आपने कई बार गजवा ए हिंद का नाम तो सुना ही होगा! बिहार के फुलवारी शरीफ और मोतिहारी के मस्जिद से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तारी हुई है। तमाम गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और NIA की टीम ने मौके से बरामद दस्तावेजों में एक बात कॉमन दिखती है। गिरफ्तारी के दौरान बरामद दस्तावेजों में संदिग्ध लोगों के ‘गजवा-ए-हिंद’ जैसे मिशन पर काम करने की बात सामने आई है। ऐसे में लोगों के मन में उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर ये ‘गजवा-ए-हिंद’ क्या है जिसको लेकर इतने बड़े स्तर पर प्लानिंग हो रही है।
राजधानी पटना से सटे फुलवारी शरीफ में आतंक फैलाने की ट्रेनिंग देने के आरोप में मरगुब दानिश उर्फ ताहिर को 48 घंटे की रिमांड पर पटना पुलिस को सौंपा गया है। फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पूछताछ के दौरान ताहिर ने कबूल किया है कि वह गजवा-ए-हिन्द के लिए काम कर रहा है। ताहिर के मोबाइल फोन और फेसबुक चैट में भी भड़काऊ और उन्मादी कंटेंट मिले हैं। पूछताछ में पता चला है कि ‘गजवा-ए-हिंद’ मिशन को पूरा करने के लिए पाकिस्तान, यमन और बांग्लादेश जैसे देशों से मदद पहुंचाई जा रही है।
जांच में पता चला है कि गजवा-ए-हिन्द से जुड़े अतहर परवेज और अरमान मलिक की लगातार दूसरे देशों में अपने साथियों से व्हाट्सएप कॉल और रेगुलर कॉल पर बातचीत होती थी। 11 जुलाई को पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से पीएफआई और एसडीएफआई के दो सदस्यों अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को अरेस्ट किया था। यहां एक बिल्डिंग में एनजीओ की आड़ में पीएफआई से जुड़े कई राज्यों के युवाओं को हथियार और अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। छापेमारी के दौरान इस बिल्डिंग से पीएफआई के झंडे, बैनर, पंपलेट और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे।
मरगुव अहमद दानिश मूल रूप से गया जिले के बिथो शरीफ का रहने वाला है। इनके परिवार के कुछ लोग पाकिस्तान के कराची में भी बसे हुए हैं। इन्होने हाफिज बस्तानिया एवं फोकानिया की पढ़ाई की है। 2016 से ये वाट्सएप ईमेल और फेसबुक प्रोफाइल के माध्यम से लोगों के संपर्क में हैं। ताहिर तहरिक ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ा है। पाकिस्तान का फैजान नाम से कोई व्यक्ति इनके साथ नियमित संपर्क में है। ताहिर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से गजवा-ए-हिन्द से जुड़ा है और इसका ग्रुप एडमिन भी है। फैजान भी इस ग्रुप का एडमिन है। कई सारे पाकिस्तानी नंबर इसके साथ जुड़े हुए हैं। इसका ग्रुप आइकन एवं मैसेज देश विरोधी सम्प्रदाय विरोधी, भड़काऊ, आपत्तिजनक तथा गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है। इसमें भारत पाकिस्तान और यमन के लोगों के मोबाइल नंबर नंबर जुड़े हैं।
इसके बाद बुधवार को मोतिहारी जिले के ढाका के मदरसे से NIA की टीम ने ने मौलाना असगर अली को अरेस्ट की है। NIA की टीम ने मोतिहारी के पचपकड़ी रोड स्थित जामिया मारिया मिशवा मदरसे में छापेकारी की। वहां से 3 लोगों को हिरासत में ढाका थाने ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद दो लोगों को वहीं से रिहा कर दिया गया। सूत्राों का कहना है कि इन्होंने भी पूछताछ में ‘गजवा-ए-हिंद’ मिशन का जिक्र किया है।
‘गजवा-ए-हिंद’ क्या है?
मुस्लिम स्कॉलरों की मानें तो ‘गजवा-ए-हिंद’ का मतलब सामान्य तौर पर समझें तो जब किसी गैर इस्लामिक राष्ट्र या प्रदेश पर मुस्लिम समाज के लोग युद्ध कर उसपर कब्जा करते हैं तो इस प्रक्रिया को गजवा-ए-हिंद कहा जाता है। इस्लाम में कट्टरपंथ विचारधारा को मानने वाले लोग मानते हैं कि दुनिया में जो भी गैर मुस्लिम क्षेत्र हैं वहां रहने वाले लोग काफिर हैं। इस्लामिक कट्टरपंथ विचारधारा मानने वाले लोग मानते हैं कि युद्ध के जरिए काफ़िरों को जीतना ही मिशन ‘गजवा-ए-हिंद’ है।
‘गजवा-ए-हिंद’ का संधि विच्छेद करके इसका अर्थ समझें तो युद्ध को गजवा कहा जाता है। काफिरों को युद्ध में हराने की प्रक्रिया को ‘गाज़ी’ कहा जाता है। यहां हिंद का मतलब हिन्दुस्तान यानी भारत है। इसलिए जब कोई मुस्लिम देश या संगठन भारत में इस्लाम को स्थापित करने का युद्ध या अभियान चलाते हैं तो उसे ‘गजवा-ए-हिंद’ कहते हैं।इस्लाम में दुनिया के देशों को दो भागों में बांटकर देखा जाता है। एक वैसे देश जहां इस्लाम अनुयायी लोगों का शासन हो, दूसरा वह देश जहां इस्लाम मानने वाले लोग रहते जरूर हैं, लेकिन वहां उनका प्रत्यक्ष शासन नहीं है। इस्लाम की भाषा में इसे मुस्लिम शासन वाले देश को दारुल इस्लाम कहा जाता है, वहीं गैर मुस्लिम शासन वाले देश को दारुल हर्ब कहा जाता है। कट्टरपंथ विचारधारा वाले मुस्लिम मानते हैं कि भारत की भूमि पर प्रत्यक्ष रूप से शासन करने के लिए पर्याप्त संख्या में मुस्लिम हैं, इसलिए इस देश को दारुल इस्लाम होना चाहिए। ऐसी सोच रखने वाले लोग मानते हैं कि भारत को दारुल इस्लाम बनाने के लिए चाहे जो करना पड़े इससे वह पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए ऐसे लोग जिहाद जैसी बातों को सही मानते हैं। उनका मानना है कि भारत मुस्लिमों की धरती है, इसलिए यहां हिंदुओं या अन्य धर्म के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर अपने भाषणों में गजवा-ए-हिंद का जिक्र करते हैं। योगी कहते हैं कि भारत में गजवा-ए-हिंद मिशन में मुस्लिमों की एक बड़ी लगी हुई है। इन लोगों को विदेशी ताकतों से सीधे तौर से आर्थिक मदद मिलती है। इस तरह के अभियान से जुटे लोगों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की जैसे देशों से फंडिंग की बात विभिन्न जांच रिपोर्ट में भी सामने आ चुकी है। योगी समेत बीजेपी के तमाम नेता कहते हैं कि भारत में कभी भी ‘गजवा-ए-हिंद’ पूरा होने वाला नहीं है। क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो पूरी तरह से संविधान के जरिए संचालित है। इसलिए यहां शरीयत कानून कभी भी सफल नहीं होने दिया जाएगा।