Friday, November 22, 2024
HomeIndian Newsलोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर क्या हुई चर्चा?

लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर क्या हुई चर्चा?

कुछ दिनों पहले से लोकसभा में महंगाई के मुद्दों पर चर्चा का वाक्य चलता आ रहा है! राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ टिप्पणियों को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कार्यवाही से हटा दिया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिखकर कहा था, सोनिया राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं, ऐसे में टिप्पणियां हटाई जाएं।लोकसभा में महंगाई पर बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर विशेषज्ञों के चुनिंदा आकलन को हथियार बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी अर्थव्यवस्था संभालने को लेकर भारत की तारीफ की है। विपक्ष बेहतर स्थिति में रहने वाले देशों से भारत की एकपक्षीय तुलना कर रहा है। सीतारमण ने कहा, रिपोर्ट बताती है कि कोरोना से तबाह वैश्विक अर्थव्यवस्था के बावजूद भारत में महंगाई दर दूसरे देशों की तुलना में कम है।

आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या में शून्य फीसदी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, विपक्ष मुद्दों पर सहमति देने के बाद राजनीति करता है। जीएसटी काउंसिल में विपक्षशासित राज्यों के भी प्रतिनिधि हैं। निर्णय होता है तब विपक्ष शासित राज्य अपनी सहमति देते हैं, मगर बाद में इसे मुद्दा बनाते हैं। पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर जीएसटी संबंधी निर्णयों में विपक्ष शासित राज्यों ने भी सहमति दी थी।

भ्रम फैला रहा विपक्ष

खुले खाद्य पदार्थों पर कोई जीएसटी नहीं है। पेंसिल, अंतिम क्रिया, आपातकालीन चिकित्सा सेवा पर कोई कर नहीं है। मगर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। – निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

मुद्रास्फीति : वित्त मंत्री ने कहा, विपक्ष महज कोरोना काल के 22 महीनों के दौरान बढ़ी मुद्रास्फीति को ही क्यों मुद्दा बना रहा है।  विपक्ष के कार्यकाल में मुद्रास्फीति की दर दोहरे अंकों में थी।

पेट्रो कीमतें : पेट्रोलियम राजस्व के कारण ही गत आठ साल में विकास पर यूपीए शासन के मुकाबले दोगुने से भी अधिक राशि खर्च हुई।

भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा, विपक्ष महंगाई महंगाई की माला जप रहा है। ये लोग ऐसी चीज की तलाश कर रहे हैं जो असल में है ही नहीं। तमाम कोशिशों के बावजूद भी विपक्ष को महंगाई मिल नहीं रही। सिन्हा ने कहा, कोरोना और यूक्रेन संघर्ष जैसे संकटों में भी सरकार ने सुनिश्चित किया कि गरीब को खाना मिलता रहे। विपक्षशासित राज्य तो अपने फायदे के लिए मुफ्त चीजें बांटते हैं।

महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने लोकसभा में सोमवार को सरकार पर हमला बोला। मूल्यवृद्धि पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, सरकार का देश में मंदी नहीं होने का दावा बिलकुल वैसा है, जैसे, जेसिका को किसी ने नहीं मारा। देश में महंगाई के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। यह सरकार बढ़ती कीमतों को रोकने में नाकाम रही है और इसके कारण बहुत जल्द आम आदमी की रसोई में लॉकडाउन लग जाएगा।तिवारी ने कहा, सरकार के फैसलों ने 25 करोड़ परिवारों पर गहरी मार की है और अमीर व गरीब के बीच के अंतर को बढ़ाया है। गलत नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था के पांच स्तंभ बचत, निवेश, उत्पादन, खपत और रोजगार बुरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। यूपीए के शासन में 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया था। उसके बाद 2021 में आई एक रिपोर्ट से पता चला कि 23 करोड़ लोग एक बार फिर गरीबी रेखा के नीचे पहुंच गए हैं।

लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, देश गहरे संकट में है और भूख व कुपोषण से जूझ रहा है। व्यापार घाटा बढ़ रहा है जिससे डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है।

सरकार को चाहिए कि वह मूल्य वृद्धि के वास्तविक कारणों को साझा करे।

शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल आैर एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने भी महंगाई के लिए सरकार पर निशाना साधा।

पीएम मोदी को पत्र लिखने वाली यूपी के कन्नौज की पहली कक्षा की बच्ची कृति दुबे को विपक्ष ने सरकार पर हमले के लिए हथियार बनाया। एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, अगर एक बच्ची एक पेंसिल के लिए पीएम को पत्र लिखती है तो महंगाई की मार का अंदाजा लगाया जा सकता है।

भाग रहा विपक्ष

हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा के बार-बार स्थगित होने के बाद सरकार ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। राज्यसभा में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, विपक्षी दल संसद की सामान्य कार्यवाही नहीं होने दे रहे हैं। सरकार पहले दिन से महंगाई व अन्य मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है।गोयल ने सोमवार को कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले कोरोना से संक्रमित थीं, वे अभी ठीक हुई हैं। लिहाजा, बढ़ती कीमतों पर बहस को लोकसभा में सोमवार और राज्यसभा में मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया, पर सदन नहीं चलने दिया गया। शिवसेना समेत कुछ दलों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर चर्चा की मांग पर गोयल बोले, जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, उन्हें इसके नतीजे भुगतने पड़ते हैं। केंद्र एजेंसियों के कामकाज में दखल नहीं देता।मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही में भारत के कारोबारियों ने 1,387 रुपये के हथियार व रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में सोमवार को राज्यसभा में बताया कि रणनीतिक कारणों से उन देशों के नाम नहीं बताए जा सकते, जिन्हें निर्यात किया गया है। उन्होंने बताया कि 2021-22 के दौरान भारत ने करीब 12,815 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया।

सरकार ने हथियारों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और रक्षा उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल व सुधार किए हैं। इससे रक्षा निर्माण व तकनीक में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी), 2020 के तहत रक्षा उत्पादन से जुड़ी प्रमुख वस्तुओं की खरीद घरेलू स्रोतों से करने को प्राथमिकता देने की पहल के साथ ही हथियारों के डिजाइन व विकास के लिए 18 प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों की घोषणा की गई।

स्वचालित मार्ग से रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी की अनुमति दी गई। इसके अलावा केंद्र सरकार ने दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है, जिनमें एक उत्तर प्रदेश और एक  तमिलनाडु में बनेगा। हल्के टैंकों से लेकर हेलिकॉप्टर, यूएवी जैसे हथियारों का पूर्ण स्वदेशीकरण का लक्ष्य है। एक समय के बाद इन उपकरण का आयात नहीं किया जाएगा।

राज्यमंत्री भट्ट ने बताया कि रक्षा क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है। एआई की 40 परियोजनाओं का काम पूरा किया जा चुका है। डीआरडीओ के अनुसंधान में एआई के इस्तेमाल के दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ टिप्पणियों को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कार्यवाही से हटा दिया है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र लिखकर कहा था कि सोनिया राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं, ऐसे में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और नेता सदन पीयूष गोयल की टिप्पणियां कार्यवाही से हटाया जाए।महंगाई पर चर्चा के दौरान लोकसभा में अजब-गजब नजारा देखने को मिला। रसोई गैस की बढ़ी कीमतों का विरोध करते हुए टीएमसी सांसद काकोली घोष सदन में कच्चा बैंगन खाने लगीं। काकोली ने कहा, रसोई गैस आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है। उन्होंने कहा कि वह खुद भी सब्जी कच्चा खा रही हैं। इसके बाद उन्होंने बैंगन निकाला और चर्चा के दौरान उसे कच्चा ही खाने लगीं। काकोली ने कहा, सरकार चाहती है कि हम कच्चा खाने की आदत डाल लें।

चर्चा के दौरान निशिकांत दुबे ने दुनिया में अन्न के उत्पादन में कमी के बावजूद 80 करोड़ लोगों को लंबे समय से मिल रहे मुफ्त अनाज का जिक्र करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताने की बात कही। पलटवार करते हुए सुप्रिया सुले ने पूछा, क्या मां बच्चे को खाना खिलाने के लिए आभार की अपेक्षा रखती है? सरकार माई-बाप है। पीएम अगर गरीबों को खाना खिला रहे हैं तो उन्हें दुआ मिलेगी। मगर इसका कोई हिसाब नहीं मांग सकता। सरकार ने गाय और भगवान को छोड़ सब पर जीएसटी लगा दिया है।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments