आखिर क्या है उत्तराखंड की लोकसभा सीटों का झमेला?

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उत्तराखंड की लोकसभा सीटों का झमेला बढ़ता ही जा रहा है! लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में अब तक 26 प्रत्याशी मैदान में हैं। बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन है। राष्ट्रीय पार्टियों के साथ-साथ क्षेत्रीय दल भी चुनाव में नामांकन के लिए जोर-शोर से जुटे हुए हैं। उत्तराखंड की पांचों सीटों पर वैसे तो जोरदार टक्कर है, लेकिन हरिद्वार संसदीय सीट हॉट सीट बन गई है। यहां दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा की लड़ाई है। भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री तो कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चुनाव मैदान में हैं। दोनों रावतों की लड़ाई में किसका वर्चस्व कायम रहेगा यह तो आने वाले समय ही बताएगा। हालांकि पांचों सीटों में से हरिद्वार पर मुकाबला कड़ा और रोचक होने जा रहा है। इस सीट पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। उत्तराखंड में भाजपा ने जहां तीन सीटिंग सांसदों के साथ दो नए चेहरों को मौका दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों को बदला है। कुछ नए चेहरों को जगह दी है। साथ ही दो युवाओं को प्रत्याशी बना कर युवा शक्ति को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया है। हालांकि किसी महिला प्रत्याशी को टिकट न देने के कारण पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी है।

हरिद्वार लोकसभा सीट में दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच मुकाबला है। भाजपा ने पूर्व सीएम और कद्दावर नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व सीएम हरीश रावत की जिद के आगे घुटने टेकते हुए उनके बेटे वीरेंद्र रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खानपुर विधायक उमेश कुमार भी चुनाव मैदान में हैं। विधायक उमेश कुमार इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बना सकते हैं, जबकि राजनीतिज्ञ इन तीनों में से कांग्रेस पार्टी को मजबूत मान रहे हैं, क्योंकि हरिद्वार में कांग्रेस के विधायक ज्यादा है। इसके चलते मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। बहुजन समाज पार्टी ने भी हरिद्वार सीट पर अपना प्रत्याशी उतारा है। बसपा ने यहां से पहले राज्य आंदोलनकारी और जनता कैबिनेट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष भावना पांडे को अपना प्रत्याशी बनाया था। भावना पांडे के बसपा में आने से पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हो गए, जिस पर पार्टी ने भावना पांडे को निष्कासित कर दिया। इसके बाद भावना पांडे भाजपा में शामिल हो गईं। बसपा ने मुजफ्फरनगर के मीरापुर से पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी को हरिद्वार संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

टिहरी लोकसभा से भाजपा ने सिटिंग एमपी माला राज्य लक्ष्मी शाह को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला चुनाव मैदान में हैं। भाजपा जहां वर्तमान सांसद और प्रत्याशी के जीत का दम ठोक रही है, वहीं कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला राजशाही खत्म करने और संसदीय सीट पर कांग्रेस का कब्जा होने का दावा कर रहे हैं।

टिहरी संसदीय सीट से ही युवा नेता बॉबी पवार भी चुनाव मैदान में हैं, जिन्हें कई क्षेत्रीय दलों ने अपना समर्थन दिया है। बॉबी पवार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं और लंबे समय से उत्तराखंड के युवाओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। बॉबी पंवार के नामांकन जुलूस में जौनसार के लोग भारी संख्या में शामिल हुए। हालांकि सवाल यह भी है कि नामांकन जुलूस में शामिल यह भीड़ वोटों में तब्दील हो सकेगी या नहीं। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के अपने-अपने कैडर वोट हैं, जिनके लिए पार्टियां आश्वत हैं कि उनका कैडर वोट कहीं नहीं खिसकेगा। हालांकि बॉबी पवार की रैली में उमड़ी अभूतपूर्व भीड़ केवल भीड़ साबित होगी या वोट बैंक में तब्दील होगी, यह चुनाव परिणाम ही बताएगा।

हालांकि बॉबी पंवार के नामांकन जुलूस में उमड़ी भीड़ ने राजनीतिज्ञ को भी के माथे पर भी चिंता की लकीरें डाल दी हैं। टिहरी लोकसभा सीट से डेमोक्रेटिव पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है। पार्टी प्रत्याशी रामपाल सिंह ने मंगलवार को अपना नामांकन कराया है।

उत्तराखंड में हरिद्वार के बाद पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट सबसे अधिक चर्चित सीट साबित हो रही है। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को टिकट दिया है। बलूनी पीएम मोदी के करीबियों में माने जाते हैं। वहीं उनके प्रतिद्वंदी के रूप में कांग्रेस ने पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को चुनाव मैदान में उतारा है। एक ओर अनिल बलूनी को टिकट दिए जाने से जहां स्थानीय कार्यकर्ताओं में कुछ नाराजगी है तो वहीं स्थानीय नेता होने के कारण गणेश गोदियाल की ओर जनता का रुख देखा जा रहा है। गणेश गोदियाल की श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में अच्छी पहुंच है। पौड़ी लोकसभा सीट में आने वाले बद्रीनाथ क्षेत्र के विधायक राजेंद्र भंडारी कुछ दिनों पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैं, लेकिन उनके समर्थक अभी भी कांग्रेस में हैं। जिसका असर इस चुनाव में देखा जा सकता है।

नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर सिटिंग सांसद अजय भट्ट और युवा प्रत्याशी प्रकाश जोशी के बीच का मुकाबला होने जा रहा है। सिटिंग एमपी अजय भट्ट अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं तो वहीं राहुल गांधी के करीबियों में से एक माने जाने वाले प्रकाश जोशी इस संसदीय चुनाव में जीत को लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं। इनके अलावा बसपा प्रत्याशी अख्तर अली माहीगीर भी चुनाव मैदान में हैं। बसपा प्रदेश अध्यक्ष शीशपाल चौधरी के अनुसार बसपा ने नैनीताल-उधम सिंह नगर से अपने कैडर कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाया है। अख्तर अली 1984 से बसपा से जुड़े हुए हैं और विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। हालांकि मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है, लेकिन यह भी तय है कि बसपा प्रत्याशी इन राष्ट्रीय दलों के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।

उधर भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, वीके सिंह, दुष्यंत कुमार, नायब सिंह सैनी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा सहित 40 नेताओं के नाम शामिल हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से फिलहाल स्टार प्रचारकों की कोई सूची नहीं आई है। 26 मार्च तक कुल 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। टिहरी गढ़वाल में 6, पौड़ी गढ़वाल में 8, अल्मोड़ा में 3, नैनीताल में 3 और हरिद्वार में 6 नामांकन हो चुके हैं। आज नामांकन के आखिरी दिन की स्थिति शाम तक साफ हो पाएगी लेकिन सबसे ज्यादा प्रत्याशी पौड़ी गढ़वाल में हैं। यहां पर मुकाबला मुकाबला भी काफी रोचक होने जा रहा है क्योंकि अधिकांश लोग भाजपा प्रत्याशी को पैराशूट प्रत्याशी बताते हुए मशहूर गढ़वाली गीत गा रहे हैं। यह जरूर हो सकता है कि मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी इस चुनावी नैया को पार कर ले लेकिन यह भी तय है की जीत का अंतर बेहद कम होगा।