हमारे वैदिक विज्ञान में कई प्रकार की औषधियों का वर्णन किया गया है, जिन से हमारे शरीर और मस्तिष्क को काफी फायदा पहुंचाता है! नागकेसर का पौधा एक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। आयुर्वेद में नागकेसर के प्रमुख गुणों के बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है। इस पौधे के फल, फूल बीज आदि सभी हिस्सों का इस्तेमाल औषधि के रुप में किया जाता है। इस लेख में हम आपको नागकेशर के फायदे, नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
नागकेसर क्या है?
इसकी पत्तियां लाल रंग की होती हैं और उनका अगला हिस्सा चमकीले हरे रंग का होता है। इसके फूल सफ़ेद और पीले रंग के होते हैं। इन फूलों के अन्दर पीले केसरी रंग के पुंकेसर गुच्छो में आते हैं, इन्हें ही ‘नागकेसर’ कहते हैं।
नागकेशर कसैला, तीखा, गर्म, लघु, रूक्ष, कफ-पित्तशामक, आमपाचक, व्रणरोपक तथा सन्धानकारक होता है। इसके पुंकेसर से बनने वाले एसेंशियल ऑयल में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन्ही गुणों की वजह से इसका सेवन कई बीमारियों में लाभप्रद होता है। यह 18-30 मी ऊँचा, माध्यम आकार का हमेशा हरा रहने वाला एक वृक्ष है।
नागकेसर के फायदे
हिचकियाँ कभी भी अचानक शुरु हो जाती हैं और फिर जल्दी रूकती नहीं है। हालांकि ऐसे कई घरेलू उपाय हैं जिनकी मदद से आप हिचकियों को रोक सकते हैं। नागकेशर का उपयोग करना भी उन्हीं में से एक है। इसके लिए 500 mg नागकेसर के सूक्ष्म चूर्ण में 1-1 ग्राम शहद एवं मिश्री मिलाकर सेवन करके अनुपान में गन्ने या महुवे के रस का सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
नागकेसर में ऐसे गुण होते हैं जिनकी वजह से खांसी और सांसो से जुड़े रोगों में फायदा मिलता है। यह फेफड़ों की सूजन को कम करने में भी लाभकारी है। इसके लिए नागकेशर मूल और छाल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिएं। जब तक समस्या से आराम न मिल जाए नियमित इस काढ़े का सेवन करते रहें।
खांसी दूर करने के अलावा नागकेसर का सेवन करने से सर्दी जुकाम में भी जल्दी आराम मिलता है। जुकाम होने पर नागकेसर के पत्तों के पेस्ट को सिर पर लगाएं। इसे लगाने से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है।
खराब खानपान, पेट में ज्यादा गर्मी या अन्य कारणों से दस्त के साथ-साथ खून भी निकलने लगता है। अक्सर बच्चे इस समस्या से ज्यादा पीड़ित रहते हैं, हालांकि बड़ों में भी यह समस्या होना आम बात है। दस्त में खून की समस्या से आराम दिलाने में नागकेशर बहुत कारगर है। इसके लिए 250-500 मिग्रा नागकेसर चूर्ण को शहद युक्त मक्खन के साथ या चीनी-युक्त मक्खन के साथ सेवन करने से मल में खून निकलने की समस्या से आराम मिलता है।आज कल की ख़राब जीवनशैली और खानपान की वजह से अधिकांश लोगों का हाजमा बिगड़ा हुआ रहता है। पाचन तंत्र के ठीक तरीके से काम ना करने की वजह से पेट से जुड़ी कई समस्याएं जैसे कि अपच, एसिडिटी या पेट में जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इन समस्याओं से आराम दिलाने में नागकेसर बहुत उपयोगी है. इसके लिए नियमित 0.5-1 ग्राम नागकेशर फल चूर्ण का सेवन करें।
अगर आप दस्त से पीड़ित हैं तो नागकेसर का सेवन करें। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार इसके सेवन से दस्त से जल्दी आराम मिलता है। दस्त से आराम पाने के लिए 500 mg पुष्पकलिका चूर्ण का सेवन करें।
ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर महिलाओं से जुड़ी एक बीमारी है। जिसमें योनि से गाढ़ा सफ़ेद रंग का तरल निकलने लगता है। इसे सफ़ेद पानी की समस्या भी कहा जाता है। अगर आप इस ल्यूकोरिया से पीड़ित हैं तो नागकेसर आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार नागकेशर के 500 mg चूर्ण को मट्ठा में मिलाकर सेवन करने से ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
कई महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा मात्रा में रक्त स्राव होने लगता है। हालांकि माहवारी में रक्तस्राव होना आम बात है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना एक समस्या है। इस समस्या को मेनोरेजिया नाम से भी जाना जाता है। अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो इस प्रकार नागकेसर का उपयोग करें। इसके लिए 250-500 mg नागकेसर चूर्ण को मट्ठे के साथ तीन दिन तक सेवन करें। इसके अलावा रोजाना के आहार में मठ्ठे का सेवन करें। ऐसा करने से मेनोरेजिया की समस्या में जल्दी आराम मिलता है।