Monday, January 6, 2025
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क्या है जालना IT छापेमारी की कहानी?

इनकम टैक्स के द्वारा कई प्रकार की देश भर में छापेमारी की जाती रही है! अजय देवगन की फिल्ड रेड 2018 में रिलीज हुई। यह फिल्म 1981 में लखनऊ में पड़े एक हाई प्रोफाइल आईटी के छापे की सच्ची घटना पर आधारित थी। फिल्म में आयकर विभाग के अधिकारी की भूमिका निभाने वाले अजय देवगन सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ राजाजी सिंह (सौरभ शुक्ला) के यहां छापा मारते हैं। यह छापेमारी इतनी सीक्रेट रखी जाती है कि आईटी विभाग की टीम में शामिल दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इसकी भनक नहीं थी कि वे कहां छापा मारने जा रहे हैं। इसी तरह एक सच्ची आईटी रेड महाराष्ट्र के जालना में की गई। इस छापेमारी के अब खूब चर्चे हो रहे हैं कारण इस छापेमारी को करने का तरीका और बरामदगी है। पूरे मिशन रेड को इतना सीक्रेट रखा गया कि किसी को इसकी भनक नहीं लगी। बारात की तरह गाड़ियों का काफिला निकला और ताबड़तोड़ छापेमारी हुई। जालना के कारोबारी के यहां से ‘कुबेर का खजाना’ मिला।आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के जालना में 3 अगस्त को एक उद्योगपति के ठिकानों पर छापेमारी की। तीन दिनों तक यह छापेमारी चली। आईटी विभाग ने 58 करोड़ रुपये कैश, 32 किलो सोना, करोड़ों के हीरे समेत लगभग 390 करोड़ रुपये की बेनामी बेहिसाब संपत्ति जब्त की है।

जालना में आयटी विभाग जिस स्टील कंपनी में छापेमारी की है उस कंपनी का नाम एसआर स्टील कंपनी, कालिका स्टील है। विमलराज सिंघव और प्रदीप बोरा यह उद्योगपती करवाई के रेडार पर थे। पुख्ता सूचना के बाद आयकर विभाग के बड़े अधिकारियों ने छापेमारी की तैयारी की।

अधिकारी ने लगभग 260 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाईं। टीम में मुंबई, पुणे, नासिक और औरंगाबाद के अधिकारी शामिल किए गए। टीमों को ले जाने के लिए 120 गाड़ियां मंगाई गईं। इन गाड़ियों को किराए पर भी लिया गया। गाड़ियों पर ‘राहुल वेड्स अंजलि’ का स्टिकर लगाया गया। अधिकारियों ने फॉर्मल कपड़े पहने। लगभग 400 लोगों को छापेमारी के लिए तैयार किया गया लेकिन किसी को भी यह जानकारी नहीं दी गई कि रेड कहां है। गाड़ियों का यह काफिला निकला तो लोगों को लगा कि कोई बारात जा रही है।

लोगों ने बताया कि हालांकि कई लोगों को दिमाग में यह बात खटकी की सावन के महीने में शादियां नहीं होती हैं। ऐसे में राहुल और अंजलि की शादी कैसे हो रही है। फिर भी लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। गाड़ियां जालना पहुंचीं और ये लोग एमआईडीसी में कारखानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और अपने आवासों पर पहुंचे। कारोबारी के कई ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया।

आयकर विभाग को 10 दिन पहले सूचना मिली थी कि जालना के चार स्टील कंपनियां इनकम टैक्स चोरी कर रही हैं। जिसके बाद विभाग एक्शन में आया। विभाग ने कंपनी के निदेशकों और उनसे जुड़ अधिकारियों के घर और कारखाने में छापेमारी की। घर पर कुछ मिला नहीं लेकिन शहर के बाहर फार्म हाउस में हुई छापेमारी में भारी कैश बरामद हुआ।

आईटी ने सारा कैश जमा किया। बैंक के कर्मचारियों को बुलाया गया। फार्म हाउस से बरामद हुए कैश की गिनती 11 बजे सुबह शुरू हुई। मशीनों से गिनती करने के बावजूद लगभग 13 घंटे लगे। रात 1 बजे तक लगातार गिनती के बाद पता चला कि वह 58 करोड़ रुपये कैश था। इसके अलावा 35 किलो सोना, हीरा और मोती देखकर लोगों की आंखें फटी रह गईं।

आयकर विभाग को 10 दिन पहले सूचना मिली थी कि जालना के चार स्टील कंपनियां इनकम टैक्स चोरी कर रही हैं। जिसके बाद विभाग एक्शन में आया। विभाग ने कंपनी के निदेशकों और उनसे जुड़ अधिकारियों के घर और कारखाने में छापेमारी की। घर पर कुछ मिला नहीं लेकिन शहर के बाहर फार्म हाउस में हुई छापेमारी में भारी कैश बरामद हुआ।

आईटी ने सारा कैश जमा किया। बैंक के कर्मचारियों को बुलाया गया। फार्म हाउस से बरामद हुए कैश की गिनती 11 बजे सुबह शुरू हुई। मशीनों से गिनती करने के बावजूद लगभग 13 घंटे लगे। रात 1 बजे तक लगातार गिनती के बाद पता चला कि वह 58 करोड़ रुपये कैश था। इसके अलावा 35 किलो सोना, हीरा और मोती देखकर लोगों की आंखें फटी रह गईं।

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