हाल ही में नितिन गडकरी ने सावरकर के मामले में कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाई है! कर्नाटक सरकार की ओर से कुछ दिन पहले किताबों से हेडगेवार और वीर सावरकर पर आधारित चैप्टर्स हटाने का आदेश दिया गया। बीजेपी कर्नाटक सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी कड़ी आलोचना की थी। नितिन गडकरी ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। गडकरी के इस विरोध पर कांग्रेस की ओर से उन पर यह कहकर निशाना साधा गया कि पीएम मोदी और अमित शाह उन्हें पसंद नहीं करते इसलिए वो आरएसएस को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इसी से जुड़ा सवाल उनसे पूछा गया। साथ ही यह पूछा गया कि महाराष्ट्र के लिए सावरकर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। नितिन गडकरी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। सावरकर और उनके परिवार ने जो त्याग किया है वो हिंदुस्तान के इतिहास में किसी परिवार ने नहीं किया। जो कष्ट सहे, यातना सहन की वह देश के लिए प्रेरणा का विषय बने। इसलिए ऐसे विषयों की राजनीति करना बहुत बुरी बात है।
नितिन गडकरी ने कहा कि सावरकर हो या हेडगेवार। उन्होंने कहा कि एक वक्त हेडगेवार विदर्भ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र को यशस्वी करने के लिए सहनशीलता होनी चाहिए।महाराष्ट्र के लिए सावरकर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। नितिन गडकरी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। सावरकर और उनके परिवार ने जो त्याग किया है वो हिंदुस्तान के इतिहास में किसी परिवार ने नहीं किया। जो कष्ट सहे, यातना सहन की वह देश के लिए प्रेरणा का विषय बने। इसलिए ऐसे विषयों की राजनीति करना बहुत बुरी बात है। मतभिन्नता स्वाभाविक है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए।नितिन गडकरी ने कहा कि सावरकर हो या हेडगेवार। उन्होंने कहा कि एक वक्त हेडगेवार विदर्भ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र को यशस्वी करने के लिए सहनशीलता होनी चाहिए। मतभिन्नता स्वाभाविक है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए।
इससे पहले 17 जून को नागपुर में वीर सावरकर पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर नितिन गडकरी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले को बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।महाराष्ट्र के लिए सावरकर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। नितिन गडकरी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। सावरकर और उनके परिवार ने जो त्याग किया है वो हिंदुस्तान के इतिहास में किसी परिवार ने नहीं किया। जो कष्ट सहे, यातना सहन की वह देश के लिए प्रेरणा का विषय बने। इसलिए ऐसे विषयों की राजनीति करना बहुत बुरी बात है। उन्होंने कहा कि किसी को जाने बिना उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए।इससे पहले 17 जून को नागपुर में वीर सावरकर पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर नितिन गडकरी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले को बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा कि किसी को जाने बिना उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कर्नाटक और पूरे देश के छात्रों को हेडगेवार औरमहाराष्ट्र के लिए सावरकर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। नितिन गडकरी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। सावरकर और उनके परिवार ने जो त्याग किया है वो हिंदुस्तान के इतिहास में किसी परिवार ने नहीं किया। महाराष्ट्र के लिए सावरकर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं। नितिन गडकरी ने इस सवाल के जवाब में कहा कि सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए वह महत्वपूर्ण हैं। सावरकर और उनके परिवार ने जो त्याग किया है वो हिंदुस्तान के इतिहास में किसी परिवार ने नहीं किया। जो कष्ट सहे, यातना सहन की वह देश के लिए प्रेरणा का विषय बने। इसलिए ऐसे विषयों की राजनीति करना बहुत बुरी बात है। कष्ट सहे, यातना सहन की वह देश के लिए प्रेरणा का विषय बने। इसलिए ऐसे विषयों की राजनीति करना बहुत बुरी बात है। सावरकर की विचारधारा की बजाय भीमराव आंबेडकर, नहेरू और महात्मा गांधी की विचारधारा के बारे में पढ़ना चाहिए। इसके बाद आगे बढ़ते हुए गौरव वल्लभ की ओर से यह कहा गया कि पीएम मोदी और शाह उन्हें पसंद नहीं इसलिए RSS को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।