आज हम आपको बताएंगे कि इस बार के गणतंत्र दिवस पर क्या कुछ खास होने वाला है! गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को भारतीय सेना के जवानों ने 26 जनवरी की परेड में दी जाने वाली 21 तोपों की सलामी के लिए रिहर्सल की। जवानों ने अपनी रिहर्सल के लिए स्वदेशी 105 एमएम फील्ड तोप का इस्तेमाल किया। इस तोप का उपयोग पहली बार 2023 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 21 तोपों की सलामी के लिए किया गया था। भारतीय तोपों ने ब्रिटिश 25-पाउंडर तोपों की जगह ले ली है। 21 तोपों की सलामी विशेष रूप से डिजाइन किए गए कारतूस या खाली राउंड से दी जाती है। इसका इस्तेमाल गोले दागने के बजाय फायरिंग की आवाज पैदा करने के लिए किया जाता है। इस बीच दिल्ली ईस्टर्न रेंज के एडिशनल सीपी सागर सिंह कलसी ने गणतंत्र दिवस से पहले शनिवार को शाहदरा जिले के कई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सागर सिंह कलसी ने कहा, ‘गणतंत्र दिवस को देखते हुए हम कई व्यवस्थाएं कर रहे हैं। हमारा सिर्फ एक उद्देश्य है। समारोह का शानदार आयोजन कराना। सभी सीमाओं पर सुरक्षा जांच भी चल रही है।’देश में पहली बार ट्राई-सर्विस कंटिंजेंट इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में मार्च करेगा।
भारतीय सेना की कैप्टन शरण्या राव ने बताया कि उन्हें गर्व है कि वह त्रि-सेवा दल की सैन्य यूनिट का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं एक अतिरिक्त अधिकारी हूं और त्रि-सेवा दल की सैन्य यूनिट का नेतृत्व करूंगी। यह एक गर्व का क्षण है। इतिहास में पहली बार त्रि-सेवा दल मार्च करेगा।’ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय कैडेट कोर की ओर से आयोजित गणतंत्र दिवस परेड शिविर में शामिल हुए। सिंह ने एनसीसी छात्रों की प्रशंसा की और कहा, ‘आज आपका प्रदर्शन देखने के बाद मैं कहना चाहूंगा कि यह उत्कृष्ट था। मैं ऐसे अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनसीसी छात्रों को बधाई और आशीर्वाद देना चाहता हूं। आपके समर्पण ने मुझे प्रेरित किया है। मुझे विश्वास है कि एनसीसी का प्रत्येक कैडेट ऐसे समर्पण और प्रतिभा से भरा हुआ है।’ यही नहीं आपको बता दें कि इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत आ रहे हैं। खबर है कि उनकी यात्रा के दौरान वह दिल्ली के अलावा कई अन्य शहरों की भी सैर करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, तीन दिन की इस यात्रा के दौरान मैक्रों दिल्ली के आसपास किसी दूसरे शहर में भी जा सकते हैं। भारत और फ्रांस इस बात पर विचार कर रहे हैं कि वह कम से कम समय में किसी दूसरे शहर तक जा सकते हैं। यह भी पता चला है कि गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांसीसी सैन्य दल भी शामिल हो सकता है। भारत आने के दौरान मैक्रों 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
मैक्रों इस साल गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे। यह भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत है। मैक्रों की यात्रा की तैयारियों के लिए उनके राजनयिक सलाहकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की। एक विश्लेषक ने कहा कि भारत की तरह फ्रांस भी अपनी विदेश नीति में रणनीतिक स्वायत्तता की अवधारणा का अनुसरण करता है और पीएम मोदी के मैक्रों के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। इससे पहले 2016 में गणतंत्र दिवस समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद मुख्य अतिथि थे। मोदी इस साल फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस बास्तिल डे समारोह और परेड के मुख्य अतिथि थे। भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए एक सैन्य बैंड के नेतृत्व में 241 सदस्यीय त्रि-सेवा भारतीय सशस्त्र बल दल ने भी परेड में भाग लिया था। हाल के वर्षों में मेक इन इंडिया पहल के तहत फ्रांस भारत के शीर्ष रक्षा साझेदारों में से एक रहा है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली परेड में मुख्य अतिथि होंगे। इसी के साथ वह छठे फ्रांसीसी नेता बन जाएंगे जिन्हें भारत ने यह सम्मान प्रदान किया है। मैक्रों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर भारत की यात्रा पर आएंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने को लेकर भारत से मिले निमंत्रण पर पीएम मोदी धन्यवाद कहा था। इमैनुएल मैक्रों ने 22 दिसंबर को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, ‘आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, मेरे प्रिय मित्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आपके गणतंत्र दिवस पर मैं आपके साथ जश्न मनाने के लिए रहूंगा!’