आज हम आपको दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की खासियत बताने वाले हैं! दिल्ली से जयपुर बाई रोड जाना है तो अब आधे वक्त में पहुंच जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले स्ट्रेच का उद्घाटन करेंगे। हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा के बीच का स्ट्रेच तैयार है। मंगलवार से इसपर ट्रैफिक शुरू कर दिया जाएगा। अभी दिल्ली से जयपुर पहुंचने में करीब 5 घंटे लगते हैं। सोहना-दौसा स्ट्रेच खुलने के बाद करीब 3 घंटे में जयपुर पहुंचना पॉसिबल होगा। इस एक्सप्रेसवे पर ऑटो, बाइक को ड्राइव करने पर पाबंदी रहेगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ट्रेवलर्स को तेज रफ्तार के अलावा कई सुविधाएं मिलेंगी। देश के सबसे लंबे ग्रीन कॉरिडोर पर ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाईन, सौर ऊर्जा एवं वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खास इंतजाम हैं। आइए जानते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का सोहना-दौसा स्ट्रेच खुलने के बाद क्या-क्या बदलने वाला है। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई (DVM) एक्सप्रेसवे पर सफर का इंतजार अब खत्म होने वाला है। दिल्ली-दौसा तक का पहला फेज बनकर तैयार है। रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी दौसा से इसका उद्घाटन करेंगे। सोहना रोड के अलीपुर में DVM एक्सप्रेसवे के पहले एंट्री पॉइंट पर समारोह होगा। उद्घाटन के दो दिन बाद एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से जयपुर के बीच आवागमन शुरू हो जाएगा।
दिल्ली से जयपुर जाने में फिलहाल चार से पांच घंटे का समय लगता है, लेकिन अब इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने पर डेढ़ घंटे का समय बच सकेगा। अब ढाई घंटे में जयपुर पहुंचा का सकेगा। एक्सप्रेसवे पूरी तरह सिग्नल फ्री है, ऐसे में लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना भी नहीं करना पड़ेगा और समय के साथ ईंधन की बचत भी हो सकेगी। सोहना से दौसा के बीच का स्ट्रेच 246 किलोमीटर लंबा है। देश के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,380 किलोमीटर होगी।
आठ लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल्ड सोहना-दौसा स्ट्रेच खुलने के बाद दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे का एक वैकल्पिक रूट बन जाएगा।एक्सप्रेसवे के सोहना से दौसा तक के स्ट्रेच को 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है।सोहना-दौसा स्ट्रेच का 160 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा।एक्सप्रेसवे के सोहना से दौसा तक के स्ट्रेच को 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है।सोहना-दौसा स्ट्रेच का 160 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा। गुड़गांव, पलवल और नूंह जिले से होकर गुजरेगा।यह स्ट्रेच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्टेड रहेगा। डीएनडी से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ और बल्लभगढ़ से सोहना। गुड़गांव, पलवल और नूंह जिले से होकर गुजरेगा।यह स्ट्रेच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्टेड रहेगा। डीएनडी से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ और बल्लभगढ़ से सोहना।
इस प्रॉजेक्ट के पूरी तरह तैयार होने के बाद दिल्ली-मुंबई से अलवर, दौसा, जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत सहित कई शहरों का आना-जाना बेहतर हो जाएगा और जहां पर एग्जिग होंगे वहां पर टोल स्वत: फास्टैग से कट जाएगा।एक्सप्रेसवे के सोहना से दौसा तक के स्ट्रेच को 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है।सोहना-दौसा स्ट्रेच का 160 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा। गुड़गांव, पलवल और नूंह जिले से होकर गुजरेगा।यह स्ट्रेच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्टेड रहेगा। डीएनडी से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ और बल्लभगढ़ से सोहना। देश के सबसे लंबा एक्सप्रेसवे पर आटोमेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत हर एक किलोमीटर पर सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से कंट्रोल सेंटर से निगरानी होगी। यहां जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए 500-500 मीटर पर वॉटर रिचार्ज पॉइंट्स भी बनाए गए हैं। आठ लेन चौड़े एक्सप्रेस वे को 12लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
सिर्फ 24 घंटे में 2.5 किलोमीटर तक 4 लेन PQC डाली गई।एक्सप्रेसवे के सोहना से दौसा तक के स्ट्रेच को 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है।सोहना-दौसा स्ट्रेच का 160 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा। गुड़गांव, पलवल और नूंह जिले से होकर गुजरेगा।एक्सप्रेसवे के सोहना से दौसा तक के स्ट्रेच को 12,150 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया है।सोहना-दौसा स्ट्रेच का 160 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा। गुड़गांव, पलवल और नूंह जिले से होकर गुजरेगा।यह स्ट्रेच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्टेड रहेगा। डीएनडी से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ और बल्लभगढ़ से सोहना। यह स्ट्रेच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्टेड रहेगा। डीएनडी से जैतपुर, जैतपुर से बल्लभगढ़ और बल्लभगढ़ से सोहना। एक दिन में सबसे ज्यादा PQC गिराने का वर्ल्ड रेकॉर्ड।दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के नाम 100 घंटों में सबसे ज्यादा बिटुमेन डालने का भी वर्ल्ड रेकॉर्ड है। सिंगल लेन में 50 किलोमीटर बिटुमेन डाला गया। यह एशिया का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जिसमें जंगली जानवरों के गुजरने के लिए सेफ कॉरिडोर होंगे।