जातिगत जनगणना के लिए खड़गे ने अपना बयान दे दिया है ! कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि भारत के दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बनने के मद्देनजर देश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जातिगत जनगणना से डरती है। खरगे ने दावा किया कि अन्य पिछड़ा वर्गों को आनुपातिक आरक्षण मिले और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना ‘समय की जरूरत’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब जबकि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, तो हमारी लोक कल्याणकारी योजनाओं और देश की प्रगति के लिए दो मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं-जनगणना 2021, शायद 2024 तक के लिए स्थगित। ऐसा क्यों? जनगणना के आंकड़ों के बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत कठिन है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना के आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। सामान्य जनगणना में अनुसूचित जाति एससी और अनुसूचित जनजाति एसटी वर्ग की जनसंख्या ज्ञात है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की नहीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का सही अनुपात तय नहीं किया जा सका है।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत के दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बनने के बाद परिवार नियोजन में अग्रणी राज्यों की लोकसभा और राज्यसभा में सीटों की संख्या कम हो सकती है।रमेश ने ट्वीट किया, ‘दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है, इस पर बहुत अधिक चर्चा हुई है। लेकिन जिस चीज पर चर्चा नहीं हुई है, वह यह है कि परिवार नियोजन में अग्रणी राज्य, जिनमें ज्यादातर दक्षिणी राज्य शामिल हैं, लोकसभा और राज्यसभा में सीटें गंवा सकते हैं।
‘ उन्होंने कहा, ‘इन राज्यों को आश्वासन दिए जाने की जरूरत है कि ऐसा नहीं होगा। मैंने कई बार यह मुद्दा उठाया है।’उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में अग्रणी राज्यों में से ज्यादातर राज्य दक्षिण भारत के हैं।पिछड़ा वर्गों को आनुपातिक आरक्षण मिले और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना ‘समय की जरूरत’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब जबकि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, तो हमारी लोक कल्याणकारी योजनाओं और देश की प्रगति के लिए दो मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं-जनगणना 2021, शायद 2024 तक के लिए स्थगित। ऐसा क्यों? जनगणना के आंकड़ों के बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत कठिन है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना के आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। सामान्य जनगणना में अनुसूचित जाति एससी और अनुसूचित जनजाति एसटी वर्ग की जनसंख्या ज्ञात है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की नहीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का सही अनुपात तय नहीं किया जा सका है।’ भारत में राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को सीट आवंटन जनसंख्या के आधार पर किया जाता है।
रमेश ने ट्वीट किया, ‘दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया हैपिछड़ा वर्गों को आनुपातिक आरक्षण मिले और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना ‘समय की जरूरत’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब जबकि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, तो हमारी लोक कल्याणकारी योजनाओं और देश की प्रगति के लिए दो मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं-जनगणना 2021, शायद 2024 तक के लिए स्थगित। ऐसा क्यों? जनगणना के आंकड़ों के बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत कठिन है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना के आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। सामान्य जनगणना में अनुसूचित जाति एससी और अनुसूचित जनजाति एसटी वर्ग की जनसंख्या ज्ञात है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की नहीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का सही अनुपात तय नहीं किया जा सका है।’ इस पर बहुत अधिक चर्चा हुई है।
लेकिन जिस चीज पर चर्चा नहीं हुई है, वह यह है कि परिवार नियोजन में अग्रणी राज्य, जिनमें ज्यादातर दक्षिणी राज्य शामिल हैं, लोकसभा और राज्यसभा में सीटें गंवा सकते हैं।’पिछड़ा वर्गों को आनुपातिक आरक्षण मिले और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना ‘समय की जरूरत’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अब जबकि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, तो हमारी लोक कल्याणकारी योजनाओं और देश की प्रगति के लिए दो मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं-जनगणना 2021, शायद 2024 तक के लिए स्थगित। ऐसा क्यों? जनगणना के आंकड़ों के बिना सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत कठिन है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जातिगत जनगणना के आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। सामान्य जनगणना में अनुसूचित जाति एससी और अनुसूचित जनजाति एसटी वर्ग की जनसंख्या ज्ञात है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की नहीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का सही अनुपात तय नहीं किया जा सका है।’ उन्होंने कहा, ‘इन राज्यों को आश्वासन दिए जाने की जरूरत है कि ऐसा नहीं होगा। मैंने कई बार यह मुद्दा उठाया है।’