क्या है कैमल पोज? जानिए इसके फायदे!

0
170

योगासन हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है! शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की फिटनेस को बेहतर बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना योग-व्यायाम करने की सलाह देते हैं। योग की आदत बनाकर न सिर्फ शारीरिक निष्क्रियता को कम कर सकते हैं, साथ ही इसे कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने वाला भी माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि दैनिक योगासनों की आदत बनाकर आप शरीर की बड़ी मांसपेशियों की दिक्कतों को काफी हद तक कम कर सकते हैं, जिससे शरीर में दर्द और अकड़न की समस्या में काफी लाभ मिलता है। कैमल पोज या उष्ट्रासन योग के अभ्यास को विशेषज्ञ काफी कारगर मानते हैं।

कैमल पोज,  छाती से लेकर पीठ और जांघों तक की स्ट्रेचिंग के साथ रक्त परिसंरण को ठीक करने, छाती को फैलाने, रीढ़ की समस्याओं को दूर करने और मानसिक शांति का एहसास कराने में आपके लिए मददगार हो सकता है। सभी लोगों को दिनचर्या में इन योगासन को जरूर शामिल करना चाहिए।

उष्ट्रासन योग का अभ्यास कठिन होता है जिसके लिए आपको विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है। इसके तरीके के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना ज्यादा बेहतर तरीका माना जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए रीढ़ के निचली हिस्से को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। अपनी पीठ को पीछे की तरफ मोड़ते हुए झुकें। गर्दन को ढीला छोड़ दें। इस स्थिति में 30 से 60 सेकेंड तक बने रहें।

उष्ट्रासन योग शरीर के कई अंगों की शक्ति को बढ़ाने के लिए विशेष लाभप्रद माना जाता है। इसके नियमित अभ्यास की आदत बनाकर आप इस तरह के स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं। 

कैमल पोज जांघों की चर्बी कम करता है।

कंधों और पीठ की स्ट्रेचिंग करने के साथ उन्हें मजबूती देने वाला योगाभ्यास।

शारीरिक मुद्रा में सुधार करता है।

छाती को खोलने और श्वसन में सुधार करने में कारगर योगाभ्यास।

पीठ के निचले हिस्से के दर्द से राहत दिलाता है।

जांघों और बाहों को मजबूत करता है।

शरीर के लचीलेपन, खासकर रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाने में कारगर योग।

कुछ प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार लोगों को उष्ट्रासन योग को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। रक्तचाप से पीड़ित, अनिद्रा की समस्याओं से परेशान लोगों को इस योग से बचाव करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को पीठ में चोट या गर्दन में दर्द की दिक्कत हो उन्हें भी उष्ट्रासन योग से बचना चाहिए।