हाल ही में कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉन्ड और बीजेपी के लिए एक बयान दिया है! राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी चुनावी बॉन्ड के जरिए प्राप्त ‘अवैध धन’ से प्रचार कर रही है और जांच एजेंसियां सो रही हैं। चुनावी बॉन्ड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने ये दावा किया। उन्होंने कहा कि घाटे वाली 33 कंपनियों ने लगभग 581 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड दान किए, जिनमें से 434 करोड़ रुपये बीजेपी के पास गए। चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी और अन्य दलों के पास जो पैसा गया वह अवैध था। कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर बीजेपी के पास गया धन अवैध है, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें आयकर विभाग का कोई नोटिस मिला? मैं आयकर विभाग से पूछना चाहता हूं-क्या उसने बीजेपी को कोई नोटिस भेजा? मैं ईडी से पूछना चाहता हूं- क्या उसने कोई छापेमारी की? सिब्बल ने कहा कि आपने कांग्रेस पार्टी के खाते पर रोक लगा दी, लेकिन बीजेपी के करीब 6,655 करोड़ रुपये मिले, क्या आपके खाते पर रोक लगाई गई?
बीजेपी पर हमला करते हुए सिब्बल ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ। न तो आयकर विभाग ने पार्टी को नोटिस भेजा, जिनकी पूंजीगत आय उनके दान से कम थी। सिब्बल ने कहा कि बीजेपी भी सुरक्षित है, कंपनियां भी सुरक्षित हैं। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई सो रही हैं और भाजपा उस पैसे से प्रचार कर रही है, यही ‘मोदी की गारंटी’ है।न ही ईडी ने सिब्बल ने इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।कंपनियों की ओर से 2,717 करोड़ रुपये का दान दिया गया, जिनकी पूंजीगत आय उनके दान से कम थी। सिब्बल ने कहा कि बीजेपी भी सुरक्षित है, कंपनियां भी सुरक्षित हैं। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई सो रही हैं और भाजपा उस पैसे से प्रचार कर रही है, यही ‘मोदी की गारंटी’ है। उन्होंने कहा कि मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं, आप कहते हैं कि आप राजनीति में नहीं हैं, लेकिन आप देश के बारे में सोचते हैं। जब से चुनावी बॉन्ड पर फैसला आया है, उन्होंने कुछ नहीं कहा। उन्हें कहना चाहिए कि मोदी सरकार का फैसला गलत था। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। की और न ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खाते पर रोक लगा दी गई, लेकिन चूंकि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग आपके (भाजपा) हैं, इसलिए आपको कोई नोटिस नहीं मिलता या छापे का सामना नहीं करना पड़ता।
सिब्बल ने कहा कि ईडी को वहां पहुंचना चाहिए था और सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। कपिल सिब्बल ने यह भी दावा किया कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से उन कंपनियों की ओर से 2,717 करोड़ रुपये का दान दिया गया, जिनकी पूंजीगत आय उनके दान से कम थी। सिब्बल ने कहा कि बीजेपी भी सुरक्षित है, कंपनियां भी सुरक्षित हैं। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई सो रही हैं और भाजपा उस पैसे से प्रचार कर रही है, यही ‘मोदी की गारंटी’ है। उन्होंने कहा कि गारंटी यह है कि कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि ईडी, सीबीआई और ईडी उनकी हैं।
सिब्बल ने इस मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं, आप कहते हैं कि आप राजनीति में नहीं हैं, कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर बीजेपी के पास गया धन अवैध है, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें आयकर विभाग का कोई नोटिस मिला? मैं आयकर विभाग से पूछना चाहता हूं-क्या उसने बीजेपी को कोई नोटिस भेजा? मैं ईडी से पूछना चाहता हूं- क्या उसने कोई छापेमारी की? सिब्बल ने कहा कि आपने कांग्रेस पार्टी के खाते पर रोक लगा दी, लेकिन बीजेपी के करीब 6,655 करोड़ रुपये मिले, क्या आपके खाते पर रोक लगाई गई?लेकिन आप देश के बारे में सोचते हैं। जब से चुनावी बॉन्ड पर फैसला आया है, उन्होंने कुछ नहीं कहा। उन्हें कहना चाहिए कि मोदी सरकार का फैसला गलत था। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था।