आज हम आपको बताएंगे कि डीआरडीओ साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर के साथ क्या हुआ! तीन-तीन ईमेल आईडी। अलग-अलग नाम से बला की खूबसूरत लड़कियों की तस्वीरों वाली सोशल मीडिया प्रोफाइल। डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के पास जब इन हसीनाओं के चैट रिक्वेस्ट आए तो 60 साल का शख्स बहक गया। रसीली बातों का कुछ ऐसा नशा हुआ कि वह कब चैट में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े राज उगलने लगा, उसे होश ही नहीं रहा। फिर तो इम्प्रेस करने के लिए, और भी ज्यादा अंतरंग होने के लिए एक से बढ़कर एक राज उगलने लगा। कभी अग्नि 6 मिसाइल का तो कभी राफेल फाइटर जेट का। कभी देसी लड़ाकू ड्रोन रुस्तम तो कभी इंडियन आर्मी के रोबोट वाले प्लान का। वह हनी ट्रैप का शिकार हो चुका था। उसे नहीं पता था कि वह जिन अलग-अलग सुंदरियों से चैट कर रहा है, उन आईडी को एक ही जगह से चलाया जा रहा है। इस साल 3 मई को प्रदीप कुरुलकर को सुरक्षा से जुड़ीं अति गोपनीय सूचनाओं को लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुणे के स्पेशल कोर्ट में महाराष्ट्र एटीएस ने कुरुलकर के खिलाफ 1837 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। एटीएस ने उसमें कुरुलकर के चैट का ब्यौरा दिया है कि कैसे वह उन लड़कियों को ‘बेब’ कहा करता था तो कैसे नितांत गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को उन तक पहुंचा रहा था। कुरुलकर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल चार्जशीट का ब्यौरा देते हुए रिपोर्ट छापी है। सितंबर 2022 से फरवरी 2023 तक उसने अलग-अलग नाम और तस्वीर वाली ‘लड़कियों’ के साथ चैट किया। उसका भरोसा जीतने के लिए पाकिस्तानी हैंडलर ने अपने कथित ईमेल-आईडी का पासवर्ड तक उसके साथ शेयर किया। उनके कहने पर वैज्ञानिक ने अपने फोन में कुछ ऐप भी डाउनलोड किए। मार्च में डीआरडीओ को उस पर शक हुआ। उसके मोबाइल फोन के फरेंसिक ऑडिट से शक पुख्ता हुआ और महाराष्ट्र एटीएस को इस बारे में जानकारी दी गई। 3 मई 2023 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में एटीएस ने स्पेशल कोर्ट में 30 जून को चार्जशीट दाखिल की। एटीएस ने डीआरडीओ साइंटिस्ट और पाकिस्तानी ऑपरेटिव के बीच ‘विस्फोटक चैट’ के खुलासे का दावा किया है। 60 साल के कुरुलकर ने जब इन महिलाओं तक गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं ली की तब वह डीआरडीओ में रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट यूनिट के डायरेक्टर थे। चार्जशीट में दावा किया गया है उन ‘महिलाओं से अंतरंग संबंध बनाने के उद्देश्य’ से इन सूचनाओं को लीक किया गया।
चार्जशीट के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंट ने कुरुलकर को जाल में फंसाने के लिए अलग-अलग नाम के साथ कई फेक अकाउंट बनाए। इनमें से दो का नाम जारा दासगुप्ता और जूही अरोड़ा था। ऑपरेटर एक, फेक अकाउंट कई। दो अलग-अलग फोन नंबरों के साथ वॉट्सऐप अकाउंट भी बनाए गए जिनका नंबर +44 से शुरू होता था। ये ब्रिटेन का कंट्री कोड है। ये नंबर इसलिए चुने गए ताकि कुरुलकर को लगे कि वह ब्रिटिश इंडियन के साथ बातचीत कर रहा है। वह उनसे हर दिन बात करने लगा। डेली का डीटेल देने लगा कि कैसे आज डीआरडीओ कॉम्पलेक्स में तेंदुआ आने से अपरातफरी मच गई। कैसे यहां ये काम हो रहा है, वो काम हो रहा है आदि।
एक चैट पर कुरुलकर इंडियन आर्मी के लिए रोबोटिक उपकरण बनाने वाले प्राइवेट वेंडर के नाम, उसके सीईओ के नाम और दूसरे कई डीटेल साझा किए। उसने ये जानते हुए भी कि ये संवेदनशील सूचनाएं किसी दुश्मन मुल्क के हाथ भी लग सकती हैं, वो बेधड़क जानकारियां लीक करता रहा।
जारा दासगुप्ता नाम वाले प्रोफाइल के साथ चैट में कुरुलकर ने कई संवेदनशील राज उगले। वह मिटिओर मिसाइलों के बारे में बताया जिस पर अभी डीआरडीओ काम कर रहा है। वह उसके साथ ब्रह्मोस, राफेल, आकाश, अस्त्र मिसाइल सिटम के बारे में गोपनीय सूचनाएं बेहिचक शेयर करता रहा। यहां तक कि अग्नि-6 मिसाइल लॉन्चर को कैसे बनाया जा रहा है, इसे भी शेयर किया। कुरुलकर अग्नि-6 मिसाइल बनाने की काम में लगी टीम का हिस्सा था। इतना ही नहीं, उसने देसी लड़ाकू ड्रोन भारत क्वॉडकॉप्टर और रूस्तम के बारे में भी जानकारियां लीक कीं। सामरिक रूप से बेहद अहम इन ड्रोन पर अभी डीआरडीओ काम कर रहा है। एटीएस ने अपनी चार्जशीट में इन चैट्स को भी रखा है कि कैसे कुरुकलर ‘बेबी’-‘बेबी’ कहकर डिफेंस से जुड़ीं संवेदनशील सूचनाओं को पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स को लीक करता रहा। एक चैट में जब उससे अग्नि 6 लॉन्चर के टेस्ट के बारे में पूछा गया था कि वह कामयाब है या नहीं तो कुरुलकर ने इतराते हुए जवाब दिया था, ‘ये लॉन्चर मेरी डिजाइन है बेब ये जबरदस्त है, कामयाब है।’