यूसीसी पर क्या बोले यूट्यूबर खान सर?

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यूट्यूबर खान सर ने यूसीसी पर एक बयान दे दिया है! समान नागरिक संहिता पर जाने-माने यूट्यूबर खान सर की प्रतिक्रिया आई है। उन्‍होंने यूसीसी का विरोध करने वाले मुसलमानों खासतौर से मौलानाओं को आईना दिखाया है। यूसीसी के पक्ष में उन्‍होंने जोरदार दलीलें रखी हैं। साथ ही याद दिलाया है कि कैसे मौलाना और मौलवियों ने सुविधा के लिए दंड के मामले में शरिया कानून से दूरी बनाकर आईपीसी को मान लिया। खान सर ने कहा है कि तब उन्‍हें इस्‍लाम खतरे में नहीं दिखता है। बड़े तल्‍ख लहजे में उन्‍होंने ये बातें कहीं हैं। साथ ही उम्‍मीद जताई है कि सरकार यूसीसी को जरूर लागू करेगी। यूसीसी पर खान सर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्‍होंने बड़ी तल्‍खी के साथ यूसीसी विरोधियों की क्‍लास लगाई है। उन्‍होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करने वाले भारतीय मुस्लिमों के रवैये पर सवाल खड़ा किया है। इसके लिए उन्‍होंने शरिया कानून का उदाहरण दिया है।

खान सर बोले कि यूसीसी का विरोध करने वाले मुसलमान इसे इस्‍लाम के लिए खतरा बता रहे हैं। यह बात बेतुकी है। अनुच्‍छेद 25 के तहत इस्‍लाम का कानून है कि अगर कोई चोरी करे तो उसके हाथ काट दो। चोरी करते हैं तो भारतीय दंड संहिता (IPC) मान लेते हैं। वहां मुसलमानों को इस्‍लाम नहीं दिखता है। इस्‍लामिक कानून में मौत का बदला मौत, हाथ का बदला हाथ है।खान सर बोले कि यूसीसी का विरोध करने वाले मुसलमान इसे इस्‍लाम के लिए खतरा बता रहे हैं। यह बात बेतुकी है। अनुच्‍छेद 25 के तहत इस्‍लाम का कानून है कि अगर कोई चोरी करे तो उसके हाथ काट दो। चोरी करते हैं तो भारतीय दंड संहिता (IPC) मान लेते हैं। वहां मुसलमानों को इस्‍लाम नहीं दिखता है। इस्‍लामिक कानून में मौत का बदला मौत, हाथ का बदला हाथ है। मौलानाओं ने इस्‍लाम में आईपीसी समान दंड संहिता को खुशी-खुशी मान लिया। दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया।मौलानाओं ने इस्‍लाम में आईपीसी समान दंड संहिता को खुशी-खुशी मान लिया। दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया।

जाने-माने यूट्यूबर खान सर आगे बोलते हैं कि जब बात महिलाओं की शादी की आती है तो मौलानाओं को याद आ जाता है। उन्‍हें याद आ जाता है कि शादी में इस्‍लाम का अलग कानून है। वहां वे चीख-चीखकर बोलेंगे ब्‍याह में इस्‍लाम का अलग कानून है। दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया।मौलानाओं ने इस्‍लाम में आईपीसी समान दंड संहिता को खुशी-खुशी मान लिया। दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया।दो ब्‍याज करेंगे तीन तलाक देंगे। खान सर ने कहा कि वह गारंटी के साथ कहते हैं कि सरकार यूसीसी को जरूरत लागू करेगी।

खान सर का यह वीडियो ऐसे समय आया है जब यूसीसी पर चर्चा गरम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी पैरवी कर चुके हैं। इस तरह की अटकलें भी हैं कि सरकार संसद के आगामी मॉनसून सत्र में इसे लेकर बिल पेश करेगी।दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया।मौलानाओं ने इस्‍लाम में आईपीसी समान दंड संहिता को खुशी-खुशी मान लिया। दंड के मामले में क्‍यों नहीं कहते कि मुसलमानों का कानून अलग रखें। ऐसा होगा तो मौलाना और कट्टरपंथी जानते हैं कि सबसे सख्‍त कानून सऊदी अरब का ही है। वहां उनका इस्लाम खतरे में नहीं आया। वहां किसी ने विरोध नहीं किया। खान सर पटना के रहने वाले हैं। वह यूट्यूब पर ऑनलाइन क्लासेस देते हैं। अपने पढ़ाने के रोचक अंदाज के कारण पूरे देश में वह मशहूर है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था।