Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the td-cloud-library domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u176094703/domains/mojopatrakar.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
आगे के लिए क्या है बीजेपी की तैयारियां? | MojoPatrakar
Saturday, April 19, 2025
HomeIndian Newsआगे के लिए क्या है बीजेपी की तैयारियां?

आगे के लिए क्या है बीजेपी की तैयारियां?

आने वाले चुनावो के लिए बीजेपी की मुसीबत बढ़ती जा रही है! वो कहते हैं मेरा दिल्ली में डेढ़ कमरे का मकान है। इस्तीफा हमेशा मेरी जेब में रहता है। मेरे पास कुछ नहीं है। अगर कुछ होता तो ईडी, इनकम टैक्स आ जाती। लेकिन हां, रिटायर होने के बाद औरों की जांच कराउंगा। मेरे पास बहुत मसाला है। राज्यपाल का कोई काम नहीं होता, वो बस दारू पीते हैं और गोल्फ खेलते हैं। प्रधानमंत्री को घमंडी बता चुके हैं। उनमें पीएम मोदी से पंगा लेने का जज्बा है। वे सिर्फ पांच-कुर्ते पजामे के साथ चले जाने की बात करते हैं। सरकार के तीन कृषि कानूनों का खुलकर विरोध के साथ ही अग्निपथ योजना को शर्मनाक बता चुके हैं। इन सब के बावजूद वह मेघालय के राज्यपाल के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। यह तो अब स्पष्ट है कि बात जाट नेता सत्यपाल मलिक की हो रही है। वह मलिक जिन्हें पार्टी ने बिहार, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, गोवा के बाद मेघालय का राज्यपाल बनाया। आखिर ऐसा क्या हो गया है कि वह लगातार अपनी पार्टी के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। वह खुलकर अडाणी की मुखालफत करते हैं। पीएम मोदी को उनका दोस्त बताते हैं। कई मौकों पर अपनी ही पार्टी की सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके हैं। रविवार को राजस्थान पहुंचे सत्यपाल मलिक ने कहा कि मुझे भी इशारे किए गए थे कि मैं सच बोलना बंद कर दूं तो मुझे उप-राष्ट्रपति बना देंगे लेकिन मैंने कह दिया, मैं ऐसा नहीं कर सकता। अब जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव करीब हैं क्या पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है। आखिर ऐसा क्या है कि बीजेपी की तरफ से उनके खिलाफ किसी तरह का कोई ऐक्शन नहीं हो रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किसानों के मुद्दे पर सरकार पहले ही बैकफुट पर है। वहीं, सत्यपाल मलिक खुलकर किसानों का साथ दे रहे हैं। ऐसे में यदि पार्टी की तरफ से उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई होती है तो इससे जाट बीजेपी से नाराज हो सकते हैं। यूपी में बीजेपी भले ही सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही हो लेकिन जाटो की पार्टी के प्रति नाराजगी दूर नहीं हुई है। ऐसे में पार्टी सीधे तौर पर सत्यपाल मलिक पर किसी तरह का ऐक्शन लेकर एक महत्वपूर्ण तबके की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। हालांकि, पार्टी ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बना कर जाटों की नाराजगी को कम करने का प्रयास तो जरूर किया है। लेकिन इसका असर कितना हुआ है यह आने वाले चुनाव में पता लगेगा। राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां भी जाट वोट काफी निर्णायक हैं। ऐसे में पार्टी किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है।

जाट परिवार से आने वाले सत्यपाल मलिक के पूर्वज हरियाणा के हैं, लेकिन उनकी पैदाइश वेस्ट यूपी की है। सत्यपाल मलिक देश की राजनीति की लगभग हर विचारधारा के हिस्सेदार रहे हैं। मलिक ने लोहिया के समाजवाद से प्रभावित होकर बतौर छात्र नेता अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। मलिक ने 70 के दशक में कांग्रेस विरोध की बुनियाद पर यूपी में नई ताकत बनकर उभर रहे चौधरी चरण सिंह का साथ पकड़ा। चरण सिंह कहते थे कि इस नौजवान में कुछ कर गुजरने का जज्बा दिखता है।’ उन्होंने 1974 में भारतीय क्रांति दल से सत्यपाल मलिक को टिकट दिया। 28 साल की उम्र में सत्यपाल विधायक चुन लिए गए। बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1984 में मलिक राज्यसभा पहुंच गए। बाद में वीपी सिंह के कहने पर जनता दल में शामिल हो गए। इसके बाद सांसद चुने गए। वीपी सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। 2004 में मलिक बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह के खिलाफ ही बागपत से चुनाव लड़ा। हालांकि, मलिक को हार का सामना करना पड़ा। 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पार्टी ने इन्हें बिहार का राज्यपाल बना दिया। इसके बाद ये जम्मू-कश्मीर, गोवा, और फिर मेघालय के राज्यपाल हैं।

सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ भी खुल कर विरोध जता चुके हैं। महीने उन्होंने कहा था कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर में किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। जनवरी में मलिक ने कहा था कि जब वह किसानों के मुद्दे पर मोदी से मिलने गए, तो वह ‘अहंकार’ में थे। उनकी 5 मिनट के भीतर प्रधानमंत्री से लड़ाई हुई थी। मलिक का कहना है कि (सरकार ने) किसानों से आधा-अधूरा समझौता कर उन्हें (धरने से) उठा दिया गया, लेकिन मामला जस का तस है। इस साल जून में ही सत्यपाल मलिक ने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बना तो देश में किसानों की सरकार के साथ बहुत भयानक लड़ाई होगी। उन्होंने कहा था कि धरना खत्म हुआ है, आंदोलन खत्म नहीं हुआ। उन्होंने कहा था कि मेरे तो 4 महीने रह गए हैं (राज्यपाल के पद पर)… मैं तो छोड़कर उसी (एमएसपी को लेकर किसानों के आंदोलन में) में कूद पडूंगा। सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब किसान आंदोलन कर रहे थे, तो वह प्रधानमंत्री के पास गये थे। उन्होंने कहा था कि देखिये साहब इनके (किसानों के) साथ बहुत ज्यादती हो रही है। मलिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि इनको कुछ ले देकर निपटा दीजिये तो उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा चले जायेंगे… क्यों चिंता करते हो… मैंने कहा, साहब आप इनको जानते नहीं हो… ये तब जायेंगे जब आप (प्रधानमंत्री) चले जायेंगे। सतपाल मलिक ने कहा कि जब कोई कुतिया भी मरती है तो शोक संदेश जाता है। 700 किसान मर गए लेकिन किसी के लिए शोक संदेश नहीं दिया।

सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार की तरफ से सेना भर्ती की नई ‘अग्निपथ’ योजना का भी विरोध किया था। मलिक का कहना था कि सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। मलिक ने कहा था कि छह माह जवान ट्रेनिंग लेगा, छह माह की छुट्टी और तीन साल की नौकरी करने के बाद जब वह घर लौट आएगा तो उसका ब्याह भी नहीं होगा। राज्यपाल मलिक ने कहना था कि अग्निपथ योजना जवानों के खिलाफ है, यह उनकी उम्मीदों के साथ धोखा है। मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर मिलने का वक्त दें तो उनके साथ इस पर चर्चा करेंगे। मलिक का कहना था कि यह योजना बहुत शर्मनाक है, युवाओं को नीचा दिखाएगी। इस योजना से युवाओं का कोई लाभ नहीं होने वाला है। मलिक ने यह भी कहा था कि सरकार चाहे तो पूरे देश पर रोलर चलवा सकती है। मगर यह योजना गलत है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए। मलिक का कहना है कि तीन साल के लिए कौन अपने सीने पर गोली खाएगा।

सत्यपाल मलिक पहले ही कह चुके हैं कि मैं एक मिनट में कुर्सी छोड़ दूंगा अगर जिसने मुझे बनाया है वह कह दे। सेवानिवृत्ति के बाद की योजना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक यह कह चुके हैं कि मेरा इरादा राजनीति करने और चुनाव लड़ने का नहीं है। किसानों और जवानों के लिए जहां जरूरत होगी संघर्ष करुंगा। मलिक कश्मीर पर किताब लिखने की बात भी कह चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सेवानिवृत्त होने के बाद केन्द्र सरकार के खिलाफ खुलकर आंदोलन की अगुवाई करेंगे? मलिक ने कह चुके हैं कि बात सरकार के विरोध की नहीं है, मैं जो मुद्दा उठा रहा हूं, वह अगर मान लिया जाये तो वह सरकार के पक्ष की ही बात होगी। एक कार्यक्रम के दौरान मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री से अगर मैं आज लड़ गया तो वो यही बूता था कि मेरे पास कुछ नहीं था। मैं श्रीनगर के दो मामलों के लिए प्रधानमंत्री के पास गया था। दोनों गलत थे, कैंसिल कर दिए। मुझे डेढ़-डेढ़ सौ करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश हुई थी। मुझे कुछ नहीं चाहिए। पांच कुर्ते-पायजामे में आया था, उसी में चला जाउंगा। मलिक कह चुके हैं कि मैं दिल्ली में डेढ़ कमरे के मकान में रहता हूं। इसलिए मैं किसानों के मुद्दे पर मोदी से पंगा ले सकता हूं।’

इस साल जून में ही सत्यपाल मलिक ने अडानी कंपनी पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री कुछ तो बतायें ये कैसे मालदार हो रहे हैं, जबकि लोग बबार्द हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि इनको (कॉरपोरेट के लोगो) को कोई इज्जत मत दीजिये… इनको सेठ भी मत कहिये और जब तक इनपर हमला नहीं होगा तब तक यह क्लास रुकेगी नहीं… हम नीचे जाते रहेंगे ये ऊपर जाते रहेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के एक दोस्त पानीपत में 50 एकड़ क्षेत्र में गोदाम बनाकर सस्ते भाव में गेहूं खरीदने का सपना पाले हुए हैं। 22 अगस्त को हरियाणा के नूंह में एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने नरेंद्र मोदी सरकार को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि एमएसपी लागू नहीं करने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्त अडानी है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अडानी एशिया का सबसे अमीर आदमी बन गया है। इसके इशारे पर ही सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अडानी को एयरपोर्ट, बंदरगाह, प्रमुख योजनाएं दी गई हैं…एक तरह से देश को बेचने की तैयारी है, लेकिन हम ऐसा न होने देंगे।’

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments