यह सवाल उठना लाजिमी है कि ईरान और पाकिस्तान के झगड़े के बीच भारत क्या विचार रखता है! लाल सागर में विद्रोही ग्रुप हूतियों के हमले और ईरान-पाक के बीच झगड़े से दुनिया में काफी उथल-पुथल मची हुई है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ईरान का दौरा किया था। जयशंकर ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ बैठक की थी। अब इन्हीं दो मुद्दों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से सवाल किया गया। रणधीर जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विस्तार से एक प्रेस बयान दिया था। ईरान में लाल सागर और अदन की खाड़ी में हिंसा और अस्थिर स्थिति पर चर्चा हुई थी। लाल सागर संकट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस पूरी स्थिति से बहुत चिंतित हैं। यह हमारे लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि आपने देखा होगा कि विदेश मंत्री ने वहां विस्तृत संयुक्त प्रेस बयान दिया था। लाल सागर और अदन की खाड़ी में हिंसा और अस्थिर स्थिति पर चर्चा हुई थी। हम इस पूरी स्थिति से बहुत चिंतित हैं। इसका प्रभाव सिर्फ हम पर नहीं पड़ता, बल्कि यह भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। इसलिए हमारे अपने हित भी प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन साथ ही, हमारे पास भारतीय नौसेना है जो इस क्षेत्र में गश्त लगा रही है। पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के पीछे कई लोग भारत का हाथ मानते हैं क्योंकि 15 जनवरी के अगले ही दिन यानी 16 जनवरी को ईरान ने यह हवाई हमले किए थे। हालांकि ऐसा कुछ भी आधिकारिक नहीं है। एस जयशंकर ने सिर्फ इतना कहा था कि मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि चाय बहुत बढ़िया थी।वे समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं ताकि हमारे आर्थिक हित प्रभावित न हों। हालांकि ईरान-पाक के बीच जारी जंग पर रणधीर जायसवाल ने ज्यादा कुछ नहीं कहा।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस हफ्ते दो दिन के ईरान दौरे पर थे। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से द्विपक्षीय बैठक भी की थी। इसी सोमवार यानी 15 जनवरी को दोनों नेताओं की मुलाकात हुई और अगले ही दिन ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान वाले हिस्से में हवाई हमले कर दिए। ईरान ने पाकिस्तान में छुपकर आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमले किए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ईरान को लगता है कि यह आतंकी समूह 3 जनवरी को हुए बॉम्ब ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार था। पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के पीछे कई लोग भारत का हाथ मानते हैं क्योंकि 15 जनवरी के अगले ही दिन यानी 16 जनवरी को ईरान ने यह हवाई हमले किए थे। हालांकि ऐसा कुछ भी आधिकारिक नहीं है। एस जयशंकर ने सिर्फ इतना कहा था कि मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि चाय बहुत बढ़िया थी।
जयशंकर ने लाल सागर में हो रहे हमलों पर भी चिंता जताई थी। ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन के साथ व्यापक बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया था। उसमें कहा गया कि भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। हाल ही में हिंद महासागर के महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के खतरों में भी इजाफा हुआ है। विद्रोही समूह हूती असल में इजराल-हमास जंग में फिलिस्तीनियों की तरफ से हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि आपने देखा होगा कि विदेश मंत्री ने वहां विस्तृत संयुक्त प्रेस बयान दिया था। लाल सागर और अदन की खाड़ी में हिंसा और अस्थिर स्थिति पर चर्चा हुई थी। हम इस पूरी स्थिति से बहुत चिंतित हैं। इसका प्रभाव सिर्फ हम पर नहीं पड़ता, बल्कि यह भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। इसलिए हमारे अपने हित भी प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन साथ ही, हमारे पास भारतीय नौसेना है जो इस क्षेत्र में गश्त लगा रही है।उनका कहना है कि वह फिलिस्तीनियों के एकजुटता के साथ खड़े हैं। हूती लगातार इजरायल की ओर गाजा में हमले का विरोध कर रहे हैं। युद्ध थमता न देख यह विद्रोही ग्रुप इजरायल को निशाना बना रहा है। लाल सागर में इजरायल की जहाजों या उससे संबंधित जहाजों को भी लगातार निशाना बना रहा है।