संसद में हुई सुरक्षा की चूक पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

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संसद में हुई सुरक्षा की चूक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आ चुका है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों को लोकसभा की सुरक्षा में हुई चूक को गंभीरता से लेने और इस पर राजनीतिक बयानबाजी से बचने का निर्देश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को सुबह हुई मंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने सभी को सावधानी बरतने का निर्देश देते हुए अपने मंत्रियों से यह भी कहा कि इस मामले में राजनीति में पड़ने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों से यह भी कहा कि सरकार के लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी में नहीं पड़ना चाहिए। उधर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोकसभा में सुरक्षा चूक मामले की जांच से सभी जानकारी सामने आ जाएगी। लोकसभा कक्ष में कूदने वाले दो युवकों को दर्शक दीर्घा के पास उपलब्ध कराने की अनुशंसा करने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की विपक्षी की मांग के बीच जोशी का यह बयान आया। मैसूरु से सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा। वे विपक्ष इतना शोर क्यों मचा रहे हैं।’ सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद परिसर में कुछ मंत्रियों के साथ बैठक में सुरक्षा चूक के मुद्दे की संवेदनशीलता को रेखांकित किया और अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को इस मामले पर विपक्षी नेताओं के साथ किसी भी राजनीतिक विवाद में शामिल नहीं होने की सलाह दी।

संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को लेकर विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को दोनों सदनों में हंगामा किया और इस दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ और आसन की अवमानना को लेकर विपक्षी दलों के कुल 14 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित किए गए सांसदों में लोकसभा के 13 सदस्य शामिल हैं। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को निलंबित किया गया है। लोकसभा में पहले कुल 14 सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव पारित हुआ था, हालांकि बाद में सरकार ने द्रमुक सांसद एस आर पार्थिबन के निलंबन को वापस ले लिया, जो सदन में उपस्थित नहीं थे। उनका नाम त्रुटिवश निलंबित किए जाने वाले सदस्यों की सूची में शामिल हो गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज दिन में निलंबित लोकसभा सदस्यों की सूची में से पार्थिबन के नाम को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि सदस्य की पहचान करने में कर्मियों की ओर से गलती हुई थी।विपक्षी दलों ने इस निलंबन को ‘लोकतंत्र का निलंबन’ करार दिया और दावा किया कि यह सुरक्षा में चूक के विषय से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है।

बता दे कि विपक्षी सांसदों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गुरुवार को भारी हंगामा किया। इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही को कई बार स्‍थगित करना पड़ा। आसन की अवमानना और अनादर के लिए लोकसभा में विपक्ष के 13 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। डेरेक ओ ब्रायन राज्‍यसभा से सस्‍पेंड हो गए। पहले लोकसभा से निलंबित सांसदों की लिस्‍ट में 14 नाम थे। लेकिन, बाद में पता चला कि जिन सांसदों को निलंबित किया गया उसमें एक ऐसे सांसद भी थे जो संसद में ही नहीं आए थे। और तो और वह द‍िल्‍ली तक में नहीं थे। वह थे सेलम से सांसद एस.आर. पार्थिबन। सांसद दानिश अली समेत कई दूसरे सदस्‍यों ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। फिर एक सर्कुलर जारी कर लोकसभा से निलंबित 13 सांसदों की लिस्‍ट जारी की गई। पहले कांग्रेस के पांच सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की बाकी अवधि के लिए सदन से निलंबित किया गया। इसके बाद कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई और एस आर पार्थिबन, माकपा के एस वेंकटेशन और पी आर नटराजन और भाकपा के के. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव सदन में पारित हुआ।

संसदीय कार्य मंत्री ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने आसन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी। इसके बाद पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी।पीठासीन सभापति महताब ने दूसरी बार में नौ विपक्षी सदस्यों के निलंबन के बाद अपराह्न करीब तीन बजकर दो मिनट पर लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।