भारत ने कनाडा को खालिस्तानीयों से संबंधित एक चेतावनी दे दी है! भारत ने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाए जाने की घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कनाडा सरकार को चेतावनी दे दी है। गौरतलब है कि कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो ने खालिस्तानी प्रदर्शन को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था। इस प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा कि ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे कनाडा सरकार से उठाया है। हमने कनाडा सरकार से कहा कि वो हमारे राजनयिकों को वहां काम करने की आजादी मुहैया कराएं।
बागची ने सिख फॉर जस्टिस के जनमत संग्रह वाले वीडियो पर कहा कि हमें इसकी जानकारी है और हमने इस मुद्दे कनाडा के अधिकारियों के सामने उठाया है। ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे कनाडा सरकार से उठाया है। हमने कनाडा सरकार से कहा कि वो हमारे राजनयिकों को वहां काम करने की आजादी मुहैया कराएं।यही नहीं SFJ चीफ गुरपतवंत पन्नू का भारतीय राजनियकों को धमकी वाले वीडियो को लेकर भी भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। बागची ने कहा कि इस मुद्दे को कनाडा सरकार के सामने उठाया गया है।
गौरतलब है कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों ने दो भारतीय राजनयिकों का पोस्टर चस्पा किया था। इसके बाद ही भारत अलर्ट हो गया था।ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे कनाडा सरकार से उठाया है। हमने कनाडा सरकार से कहा कि वो हमारे राजनयिकों को वहां काम करने की आजादी मुहैया कराएं। दरअसल, भारत में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव के खिलाफ पोस्टर दिखने के बाद भारत अलर्ट हो गया था। उधर, रविवार देर रात खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय काउंसलेट पर हमला भी किया था। इसी पोस्टर को ट्रूडो ने अभिव्यक्ति की आजादी बताया था।
पोस्टर 8 जुलाई को टोरंटो में खालिस्तानी तत्वों द्वारा प्रस्तावित एक रैली के बारे में है। इसका समापन भारतीय उच्चायोग (पोस्टर में भारतीय दूतावास लिखा है) पर होगा। पोस्टर को कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के पूर्व संवाददाता टेरी मिल्वस्की ने ट्वीट किया था। इस बारे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि कनाडा में खालिस्तानी तत्वों के पोस्टरों पर भारतीय राजनयिकों के नाम दिखने का मुद्दा कनाडा और अन्य देशों की सरकारों के साथ उठाया जाएगा क्योंकि इससे संबंधों पर असर पड़ सकता है। ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे कनाडा सरकार से उठाया है। हमने कनाडा सरकार से कहा कि वो हमारे राजनयिकों को वहां काम करने की आजादी मुहैया कराएं। कहा कि मेरा मानना है कि अब तक ऐसा कनाडा की सरकार के समक्ष मुद्दे को उठाने का काम पहले ही किया जा चुका होगा।
जयशंकर ने पिछले महीने कहा था कि कनाडा द्वारा खालिस्तानी तत्वों को जगह देना वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित लगता है। पिछले सप्ताह भी जब उनसे इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था,ये हिंसा को बढ़ावा देने वाला, अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला है। साथ ही आतंकवाद को जायज ठहराने जैसा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे कनाडा सरकार से उठाया है। हमने कनाडा सरकार से कहा कि वो हमारे राजनयिकों को वहां काम करने की आजादी मुहैया कराएं। तो उन्होंने कहा था कि कनाडा खालिस्तानी मुद्दे से जिस तरह निपट रहा है वह हमारे लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से वे वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है।