गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा हुई है। इस योजना के तहत सरकार ने राज्य में गोमूत्र और गोबर खरीदना शुरू कर दिया है। 1 लीटर गोमूत्र के लिए ₹4 का भुगतान किया जा रहा है वहीं 1 किलो गोबर के लिए ₹2 का भुगतान किया जा रहा है।
सरकार द्वारा किसानों को हर तरीके से सशक्त बनाने के लिए तरह-तरह की मुहिम चलाई जा रही हैं। क्योंकि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। ऐसा करने का प्रमुख उद्देश्य एक तरफ खेती मजबूत करना और वही उससे होने वाला उत्पादन का अत्यधिक होना है। जिससे सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी हो सके। भारत जैसे देश में खाद्य संकट ना आ सके यहां तक की निर्यात करने में भी किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। आइए जानते हैं क्या है गोधन न्याय योजना।
गोधन न्याय योजना
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा चालू की गई है। गोधन न्याय योजना पूरे देश में अपनी तरह की पहली योजना है जिसमें किसानों से गोबर खरीदा जाता है और उसका उपयोग खाद बनाने से लेकर विभिन्न कार्यों में किया जाता है। इसका फायदा गौठान समितियों, पशुपालक और महिला समूहों को हो रहा है योजना के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10.70 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
लोकसभा की जारी रिपोर्ट में कृषि संबंधी स्थाई समिति ने केंद्र को छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना जैसी योजना पूरे देश में शुरू करने का सुझाव दिया था। समिति के द्वारा पशुपालन तथा डेयरी विभाग के समन्वयक से किसानों से गोबर की खरीद के लिए योजना शुरू करने की सिफारिश की गई थी। योजना में किसानों से गोबर की खरीद कर खाद बनाया जाता है। इस योजना का शुभारंभ करने का उद्देश्य पशुपालकों और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। गोधन योजना से पशुपालकों एवं किसानों से ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद की जाती है। गोधन न्याय योजना में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा इस गोबर से जैविक खाद का निर्माण होता है। गाय के गोबर से कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट के अलावा कई अन्य चीजें बनाई जाती हैं। गोधन की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय मिशन की स्थापना की गई है। इस मिशन के माध्यम से लाभार्थियों को धन हस्तांतरित करने में सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय मत्स्य पालन पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भैंस का गोबर खरीदने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि एनडीडीबी की सब्सिडियरी कंपनी एनडीडीबी मृदा लिमिटेड किसानों के पशुओं का गोबर खरीद कर। उससे बिजली गैस और जैविक खाद आदि बनाएगी।
₹4 प्रति लीटर गोमूत्र का मूल्य-
छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा गोधन या योजना के तहत किसानों से पहले ही पशुओं के गोबर की खरीदी शुरू कर दी गई थी जिसके लिए किसानों को ₹2 किलो की दर से गोबर का भुगतान किया जाता है परंतु अब सरकार ने गोमूत्र खरीदना भी शुरू कर दिया है जिसके लिए ₹4 प्रति लीटर का भुगतान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बाद गोमूत्र और गोबर खरीदने की योजना को अन्य राज्यों में भी शुरू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री का कहना है कि देश के अन्य राज्य भी इस योजना को अपना रहे हैं
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 जुलाई को इस योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को उनके गोबर की खरीद का भुगतान की प्रक्रिया का उद्घाटन शुरू कर दिया। इस योजना के अंतर्गत कुल 65,694 पंजीकृत लाभार्थियों में से 46,764 से लगभग 82711 क्विंटल गोबर की खरीद की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कुल देय राशि 1,65,00,000 रुपए है। इसकी पहली सहकारी बैंक के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के सीधे बैंक अकाउंट में राज्य सरकार द्वारा ट्रांसफर किए जाएंगे।
किसानों की आय में बढ़ोतरी-
गौतम या योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य ही किसानों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना था। जिससे किसानों को आर्थिक सहायता दी जाए और उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो सके। छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधनिया योजना के तहत गोमूत्र की खरीद भी शुरू कर दी है आपको हम बता दें कि राज्य में पहले से ही गोबर की खरीद बिक्री हो रही थी जिसके पीछे सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है और आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना था परंतु अब गोमूत्र भी खरीदना शुरू कर दिया गया है गोमूत्र की बिक्री करने वाले किसानों से ₹4 प्रति लीटर की दर से गोमूत्र खरीदा जाएगा। जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।