हाल ही में रवि किशन ने सांसद दानिश अली के बारे में एक बयान दिया है! बीते दिनों लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली पर असंसदीय व अभद्र टिप्पणी की थी। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब कुछ बीजेपी सांसद ने कुंवर दानिश अली के व्यवहार की भी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की है। सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के बाद अब भाजपा के लोकसभा सांसद रवि किशन ने भी दानिश अली को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है। रवि किशन ने यह मांग की है कि उनके द्वारा दी गई जानकारी को लोकसभा अध्यक्ष जांच में शामिल करें। रवि किशन ने अपने पत्र में कहा कि यह तो आप सभी जानते हैं कि दिनांक 21 सितंबर 2023 को लोकसभा में भारत के चंद्रयान 3 मिशन पर चर्चा के दौरान कुछ अभूतपूर्व एवं असंसदीय बातें हुईं, जिसमें रमेश बिधूड़ी द्वारा कुंवर दानिश अली के विरुद्ध कुछ आपत्तिजनक एवं अनुचित शब्दों का प्रयोग किया गया।
रवि किशन ने कहा कि इस संबंध में, मैं बताना चाहूंगा कि बिधूड़ी ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कुंवर दानिश अली द्वारा लगातार किए जा रहे व्यवधान के कारण किया था और वह भी बहस के माहौल में। रवि किशन ने अपने पत्र में कहा कि रमेश बिधूड़ी द्वारा शब्दों का प्रयोग काफी अनुचित, अस्वीकार्य और लोकतंत्र के मंदिर के उच्च मानकों के अनुरूप नहीं है। संसद सदस्य द्वारा सदन के किसी अन्य सदस्य के खिलाफ इस्तेमाल किए गए ऐसे आपत्तिजनक शब्दों के परिणाम की परिस्थितियों पर फिर से विचार करने और जांच करने की आवश्यकता है।
रवि किशन ने कहा अतीत में सदन में दो बार उन्होंने मेरे खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था। जब मैं अपना निजी सदस्य विधेयक अर्थात् जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2019 सदन में पेश कर रहा था, तब दानिश अली ने मुझे रोकने की कोशिश की थी। जनसंख्या नियंत्रण बिल पेश कर रहे रवि किशन को टोकते हुए दानिश अली ने कहा था कि रवि किशन के खुद के 4 बच्चे हैं। रवि किशन का कहना है कि यह व्यवहार अस्वीकार्य है और लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए।
इसके साथ ही रवि किशन ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि महोदय, इसमें कोई विवाद नहीं है कि रमेश बिधूड़ी ने कुंवर दानिश अली के विरुद्ध जो भी शब्द प्रयोग किये हैं, वे अस्वीकार्य हैं। हालांकि, जिस तरह से चीजों को हेरफेर किया जा रहा है और राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और कुंवर दानिश द्वारा मीडिया का ध्यान खींचा जा रहा है, वह आपत्तिजनक है। यहि नहीं आपको बता दें कि बीजेपी सांसद का विवादित बयान सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि यह देश के मूल मसले से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन से ध्यान हटाने की टैक्टिस हो सकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता से जुड़े मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ सकती!
बता दें कि जिस समय लोकसभा में रमेश बिधूड़ी बयान दे रहे थे उस समय बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद और चांदनी चौक दिल्ली से सांसद डॉ. हर्षवर्धन हंस रहे थे. हालांकि, सदन से बाहर आने के बाद मीडिया की ओर से सवाल पूछे जाने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वो इस प्रकार के बयान का समर्थन नहीं कर सकते. वो संसदीय परंपरा के मुताबिक हमेशा से मर्यादा का पालन करते आये हैं. रमेश बिधूड़ी का बयान स्वीकार्य नहीं हो सकता है! बीजेपी सांसद की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विपक्षी पार्टियों ने जमकर विरोध किया. जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद भी जताया था. क्या आपको पता है संसद के अंदर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने पर क्या कानून है? संविधान के आर्टिकल 105 (2) के तहत संसद में कही गई किसी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है!
इसका मतबल यह है कि सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता है. एक सांसद सदन में कुछ भी कहता है वो लोकसभा में प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के तहत स्पीकर के कंट्रोल में होता है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई भी सांसद संसद भवन के अंदर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करता है तो उस पर स्पीकर को ही एक्शन लेने का अधिकार है!