Monday, December 23, 2024
HomeFashion & Lifestyleकदीमा क्या है? जानिए इसके फायदे!

कदीमा क्या है? जानिए इसके फायदे!

कदीमा को अन्य भाषा में कद्दू भी कहा जाता है! कदीमा को प्रचलित भाषा में कदीमा कहते हैं। इसे कई स्थानों पर कद्दू भी कहा जाता है। कदीमा में पोटाशियम, विटामिन, फाइबर, फोलेट, मैग्निशियम जैसे भरपूर पोषक तत्वों के कारण कदीमा को कई तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। तो चलिये जानते हैं कि कूष्माण्ड (कदीमा) का आयुर्वेद में कैसे प्रयोग किया जाता है, इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

कूष्माण्ड क्या होता है?

कदीमा या कदीमा के फलों से साग भी बनाया जाता है। इसके विभिन्न आकार व रंग के विशाल फल पाए जाते हैं। कदीमा या कदीमा पीले रंग का होता है। कूष्माण्ड (कदीमा) कड़वा, मधुर, थोड़ा गर्म प्रकृति का, गुरु, रूखा, कफ और वात को कम करने वाला, मल को निकालने में मदद करता है यानि कब्ज से दिलाये निजात, अग्नि को मन्द करने वाला, मूत्रल, कमजोरी दूर करने वाला; कृमि तथा सूजन कम करने में भी सहायता करता है। कदीमा के बीज कृमि निकालने में , जिनको मूत्र ज्यादा नहीं होता उससे राहत दिलाने में तथा स्नायु या नर्व को शक्ति प्रदान करने में सहायक होता है।

कदीमा के फायदे

कदीमा एक ऐसा सब्जी है जो हर किचन में बनता है। लेकिन कूष्मांड या कदीमा कितने बीमारियों के लिए फायदेमंद है ये जानकर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे। चलिये जानते हैं कि कदीमा किन-किन बीमारियों में और कैसे काम करता है।अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो कूष्माण्ड का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी साबित होता है। कूष्माण्ड (कदीमा)  तथा इमली का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली काढ़े में शक्कर मिलाकर पीने से सिर दर्द कम होता है।अक्सर किसी बीमारी के कारण और गर्मी या सर्दी के वजह से होंठ फटे हुए रहते हैं। ऐसे में  कूष्माण्ड के बीजों का इस तरह से इस्तेमाल करने पर फटे होंठों में मुस्कान आ जाती है। कददू के बीजों को पीसकर होंठों पर लगाने से फटे हुए होंठ ठीक हो जाते हैं।

अक्सर कृमि की बीमारी से बच्चे बहुत परेशान रहते हैं। इससे राहत पाने के लिए कूष्माण्ड का प्रयोग ऐसे करने से लाभ मिलेगा। 1-3 ग्राम पीले कूष्माण्ड बीज चूर्ण का सेवन करने से पेट से कृमि निकालने में मदद मिलती  है।

अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती है तो कूष्माण्ड का सेवन करने से फायदा मिलता है। पीले कूष्माण्ड फल का साग बनाकर खाने से कब्ज ठीक होता है।अगर मसालेदार खाना खाने के कारण या किसी साइड इफेक्ट के वजह से आमाशय में जलन होने की तकलीफ से परेशानी हो रही है तो कूष्माण्ड के छोटे फल को भूनकर, उसका रस निकालकर पीने से यकृत् या लीवर, हृदय तथा आमाशयगत जलन से छुटकारा मिलता है।

अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें  कूष्माण्ड का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। कूष्माण्ड  के छिलके को सुखाकर, पीसकर खाने से बवासीर में अत्यन्त लाभ होता है।अगर बवासीर के कारण बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो कूष्माण्ड का औषधीय गुण फायदेमंद साबित हो सकता है। कूष्माण्ड के फल के गूदे को चीनी की चासनी में पकाकर, 5-10 ग्राम मात्रा में सेवन करने से अर्श (बवासीर) जन्य रक्तस्राव (ब्लीडिंग) से राहत मिलती है।

मूत्र संबंधी बीमारी में बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे- मूत्र करते वक्त दर्द या जलन होना, मूत्र रुक-रुक कर आना, मूत्र कम होना आदि। कूष्माण्ड  इस बीमारी में बहुत ही लाभकारी साबित होता है। 5-10 ग्राम बीजों को पीसकर मिश्री या शहद मिलाकर सेवन करने से मूत्र संबंधी रोगों से राहत मिलती है।अगर आपको पीलिया हुआ है और आप इसके लक्षणों से परेशान हैं तो कदीमा का सेवन इस तरह से कर सकते हैं। कदीमा के रस को आंखों में अञ्जन (आंजने) करने से पीलिया में लाभ होता है।

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी परेशानी से ग्रस्त हैं। कदीमा इन सब परेशानियों को कम करने में मदद करता है। पीले कदीमा फल के गूदे को पीसकर लगाने से घाव जैसे त्वचा संबंधी रोगों में लाभ होता है।अगर मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ है तो उसके लक्षणों से राहत दिलाने में कदीमा बहुत मदद करता है। कदीमा का शाक बनाकर खाने से ज्वर या बुखार में लाभ होता है।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments