मौसम विभाग ने आने वाले मौसम के लिए क्या की है तैयारियां?

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मौसम विभाग ने आने वाले मौसमों के लिए तैयारियां कर ली है! भारतीय मौसम विभाग IMD समेत कई दूसरी रिसर्च में यह दावा किया गया है कि भारत में कई जगहों पर गर्मी बढ़ रही है। यही वजह है कि अब मौसम के पूर्वानुमान को हीट इंडेक्स के आधार पर तय करने की मांग जोर पकड़ रही है। IMD के एक शोध के अनुसार गर्मी के दौरान सिंचाई ज्यादा की जाती है। इसी वजह से भारत के कुछ इलाकों में गर्मी के दौरान नमी बढ़ती है। भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ इलाके इस समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं दिल्ली, कोलाकाता, मुंबई और चेन्नै में अधिकतम तापमान, नमी, हवा की गति और सूर्य की गर्मी की वजह से 1990-2019 के दौरान गर्मी तेजी से बढ़ी है। इस समय IMD गर्मी का पूर्वानुमान अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, नमी, हवाओं की स्पीड आदि के आधार पर जारी करता है।

IMD के अनुसार, अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, नमी और अवधि के वेटेज के आधार पर हर स्टेशन के लिए हीट स्कोर तय किया जाएगा। साथ ही गर्मी के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गर्म दिनों के दौरान अस्पताल में कितने लोग पहुंच रहे हैं, किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है।

इस हीट स्कोर के तैयार होने के बाद लोगों को यह पता चल सकेगा कि गर्मी उनके स्वास्थ्य पर कि तरह का असर डाल रही है। इससे उन्हें क्या परेशानियां हो सकती हैं और कैसे इनसे बचा जा सकता है। साथ ही गर्मी के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गर्म दिनों के दौरान अस्पताल में कितने लोग पहुंच रहे हैं, किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है।इसी हिसाब से जिले भी अपनी तैयारियां पूरी कर सकते हैं। यह हीट स्कोर कलर कोड पर आधारित होगा। हरा, पीला, नारंगी और लाल इसके लिए तय किए गए हैं।

IMD के अनुसार हीट स्कोर हीट हजार्ड एनालिसिस पूरे देश के लिए मार्च से जून तक बनाया जा रहा है। इसमें कई पैमानों को आधार बनाया गया है। इन्हीं हीट स्कोर के आधार पर भविष्य में अर्ल्ट जारी होंगे।साथ ही गर्मी के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गर्म दिनों के दौरान अस्पताल में कितने लोग पहुंच रहे हैं, किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बेंगलुरु में क्लाइमेट ट्रेंड की एक वर्कशॉप के दौरान IMD वैज्ञानिक अखिल श्रीवास्तव ने कहा कि हीट इंडेक्स का पैमाना भारत के लिए सही नहीं है। यहां अलग-अलग इलाकों में गर्मी और उसका असर अलग-अलग है। इसलिए IMD इस समय हीट स्कोर पर काम कर रहा है, जो गर्मी के असर को बताने का काम करेगा।

राजधानी में नमी की मात्रा कम है, लेकिन यहां तापमान बहुत अधिक है।साथ ही गर्मी के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गर्म दिनों के दौरान अस्पताल में कितने लोग पहुंच रहे हैं, किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है। राजधानी में लू अधिक है, वहीं चेन्नै में नमी और तापमान दोनों अधिक होने की वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा है। मुंबई में नमी अधिक है लेकिन तापमान कम है इसकी वजह से यह चेन्ने की गर्मी अधिक घातक है।

IMD की इसी स्टडी में कहा गया है कि इस सदी के अंत तक गर्मी की वजह से देश भर में 30 से 40 प्रतिशत तक कार्यक्षमता कम हो सकती है।साथ ही गर्मी के दौरान स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गर्म दिनों के दौरान अस्पताल में कितने लोग पहुंच रहे हैं, किस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इसलिए लोगों को गर्मी से बचाने के उपाय करना काफी जरूरी है। वहीं यदि भारत में हीट इंडेक्स के आधार पर पूर्वानुमान किया जाए तो यह मध्य भारत, उत्तर पश्चिमी भारत और देश के अंदरूनी हिस्सों के लिए सही नहीं है।