Friday, November 22, 2024
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क्या है चाइल्ड पोज? जानिए इसके फायदे!

योग कोई भी हो सभी महत्वपूर्ण होते हैं, हमारे लिए फायदेमंद होते हैं! सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए विशेषज्ञ रोजाना योग-व्यायाम की आदत को बहुत आवश्यक मानते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए रोजाना योगाभ्यास करने की आदत न सिर्फ शरीर को फिट और सक्रिय बनाए रखने में मदद करती है, साथ ही इस आदत को कई प्रकार के रोगों के जोखिम को कम करने वाला भी माना जाता है।

योगासन, शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने में आपकी मदद करते हैं। चाइल्ड पोज या बालासन योग ऐसा ही एक अभ्यास है जिसे योग विशेषज्ञ सभी उम्र के लोगों की सेहत के लिए बहुत कारगर मानते हैं। 

चाइल्ड पोज, इसका नाम भले ही बच्चों के आसन के जैसा लगता हो पर वास्तव में इसे बुजु्र्गों के लिए सबसे सुलभ और फायदेमंद योगाभ्यास के तौर पर जाना जाता है।  योग विशेषज्ञ कहते हैं, बालासन को विशेष रूप से शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके अलावा यह अभ्यास पीठ, कूल्हों, जांघों और टखनों की बेहतर स्ट्रेचिंग करने के साथ पीठ और कमर में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में काफी फायदेमंद माना जाता है।

बालासन योग का अभ्यास काफी आसान है और इसे हर उम्र के लोग सुलभता के साथ कर सकते हैं। शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लाभ के लिए रोजाना इस योग की आदत बनाना आपके लिए विशेष लाभप्रद माना जाता है। चाइल्ड पोज योग करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और आगे घुटने को मोड़े हुए आगे की तरफ झुकें। हाथो को सीधा फैलाए रखें। कुछ सेकंड्स से लेकर इसी मुद्रा में रहे और फिर वापस वज्रासन में आ जाएं।

चाइल्ड पोज योग का अभ्यास काफी सरल, पर कई तरह के स्वास्थ्य लाभ वाला माना जाता है। 

यह मुद्रा आपकी रीढ़, जांघों, कूल्हों और टखनों की स्ट्रेचिंग के लिए फायदेमंद है।

गहरी सांस लेने वाले अभ्यास के साथ बालासन करना, आपके मन को शांत करके चिंता और थकान को कम कर सकती है।

बालासन मुद्रा आपके सिर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है।

इस मुद्रा में आपके पेट पर हल्का दबाव पड़ता है जो पाचन को सक्रिय रखने में सहायक है।

बालासन आपकी पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, छाती, हैमस्ट्रिंग और कंधों से अतिरिक्त तनाव को कम करने में सहायक है।

वैसे तो चाइल्ड पोज काफी सरल और कारगर योगाभ्यास है पर कुछ स्थितियों में इसे न करने की सलाह दी जाती है। घुटने या पीठ में दर्द होने पर बालासन करने से बचें। इसके अलावा जिन लोगों को रक्तचाप की समस्या बनी रहती है उनको भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। किसी विशेषज्ञ की सलाह के आधार पर ही योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना बेहतर माना जाता है।

यह आसन शरीर को आराम देने का काम करता है। इसे नियमित रूप से करने से शरीर का सारा दर्द खत्म हो जाता है। ये आसन उन महिलाओं या लोगों के लिए भी बेस्ट है, जो कमर दर्द का सामनाकर रहे हैं। इसलिए अगर आप दर्द से राहत पाना चाहते हैं, तो ये आसन कर सकते हैं।

एक्सपर्ट कहते हैं कि किसी भी योग का फायदा तभी संभव है, जब उसे सही ढंग से किया जाता है। अगर आप भी बालासन का पूर्ण रूप से फायदा उठाना चाहते हैं, तो आप बालासनको सही ढंग से और आराम-आराम से करें। जैसे कि अगर आप शुरुआत में यह योग कर रहे हैं, तो आपके शरीर की मांसपेशियां लचीली नहीं होंगी और अधिक देर तक करने से आपको शरीर में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए आप शुरुआत में सबसे पहले बॉडी को लचीला बनाने पर विचार करें और दिन में धीरे-धीरे यह योगासन करें।

इस योग को करने से हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है। यह मुद्रा हैमस्ट्रिंग को स्ट्रेच करने में उपयोगी है और किसी भी तरह के शारीरिक तनाव के जोखिम को रोकता है और मसल्स को मजबूत करता है।

यह योग पीठ के निचले हिस्से में दर्द और तनाव से राहत दिलाता है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से पीठ के निचले हिस्से की मजबूती का समर्थन होता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द और अन्य तनावों की शुरुआत कम से कम हो जाती है।

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