हाल ही में बंगाल में हुए NIA पर हमले के लिए ममता बनर्जी ने एक बयान दिया है! पश्चिम बंगाल के भूपतिनगर में एनआईए की टीम पर हमला हुआ। तीन माह के भीतर केंद्रीय एजेंसियों की टीम पर हमले की यह दूसरी घटना है। 5 जनवरी को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और उनके साथ आए सीएपीएफ कर्मियों पर एक हजार से अधिक लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। उस समय टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी और तलाशी के लिए गई थी। इस बार एनआईए की टीम भूपतिनगर में हुए विस्फोट के सिलसिले में लोगों की गिरफ्तारी करने पहुंची थी। पुलिस के अनुसार स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया। इसके बाद उस पर पथराव किया। इस संबंध में एनआईए का एक अधिकारी घायल हो गया। एनआईए ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एनआईए ने विस्फोट की जांच से संबंधित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। शहर की सेशन कोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए उन्हें 10 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार किए गए दो टीएमसी नेताओं में से एक के परिवार के सदस्यों की तरफ से केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया। इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में एनआईए के खिलाफ एक जवाबी एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस मामले में राजनीति तेज हो गई है। चुनाव से पहले ममता ने स्थानीय लोगों को पक्ष लेते हुए एनआईए टीम पर पहले हमला करने का आरोप लगाया। वहीं, पीएम मोदी ने भी इस मामले में टीएमसी पर अटैक किया। इस बारे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पूर्व मेदिनीपुर जिले में हमला भूपतिनगर की महिलाओं ने नहीं किया था, बल्कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के अधिकारियों ने हमला किया था। उन्होंने कहा कि अगर महिलाओं पर हमला होगा तो क्या महिलाएं शांत बैठी रहेंगी? महिलाओं ने एनआईए अधिकारियों का उनके घरों में जाने का केवल विरोध किया था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार पर चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल की कोशिश का आरोप लगाया। ममता ने सवाल उठाया कि आखिर चुनाव से पहले ही ये गिरफ्तारियां क्यों की जा रही हैं। बनर्जी ने कहा कि एनआईए, सीबीआई बीजेपी के भाई हैं। ईडी और आईटी विभाग बीजेपी को फंड मुहैया कराने वाले बॉक्स हैं। उन्होंने एक रैली में कहा कि अगर आप बीजेपी में ताकत है, तो चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से लड़कर जीतें। मेरे बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और चुनाव एजेंट को गिरफ्तार न करें।
एनआईए ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस के सभी आरोपों का खंडन किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि भूपतिनगर में की गई कार्रवाई वैध थी और कानूनी रूप से अनिवार्य थी। एनआईए ने दोहराया कि उसकी टीम पर अनियंत्रित भीड़ ने हिंसक हमला किया था। उस समय वे जांच के सिलसिले में नरूआबिला गांव में तलाशी के लिए गए थे। एनआईए ने कहा कि हमला पूरी तरह से अकारण और अनावश्यक था। एनआईए को उसके कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने का एक प्रयास था। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी बताया कि स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में और सीआरपीएफ द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षा कवर के तहत पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। इसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं। भूपतिनगर में की गई कार्रवाई कच्चे बमों के निर्माण से संबंधित जघन्य अपराध की चल रही जांच का हिस्सा थी।
पश्चिम बंगाल में रविवार को चुनावी रैली को पीएम मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा की खुली छूट चाहती है। यही वजह है कि इस तरह के मामलों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को राज्य में हमलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अपने जबरन वसूली करने वाले और भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए टीएमसी केंद्रीय जांच एजेंसियों पर हमले करवाती है, जब वे यहां काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस कानून और देश के संविधान की अवहेलना कर रही है। पीएम ने पश्चिम बंगाल में ‘तृणमूल कांग्रेस का सिंडिकेट राज’ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति ऐसी है कि अदालत को विभिन्न मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। रैली से पहले एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल बीजेपी ही पश्चिम बंगाल के लोगों को राहत दे सकती है, तृणमूल कांग्रेस की सरकार के कुशासन से लोग थक गए हैं। प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर राज्य में गरीबों के लिए केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया।
भूपतिनगर में तीन दिसंबर, 2022 को एक कच्चे घर में विस्फोट हुआ था। विस्फोट में नरूबिला गांव में तीन लोगों की मौत हो गई थी। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। घटना दिसंबर 2022 में हुई थी। एजेंसी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर 6 जून 2023 को मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।