हिंदू समाज में व्रत की मान्यता है और मखाना उसी में खाए जाने वाला एक खाद्य पदार्थ है! मखाना को फॉक्ट नट या कमल का बीज भी कहा जाता है। प्राचीन काल से मखाना को धार्मिक पर्वों में उपवास के समय खाया जाता है। मखाना से मिठाई, नमकीन और खीर भी बनाई जाती है। मखाना पौष्टिकता से भरपूर होता है, क्योंकि इसमें मैग्ननेशियम, पोटाशियम, फाइबर, आयरन, जिंक आदि भरपूर मात्रा में होता है। आयुर्वेद में मखाना के बहुत सारे गुणों के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है।मखाना शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है। जिन पुरुषों को वीर्य संबंधी समस्या होती है, उनके लिए मखाना का सेवन फायदेमंद होता है। इसके सेवन से वीर्य दोष में सुधार होता है। यह जल में पाया जाता है। इसके पौधे कांटेदार तथा कमल के समान होते हैं। इसके पत्ते कमल के समान, गोलाकार होते हैं, जो ऊपर से हरे, लेकिन नीचे से लाल या बैंगनी रंग के होते हैं। इसके फल गोलाकार, कांटेदार तथा मुलायम (स्पंज वाले) होते हैं। इसके बीज मटर के समान, या इससे कुछ बड़े होते हैं। फल संख्या में 8-20 तथा हल्के काले रंग के होते हैं। इसे कच्चा या भूनकर खाते हैं। बालू में भूनने से यह फूल जाते हैं, जिन्हें मखाना कहा जाता है।
मखाना को लोग स्नैक्स के रूप भी में खाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मखाना मधुर, ठंडा प्रभाव वाला होता है। यह गर्भधारण करने में मदद पहुंचाता है, गर्भवती स्त्रियों के लिए शक्तिवर्द्धक होता है। मखाना के बीज के सेवन से सेक्स करने की इच्छा बढ़ने में मदद मिलती है। यहां आपकी भाषा और आसाान शब्दों में मखाना के फायदे बताए गए हैं।
आजकल की जीवनशैली इतनी खराब हो गई है कि लोगों को बहुत सारी बीमारियां अनायास ही हो जाती हैं। इनमें मधुमेह भी एक है। समय के अभाव के कारण लोग असंतुलित भोजन को अधिक प्राथमिकता देते हैं, जिसके कारण शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह डायबिटीज का कारण बनता है। मखाना के फायदे शुगर में भी मिलते हैं। मखाने की शर्करा रहित खीर बनाएं। इसमें सालम मिश्री का चूर्ण डालकर खिलाएं। इससे डायबिटीज में लाभ मिलता है।प्रसव के बाद महिलाओं को काफी दर्द होता है। यह असहनीय भी होता है। मखाना के गुण ऐसे दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। मखाना के पत्तों को 10-15 मिली पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इसे पीने से प्रसव के बाद होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
कई कारणों से कान के दर्द की समस्या हो जाती है। ये बीमारी बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है। कान के दर्द से राहत पाने के लिए मखाना के बीज का प्रयोग कर सकते हैं। मखाना के बीजों को पानी में उबालकर काढ़ा जैसा बना लें। इस काढ़ा को एक या दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द कम होता है।
गठिया आज एक आम बीमारी बन गई है। गठिया के कारण शरीर के जोड़ों, जैसे- पैर और हाथ आदि अंगों में बहुत दर्द होता है। मखाना के गुण से आप लाभ ले सकते हैं। इसके लिए मखाना पेड़ के पत्तों को पीसकर दर्द वाले जगह पर लगाएं। इससे आराम मिलता है।
कई लोगों को शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों, जैसे- पैर या पैर के तलवे आदि में जलन की समस्या रहती है। मखाने को दूध में मिलाकर पीने से इस परेशानी में आराम मिलता है।शारीरिक कमजोरी की शिकायत कई कारणों से हो सकती हैं। आप मखाना के सेवन से इसमें लाभ पा सकते हैं। मखाना के बीजों का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
मखाना दिल के लिए फायदेमंद होता है। इसके उचित मात्रा में सेवन से यह रक्त की आपूर्ति में सुधार करता है एवं हृदयाघात जैसी गंभीर समस्याओं के रोक थाम में भी सहयोगी होता है । उच्च रक्तचाप के लिए मखाना लाभदायक होता है क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम की मात्रा ज्यादा पायी जाती है जो उच्च रक्तचाप को कम करती है।
नींद न आने का कारण शरीर में वात दोष का प्रकुपित होना है। मखाने अपने गुरु और वातशामक स्वभाव के कारण नींद लाने में सहयोग करते हैं। मखाने का उचित मात्रा में सेवन गुर्दो को भी स्वस्थ रखने में सहयोग देता है। यह गुर्दों की कार्य क्षमता को बढ़ा कर उनकी क्रिया को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।
गर्मी को दूर रखने में मखाने का सेवन एक अच्छा उपाय है क्योंकि मखानों में शीत (ठंडा) गुण होता है जो कि शरीर की गर्मी को शांत कर राहत दिलाता है। मखानों का प्रयोग मसूढ़ों से होने वाली ब्लीडिंग और सूजन को दूर करने में कर सकते है क्योंकि मखानों में कषाय और शीत का गुण पाया जाता है जो कि खून को आने से रोकता है।
मखाने का सेवन करने से पुरुषों की नपुंसकता में भी कुछ हद तक लाभ पहुँचाया जा सकता है क्योंकि इसमें वृष्य यानि अंदरूनी शक्ति बढ़ाने का गुण होता है। मखानों का सेवन झुर्रियों से छुटकारा पाने में भी सहयोग देता है क्योंकि इसमें स्निग्ध गुण होता है। जो त्वचा में तैलीय तत्त्व बनाये रखने में सहयोग देता है, जो झुर्रियों को रोकने में मदद करता है ।