बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता के लिए क्या बोले शशि थरूर?

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हाल ही में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता के लिए एक बयान दिया है! लोकसभा चुनाव को बमुश्कल दो से तीन महीने बाकी हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A दोनों मैदान में हैं। बीजेपी का कहना है कि इस बार आंकड़ा 400 को भी पार कर जाएगा। लेकिन तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने जो कहा है वो एनडीए को परेशान कर सकता है। थरूर ने कहा कि 2024 के आम चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है लेकिन, सहयोगियों से उसे झटका लग सकता है। सहयोगियों से शशि थरूर का मतलब एनडीए के साथी दलों से था। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बारे में बोलते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है और यह देश उस स्थिति के साथ रहने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जहां उसके पास सभी राज्यों में 100 प्रतिशत सहमति नहीं है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ‘इंडिया: द फ्यूचर इज नाउ’ सत्र में कहा कि मुझे अब भी लगता है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। लेकिन, मेरा मानना है कि उनकी भाजपा संख्या को उस स्तर तक कम किया जा सकता है, जहां सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या जुटाने के वास्ते उनके संभावित सहयोगी समर्थन करने के इच्छुक नहीं होंगे। हो सकता है कि एनडीए से अलग होकर सहयोगी दल हमारे साथ सहयोग करने को तैयार हों। इसलिए हमें इसे आजमाना होगा।

शशि थरूर ने इंडिया गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि इस गठबंधन में सीटे बंटवारे को लेकर कठिनाइयां हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें अधिक से अधिक राज्यों में पर्याप्त समझौता होने की उम्मीद है ताकि हार की किसी भी आशंका से बचा जा सके। थरूर के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण बात जो इस देश के लोगों को ध्यान रखने की जरूरत है, वह यह है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को वोट दें क्योंकि मोदी, मोदी का नारा लगाने वालों को पता होना चाहिए कि केवल वाराणसी के लोग ही प्रधानमंत्री मोदी को वोट कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को अपनी सीट पर उस सबसे अच्छे उम्मीदवार को वोट देना होगा, जिसे लेकर उन्हें लगता है कि वे उनका अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। और, अगर वे केवल मोदी के लिए वोट करना चाहते हैं तो यह उनकी पसंद है।’

इस कार्यक्रम में इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, अमेरिकी चिकित्सक एवं लेखक अब्राहम वर्गीस और मशहूर लेखक पेरुमल मुरुगन समेत 400 प्रसिद्ध हस्तियों ने भाग लिया। केएलएफ रविवार को समाप्त हुआ। बता दें कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए उन राज्यों के तरफ देख रही है, जहां से पहले सफलता नहीं मिली। भारत से पांच दक्षिणी राज्यों में कुल 129 लोकसभा सीटें हैं और 2019 में को केवल 29 सीटों पर सफलता मिली। कर्नाटक की 25 और तेलंगाना की चार सीटों के अलावा बाकी बचे तीन राज्य केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला। अब बीजेपी 20 लोकसभा सीट वाले केरल का मिथक तोड़ने और दक्षिण के 5 राज्यों में सीट दोगुना करने की प्लानिंग कर रही है। अभी तक के चुनावी इतिहास में भारतीय जनता पार्टी को केरल में एक लोकसभा सीट पर भी जीत नसीब नहीं हुई। पिछले दिनों पीएम मोदी ने त्रिशूर ने रोड शो और रैली कर अपनी मंशा जता दी । अब बीजेपी नेता तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में कैंपेन शुरू करने वाले हैं। कर्नाटक में बीजेपी का आधार है, पिछले चुनाव में वहां से 25 सीटें मिली थीं। जेडी एस से समझौते के बाद इस बार भी पीएम मोदी कर्नाटक में बड़ी जीत की उम्मीद कर रहे हैं।

केरल एक ऐसा राज्य है, जहां हिंदुओं की आबादी 54 फीसदी से अधिक है। इस राज्य में 26.56 आबादी मुस्लिम और 18 फीसदी ईसाई है। बीजेपी हिंदू वोटर वाले इलाके में फोकस कर रही है। यहां बीजेपी की उम्मीद आरएसएस की मौजूदगी के कारण जिंदा है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता ग्राउंड पर कम ही नजर आते हैं। अभी तक के चुनावों में मजबूत दावेदारी नहीं होने के कारण राइट विंग के वोटर कांग्रेस को वोट देते रहे। पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने एक्टर सुरेश गोपी, के पी श्रीसन, कुम्मनम राजशेखरन और ओ राजगोपाल जैसे नेताओं को मैदान में उतारकर अपनी मजबूत मौजूदगी का एहसास कराया है। जीत के लिए बीजेपी एझावा समुदाय और क्रश्चियन वोटरों के बीच अपनी बैठ बना रही है। इस चुनाव में पार्टी कई सीटों पर एझावा समुदाय के नेताओं को मैदान में उतार सकती है। बीजेपी की नजर त्रिशूर, मध्य केरल में पथानामथिट्टा, एटिंगल और तिरुवनंतपुरम लोकसभा पर टिकी है।

त्रिशूर लोकसभा सीट से एक बार फिर पूर्व राज्यसभा सांसद सुरेश गोपी को पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है। 2019 के चुनाव में सुरेश गोपी ने 28.2 फीसदी वोट हासिल किए थे। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम सीट पर भी कांग्रेस नेता शशि थरूर के मुकाबले के लिए बड़े चेहरे को उतारा जा सकता है। तिरुवनंतपुरम सीट से चौथी बार शशि थरूर मैदान में होंगे। 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी ने इस सीट से चुनाव हारी तो जरूर, मगर हर चुनाव में वोटों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की। 2019 के चुनाव में बीजेपी के नेता कु्म्मनम राजशेखरन को 31 फीसदी और कांग्रेस नेता शशि थरूर को 41 फीसदी वोट मिले थे। पथानामथिट्टा सीट पर भी बीजेपी का वोट शेयर 28 फीसदी के करीब पहुंचा था। एटिंगल लोकसभा सीट पर भी पार्टी को 24 फीसदी वोट मिले थे। बीजेपी को उम्मीद है कि केरल में सवर्ण माने जाने वाले नायर, गैर कैथोलिक क्रिश्चियन और एझावा समुदाय के करीब जाकर इन सीटों को जीता जा सकता है।