हाल ही में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रक ड्राइवर के लिए एक फैसला लिया है! ट्रक ड्राइवरों के लिए अच्छी खबर है। 2025 से सभी ट्रक केबिन AC यानी एयर कंडीशंड होंगे। जी हां, 11-12 घंटे पसीने-पसीने होने वाले ट्रक डाइवरों को इससे काफी आराम मिलेगा। काफी समय से इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। काम करने के मुश्किल हालात और सड़क पर लंबे समय तक चलते रहने को ड्राइवर की थकान और हादसों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैसे, Volvo जैसी ट्रक बनाने वाली वैश्विक कंपनियां पहले से एसी केबिन बना रही हैं। भारत में कई साल से इस पर बहस होती रही है और अब भारतीय कंपनियों के लिए 2025 से एसी केबिन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक ड्राइवरों के एसी केबिन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है। हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा। आज (19 जून 2023) मैंने फाइल पर साइन कर दिया है।’अधिकारियों का कहना है कि इंडस्ट्री को अपग्रेड करने के लिए 18 महीने का समय जरूरी है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने 2016 में पहली बार यह प्रस्ताव आगे बढ़ाया था।
एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है। काम करने के मुश्किल हालात और सड़क पर लंबे समय तक चलते रहने को ड्राइवर की थकान और हादसों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैसे, Volvo जैसी ट्रक बनाने वाली वैश्विक कंपनियां पहले से एसी केबिन बना रही हैं।काम करने के मुश्किल हालात और सड़क पर लंबे समय तक चलते रहने को ड्राइवर की थकान और हादसों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैसे, Volvo जैसी ट्रक बनाने वाली वैश्विक कंपनियां पहले से एसी केबिन बना रही हैं। भारत में कई साल से इस पर बहस होती रही है और अब भारतीय कंपनियों के लिए 2025 से एसी केबिन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक ड्राइवरों के एसी केबिन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है। हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा। भारत में कई साल से इस पर बहस होती रही है और अब भारतीय कंपनियों के लिए 2025 से एसी केबिन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक ड्राइवरों के एसी केबिन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है।
हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं।काम करने के मुश्किल हालात और सड़क पर लंबे समय तक चलते रहने को ड्राइवर की थकान और हादसों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैसे, Volvo जैसी ट्रक बनाने वाली वैश्विक कंपनियां पहले से एसी केबिन बना रही हैं। भारत में कई साल से इस पर बहस होती रही है और अब भारतीय कंपनियों के लिए 2025 से एसी केबिन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक ड्राइवरों के एसी केबिन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है। हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा।
हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं।काम करने के मुश्किल हालात और सड़क पर लंबे समय तक चलते रहने को ड्राइवर की थकान और हादसों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है। वैसे, Volvo जैसी ट्रक बनाने वाली वैश्विक कंपनियां पहले से एसी केबिन बना रही हैं। भारत में कई साल से इस पर बहस होती रही है और अब भारतीय कंपनियों के लिए 2025 से एसी केबिन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक ड्राइवरों के एसी केबिन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया, ‘हमारे देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे गाड़ी चलाते हैं जबकि दूसरे देशों में बस और ट्रक ड्राइवरों की ड्यूटी का समय निर्धारित है। हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री तापमान में गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में हम ड्राइवरों की कंडीशन का अंदाजा लगा सकते हैं। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा। मैं जब मंत्री बना उसी समय एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था लेकिन कुछ लोगों ने यह कहकर विरोध किया कि इससे खर्चा बढ़ेगा। आज 19 जून 2023 मैंने फाइल पर साइन कर दिया है।’