नेशनल हाईवे के लिए क्या सोच रहे हैं नितिन गडकरी?

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नितिन गडकरी वर्तमान में नेशनल हाईवे के लिए काफी कुछ सोच रहे हैं! केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काम की सराहना विरोधी तक करते हैं। इसकी वजह है। वह समस्‍याओं का समाधान निकालने के माहिर हैं। फिर उन्‍होंने एक जबर्दस्‍त फॉम्‍युला सुझाया है। यह बांस को फौलादी ताकत देगा। इससे बांस उगाने वाले किसानों को बड़ा फायदा मिलने के आसार हैं। बड़ी बात यह है कि कुछ महीने पहले ही नितिन गडकरी ने बड़े पैमाने पर बांस उगाने के लिए कहा था। वह यह भी बोले थे कि सरकार इसके लिए मार्केट देगी। जो जुगाड़ गडकरी ने दिया है, उससे सीधे इन किसानों को मार्केट मिल जाएगा। गडकरी ने राजमार्गों पर बहू बल्‍ली मवेशी बाड़ लगाने की योजना तैयार की है। इसकी मदद मवेशियों को राजमार्गों पर सड़क पार करने से रोका जा सकेगा। सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। हाईवे के किनारे यह बांस की बाड़ लगेगी। खास तरह के ट्रीटमेंट के बाद यह स्‍टील का मजबूत विकल्‍प बन जाता है! केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बांस को लेकर काफी समय से बोलते रहे हैं। वह बांस की खेती में अवसरों की बात करते आए हैं। अब धीरे-धीरे तस्‍वीर क्‍लीयर हो रही है। यह पता चल रहा है कि वह उनके दिमाग में क्‍या था। लगातार पिछले कुछ सालों से बांस उगाने के लिए वह क्‍यों कह रहे हैं।

बांस के इस्‍तेमाल के गडकरी के पास सॉलिड प्‍लान है। इसके बारे में बुधवार को ट्वीट करके उन्‍होंने जानकारी भी दी थी। उन्‍होंने बताया था कि सरकार भारत में राजमार्गों पर बहू बल्‍ली मवेशी बाड़ यानी बहू बल्‍ली कैटल फेंस को लागू करने की योजना बना रही है। इसका मकसद मवेशियों को सड़क पार करने से रोकना है। साथ ही खतरनाक दुर्घटनाओं में कमी लाना है। यह बाड़ 1.20 मीटर ऊंची होगी। व्यापक समाधान के रूप में इसे एनएच-30 के सेक्‍शन 23 पर लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब छत्‍तीसगढ़ की यात्रा करेंगे तो उसके पहले ही इसे बनाकर उन्‍हें दिखाया जाएगा। इस बाड़ को बनाने में बांस का इस्‍तेमाल होगा।बांस के इस्‍तेमाल के गडकरी के पास सॉलिड प्‍लान है। इसके बारे में बुधवार को ट्वीट करके उन्‍होंने जानकारी भी दी थी। उन्‍होंने बताया था कि सरकार भारत में राजमार्गों पर बहू बल्‍ली मवेशी बाड़ यानी बहू बल्‍ली कैटल फेंस को लागू करने की योजना बना रही है। इसका मकसद मवेशियों को सड़क पार करने से रोकना है। साथ ही खतरनाक दुर्घटनाओं में कमी लाना है। यह बाड़ 1.20 मीटर ऊंची होगी।

व्यापक समाधान के रूप में इसे एनएच-30 के सेक्‍शन 23 पर लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब छत्‍तीसगढ़ की यात्रा करेंगे तो उसके पहले ही इसे बनाकर उन्‍हें दिखाया जाएगा। इस बाड़ को बनाने में बांस का इस्‍तेमाल होगा। यह मवेशी बाड़ असरदार और पर्यावरण अनुकूल है। बांस के इस्‍तेमाल के गडकरी के पास सॉलिड प्‍लान है। इसके बारे में बुधवार को ट्वीट करके उन्‍होंने जानकारी भी दी थी। उन्‍होंने बताया था कि सरकार भारत में राजमार्गों पर बहू बल्‍ली मवेशी बाड़ यानी बहू बल्‍ली कैटल फेंस को लागू करने की योजना बना रही है। इसका मकसद मवेशियों को सड़क पार करने से रोकना है। साथ ही खतरनाक दुर्घटनाओं में कमी लाना है। यह बाड़ 1.20 मीटर ऊंची होगी।इसमें बांस को क्रेओसोट तेल से ट्रीट किया जाता है। फिर इस पर एचडीपीई का लेप लगाया जाता है। इसके चलते यह स्टील का मजबूत विकल्प बन जाता है। यह मवेशी बाड़ असरदार और पर्यावरण अनुकूल है। इसमें बांस को क्रेओसोट तेल से ट्रीट किया जाता है। फिर इस पर एचडीपीई का लेप लगाया जाता है। इसके चलते यह स्टील का मजबूत विकल्प बन जाता है।

महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल जिलों को जोड़ने वाले एक राजमार्ग पर 200 मीटर लंबा बांस का ‘क्रैश बैरियर’ पहले ही लगाया जा चुका है। देशभर के राजमार्गों पर ‘क्रैश बैरियर’ लगाए जाने हैं। जाहिर है कि इसे बांस की खेती को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में भी बांस की खेती में रोजगार के मौकों की बात कही थी। बांस के इस्‍तेमाल के गडकरी के पास सॉलिड प्‍लान है। इसके बारे में बुधवार को ट्वीट करके उन्‍होंने जानकारी भी दी थी। उन्‍होंने बताया था कि सरकार भारत में राजमार्गों पर बहू बल्‍ली मवेशी बाड़ यानी बहू बल्‍ली कैटल फेंस को लागू करने की योजना बना रही है। इसका मकसद मवेशियों को सड़क पार करने से रोकना है। साथ ही खतरनाक दुर्घटनाओं में कमी लाना है। यह बाड़ 1.20 मीटर ऊंची होगी। किसानों से अपील की थी कि वे बड़े पैमाने पर बांस उगाएं। सरकार उन्‍हें मार्केट देगी। मंत्री ने कहा था कि सिर्फ क्रैश बैरियर में ही नहीं, बल्कि इनका इस्‍तेमाल और भी कई जगह हो सकता है।