहा कि जहां पूरी दुनिया में आर्थिक चिंताएं बढ़ रही हैं तो वहीं भारत में आशावाद की एक लहर नजर आती है। सीएनएन से जुड़े फरीद ने बताया कि भारत में जो माहौल है उसे देखकर वह हैरान हुए बिना नहीं रह सके। भारत, अमेरिका के साथ ही दक्षिण एशिया की राजनीति के जानकार फरीद जकारिया की मानें तो अमेरिका और यूरोप जहां महंगाई और मंदी की वजह से परेशान हैं तो वहीं भारत में आर्थिक स्‍तर पर जो क्रांति आ रही है, वह आगे का रास्‍ता आसान कर रही है। जकारिया ने उन तीन क्रांति का भी जिक्र किया है जिसकी वजह से देश तरक्‍की पर है। फरीद ने अपने आधिका‍रिक ट्विटर हैंडल पर एक क्लिप शेयर की है जिसमें उन्‍हें ये सारी बातें कहते हुए सुना जा सकता है। फरीद ने वीडियो में कह, ‘इस हफ्ते भारत का दौरा करते हुए, मैं यह देखकर दंग रह गया कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों की तुलना में वहां का मिजाज कितना अलग था। जहां अमेरिका और यूरोप के लोग महंगाई और संभावित मंदी को लेकर चिंतित हैं, वहीं भारतीय भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। भारत अब इस ग्रह पर सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है और इस साल 5.9 फीसदी के साथ सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है।’

जकारिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्‍पणी का भी जिक्र किया जिसमें उन्‍होंने कहा था, ‘भारत का समय आ गया है’। जकारिया ने कहा साल 2006 में जब वह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के लिए स्विट्जरलैंड के दावोस गए थे, तो उन्होंने छोटे स्विस शहर में हर जगह ‘अतुल्य भारत’ के होर्डिंग देखे थे। जकारिया ने कहा, ‘ जकारिया ने उन तीन क्रांति का भी जिक्र किया है जिसकी वजह से देश तरक्‍की पर है। फरीद ने अपने आधिका‍रिक ट्विटर हैंडल पर एक क्लिप शेयर की है जिसमें उन्‍हें ये सारी बातें कहते हुए सुना जा सकता है। फरीद ने वीडियो में कह, ‘इस हफ्ते भारत का दौरा करते हुए, मैं यह देखकर दंग रह गया कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों की तुलना में वहां का मिजाज कितना अलग था। जहां अमेरिका और यूरोप के लोग महंगाई और संभावित मंदी को लेकर चिंतित हैं, वहीं भारतीय भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। भारत अब इस ग्रह पर सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है और इस साल 5.9 फीसदी के साथ सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है।’उन वर्षों की तुलना में भारत अब ज्‍यादा तेजी से यानी 9 फीसदी की दर से वृद्धि कर रहा है। जकारिया के मुताबिक भारत के व्यापार मंत्री ने उस समय कहा था कि जल्‍द ही उनका देश चीन को पीछे छोड़ देगा। मगर यह सच नहीं साबित हुआ। कुछ वर्षों के बाद, विकास धीमा हो गया, आर्थिक सुधार ठप हो गए और कई विदेशी व्यवसाय जो बड़े उत्साह के साथ देश में पहुंचे थे, निराश हो गए। कुछ तो पूरी तरह से चले गए।

जकारिया के मुताबिक इस बार जब वह भारत दौरे से लौटे हैं तो ज्‍यादा उत्‍साहित हैं। साल 2000 के दशक के मध्य में उत्साह नहीं था मगर देश तरक्‍की कर रहा था। 20 सालों में यह चीन के बाद दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। जकारिया ने कहा कि कुछ ऐसी क्रांतियां ऐसी रही हैं जिन्होंने भारत के विकास को गति दी है।जकारिया ने उन तीन क्रांति का भी जिक्र किया है जिसकी वजह से देश तरक्‍की पर है। फरीद ने अपने आधिका‍रिक ट्विटर हैंडल पर एक क्लिप शेयर की है जिसमें उन्‍हें ये सारी बातें कहते हुए सुना जा सकता है। फरीद ने वीडियो में कह, ‘इस हफ्ते भारत का दौरा करते हुए, मैं यह देखकर दंग रह गया कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों की तुलना में वहां का मिजाज कितना अलग था। जहां अमेरिका और यूरोप के लोग महंगाई और संभावित मंदी को लेकर चिंतित हैं, वहीं भारतीय भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। भारत अब इस ग्रह पर सबसे ज्‍यादा आबादी वाला देश है और इस साल 5.9 फीसदी के साथ सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अनुमान है।’ उन्‍होंने अपनी क्लिप में आधार, जियो, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में तेजी से होते विकास का जिक्र क्रांति के तौर पर किया है। उनका कहना था कि भारत आने वाला कोई भी व्‍यक्ति यह साफ तौर पर देख सकता था कि सड़कों, एयरपोर्ट्स, रेलवे स्टेशनों और ऐसी दूसरी परियोजनाओं पर खर्च बेतहाशा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2014 से सरकारी पूंजीगत व्यय में 5 गुना इजाफा हुआ है।