15 अगस्त को सरकार ने इशारों ही इशारों में भ्रष्टाचार करने वालों के ऊपर कड़ा संदेश दे दिया! 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 83 मिनट के संबोधन को पूरे देश ने बड़ी उत्सुकता और गौरव के साथ सुना। खुशनुमा माहौल में तिरंगे के रंगों से सजी पगड़ी पहने पीएम ने देश के गुमनाम क्रांतिकारियों को नमन करते हुए 75 साल की विकास यात्रा का जिक्र किया और आगे 2047 का लक्ष्य भी सेट कर दिया। उनके भाषण में एक तरफ मेड इन इंडिया तोप की सलामी का गौरव झलक रहा था तो वहीं महिलाओं के अपमान का जिक्र करते हुए उनका गला भर आया। उन्होंने अगले 25 वर्षों में विकसित भारत, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता के साथ ही नागरिकों के अपने कर्तव्य पालन के ‘पंच प्रण’ का आह्वान भी किया। उनके भाषण को अगर आपने गौर से सुना होगा तो आपको याद होगा कि उन्होंने एक निर्णायक जंग छेड़ने का भी ऐलान किया है। जी हां, ये जंग है भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ। पीएम के भाषण के इस हिस्से की चर्चा काफी ज्यादा है। दरअसल, पीएम मोदी ने जिस अंदाज में देशवासियों का समर्थन मांगा है उससे कई तरह के संकेत मिल रहे हैं।
क्या बोले PM
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के खिलाफ नफरत का भाव पैदा नहीं होता है या सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। उन्होंने इसे अपनी संवैधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी बताते हुए इस लड़ाई में देशवासियों का सपोर्ट भी मांगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दोनों विकृतियों का अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह देखने को मिलता है कि एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है। पीएम ने कहा कि यह स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना होगा।
पीएम ने आगे के लिए सख्त ऐक्शन का संकेत देते हुए अपनी सरकार की ओर से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (यानी सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा पहुंचने की स्कीम) का उपयोग करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचाया गया और उसे देश की भलाई के काम में लगाने में सरकार सफल हुई। इतना ही नहीं, जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट कर भाग गए थे, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
मोदी ने कहा, ‘कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है, हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े, वह स्थिति हम पैदा करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वे अब बच नहीं पाएंगे…इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है और इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर जाना ही है। उन्होंने कहा, ‘मेरे 130 करोड़ देशवासी, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए।’
मोदी ने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत दिखती है लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता भी दिखाई जाती है जो किसी भी देश को शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा, ‘कई लोग तो इस हद तक चले जाते हैं कि अदालत में सजा हो चुकी हो, भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका हो, जेल जाना तय हो चुका हो, जेल की सजा काट रहे हों, इसके बावजूद लोग उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं, उनकी शान-शौकत में लगे रहते हैं, उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि जब तक समाज में गंदगी के प्रति नफरत नहीं होती है, स्वच्छता के प्रति चेतना भी नहीं जागती है। इसी तरह जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता है, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। इसलिए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति भी हमें बहुत जागरूक होने की जरूरत है।