थायराइड सामान्यतः दो प्रकार का होता है एक ऐसा थायराइड जो हमें मोटा बनाता है, और एक दूसरा जो हमें पतला रखता है! थायरॉइड विकार मौजूदा समय में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। गर्दन में तितली के आकार की यह ग्रंथि शरीर में कई प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य करती है। इस ग्रंथि से हार्मोन्स का उत्पादन होता है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस हार्मोन के उत्पादन में कमी या अधिकता, दोनों ही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। आयोडीन की कमी या फिर ऑटोइम्यून डिजीज के कारण थायरॉइड विकार की समस्या हो सकती है।
थायरॉइड विकार किसी को भी हो सकता है, इसलिए सभी लोगों को इस समस्या से बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। इसके शुरुआती लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज शुरू कर देने से लक्षणों की गंभीरता से बचाव किया जा सकता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायरॅाइड की समस्या अधिक देखी जाती है।
कब्ज की समस्या होना।
शरीर का वजन घटना या बढ़ना।
त्वचा सुखना
तनाव
आलसपन
सर्दी-जुकाम ठीक नहीं होना।
बालों का गिरना
अनिद्रा की समस्या
थायरॅाइड के दो प्रकार होते हैं-
T3 हाइपरथायराइज्मि
T4 हाइपोथायरायडिज्म
थायरॅाइड की समस्या में एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन किया जा सकता है। थायरॅाइड के मरीज बिना डॅाक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन न करें।
लौकी के रस में तुलसी के पत्ते मिलाएं और इस मिश्रण का सेवन करें।
सेब के सिरके का सेवन करना थायरॅाइड के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
रोजाना योगाभ्यास करने से थायरॅाइड की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
आयरन युक्त चीजों का सेवन करें।
कापर युक्त चीजों का सेवन करें।
विटामिन ए युक्त चीजों का सेवन करें।
हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें।
धूम्रपान न करें।
मैदे वाली चीजों के सेवन से परहेज करें।
चाय, कॅाफी का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
अधिक मिर्च- मसाले वाली चीजों से परहेज करें।थायरइड की समस्या में गले को ठंडी-गर्म सेंक देने से फायदा मिलता है। इसके लिए आप गर्म पानी को एक बोतल में भर लें और अलग से ठंडे पानी को किसी बर्तन में भर लें। ठंडे पानी में एक तौलिया भी भिगों लें।
थायराइड के मरीजों को बड़ी जल्दी थकान होने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। और थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने नहीं देती और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार करती है।थायराइड से ग्रस्त लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।ऑयली और फैटी खाना
इनमें मौजूद कैलोरी की अधिक मात्रा हायपोथाइरॉयडिज्म को बढ़ाती है।
-मीठा
इससे बॉडी के मेटाबोलिज्म पर असर पड़ता है। हायपोथाइरॉयडिज्म की समस्या तेजी से बढ़ती है।
-ब्रोकली
इनसे नार्मल फंक्शन के लिए जरूरी आयोडीन अब्जोर्बशन की क्षमता घट जाती है।
-सीफूड
इसमें आयोडीन होता है जो हायपोथाइरॉयडिज्म की समस्या बढ़ाता है।
-रिफाइंड फ़ूड
इससे ब्लड शुगर और हार्मोन का लेवल बिगड़ने के ज्यादा चांसेज होते हैं।
-रेड मीट
इससे हायपोथाइरॉयडिज्म के कारण होने वाली इन्फ्लेमेशन की प्रॉब्लम बढ़ सकती है।
-अल्कोहल
इससे एनर्जी लेवल कम होता है और हायपोथाइरॉयडिज्म की प्रोब्लम बढती है।
महिलाओं में थायराइड की कमी के कारण माहवारी में अनियमितता आ जाती है। इससे पीरियड्स के बीच का समय बढ़ जाता है। वहीं, इसकी अधिकता के कारण पीरियड्स का समय घट जाता है।
-लोगों में ब्लडप्रेशर समस्या आ जाने के साथ-साथ हाथ पैरों में सुन्नता और दर्द होने लगता है।
-इससे पीड़ित लोगों को कभी अत्यधिक गर्मी लगती है या कभी अत्यधिक ठंड का अहसास होता है।
-इस बीमारी में थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है, इस वजह से आवाज़ बदल जाती है।
-थायराइड की कमी की वजह शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे सिर, आइब्रो में बालों की कमी हो जाती है।
थायराइड में बॉडी का 80 फीसदी आयोडीन पाया जाता है। ऐसे में जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है तब थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है।
– आयोडीन की कमी बच्चों से लेकर बड़ों तक को हो सकती है। ऐसे में जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है, तब थायराइड हार्मोन का निर्माण कम हो जाता है। इस वजह से शरीर का विकास रुक जाता है जिसे क्रीटीनिज़्म कहा जाता है।
-कई बार विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण भी यह प्रॉब्लम हो सकती है।
-थायराइड की समस्या सोया पाउडर, सोया प्रोटीन और सोया कैप्सूल के अधिक इस्तेमाल से भी हो सकती है।
– कई लोग स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए रेडिएशन थेरेपी लेते हैं। इस वजह से भी थायराइड की समस्या आ सकती है।