Friday, March 14, 2025
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बुखार होने पर क्या खाएं, क्या नहीं?

जब भी किसी व्यक्ति को बुखार हो जाता है तो उसकी सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि आखिर वह इस बीमारी में क्या खाएं क्या नहीं, क्योंकि उसका मन किसी भी खाने को मना करता है! मनुष्य शरीर का सामान्य तापमान 98.6oफारेनहाइट होता है। तब शरीर का तापमान सामान्य अवस्था से अधिक बढ़ना शुरू हो जाता है तो उस स्थिति को बुखार कहते है। अक्सर मौसम में बदलाव, खान-पान में गड़बड़ी या फिर शारीरिक कमजोरी की वजह से फीवर या बुखार होता है। हमारे इम्यून सिस्टम को वायरल बुखार कमजोर कर देता है, जिसके कारण संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुँच जाता है।

खान-पान में गड़बड़ी या मौसम में बदलाव के कारण शरीर में वात, पित्त और कफ कुपित होकर हमारे शरीर के रस धातु से मिलकर अग्न्याशय से अग्नि को निकालकर सम्पूर्ण शरीर में फैला देती है जिससे व्यक्ति ज्वर से पीड़ित हो जाता है।बुखार शरीर की बीमारी से लड़ने का एक तरीका है। इसलिए बुखार को संक्रमण का एक लक्षण कहा जाता है। संक्रमण के दौरान हमारे शरीर का रक्त और लसीका प्रणाली डब्ल्यूबीसी का उत्पादन करता है, जो संक्रमण से लड़ती है। इस परिस्थिति में हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य कई कारण हैं जिसकी वजह से बुखार हो सकता है जैसे- वायरल, बैक्टीरियल और परजीवी संक्रमण आदि भी शामिल है। हमारा शरीर जब किसी बाहरी तत्व के द्वारा हमला करने से उसके विरुद्ध प्रतिक्रिया दिखाता है, उस स्थिति को बुखार कहते हैं।

बुखार के अनगिनत कारण हो सकते है जैसे-

-किसी प्रकार की चोट लगने या खरोंच लगने से।

-किसी प्रकार का इंफेक्शन होने से।

-कुछ टीकाकरण जैसे डिप्थीरिया, टिटिनेस आदि।

-लम्बे समय से चल रही बिमारी के कारण।

-किसी प्रकार की दवाई के दुष्प्रभाव से

-किसी उत्पाद के शरीर पर बाहरी रूप से लगने पर भी ज्वर हो सकता है।

-बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संक्रमण के कारण भी ज्वर हो सकता है।

-मौसम के बदलाव के कारण।

-घातक ट्यूमर भी ज्वर का कारण बन सकता है।

-गर्मी के कारण बेहद थकान होना।

आम तौर पर असंतुलित भोजन और जीवनशैली के असर के कारण भी बुखार होता है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती है। जैसे-

पानी पीना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। प्रतिदिन कम से कम 7-9 गिलास पानी का सेवन करें।

अपने डायट प्लान में सूप, कॉफी आदि का सेवन करें।

सर्दी के मौसम में गुनगुने पानी से स्नान करें।

लहसुन को खाने में जरूर शामिल करें।

बुखार से बचने के लिए सर्दी के मौसम में ठंड से बचना चाहिए।

ऊनी वस्त्रों से स्वयं को ढक कर रखिए।

गर्मी  के मौसम में मच्छर आदि कीटों से बचाव के लिए पूरे ढके हुए वस्त्र पहनने चाहिए।

एक साफ कपड़े की पट्टियों को ठण्डे पानी से भिगोकर निचोड़ लें और फिर बुखार से पीड़ित के माथे और गर्दन पर रखें। ऐसा करने से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में लाभ मिलता है।

वायरल में गाजर खाएं, इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कीटाणुओं से लड़ने में मदद मिलती है।

ज्वर या बुखार में डायट

बुखार के कष्ट से आराम पाने के लिए डायट प्लान सही होना जरूरी होता है। चलिये विस्तार से इसके बारे में जानते हैं-

बुखार में सुबह के नाश्ते में ताजे फलों से बना जूस या हरि पत्तेदार सब्जियों से बने सूप का सेवन करना चाहिए।

बुखार में दस्त, उल्टी, पसीना आदि से राहत पाने के लिए केले का सेवन करना चाहिए।

हरी सब्जियों का सेवन करें।

कैफीन का सेवन कम कर दें।

उबली हुई सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए।

सूप को अपने आहार में शामिल करें।

बुखार के दौरान प्रोटीन को अपने आहार में शामिल करें।

अंडे का सेवन करें क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है।

आप नमकीन दलिया, खिचड़ी की तरह बनाकर खा सकते हैं।

दोपहर या रात के समय मूंग दाल की खिचड़ी खा सकते हैं। इससे आपको अपच की समस्या नहीं होगी।

खट्टी चीजों से करे परहेज- फीवर होने पर चावल, खट्टी चीजे या ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि जब भी हमें बुखार होता है तो हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है। बुखार में चावल न खाकर रोटी खानी चाहिए क्योंकि बुखार के समय चावल के मुकाबले रोटी को हजम करना ज्यादा आसान होता है।

–मसालेदार खाने से करे परहेज– फीवर होने पर अधिक मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। बुखार में फास्ट फूड, तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। बुखार में अधिक मसालों को खाने से जी मिचलाने की समस्या होती है और ऐसे पदार्थों का सेवन करने से बुखार के दौरान आपका पेट अधिक समय तक भरा हुआ महसूस होता है जिसके कारण आप पानी नहीं पी पाते और डीहाईड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। फीवर में उबला हुआ खाने का अधिक से अधिक प्रयास करें। हरि पत्तेदार सब्जियों का गरमा-गरम सूप पिएं या हल्की मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करें। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के बुखार के लिए लहसुन का उपचार नहीं करना चाहिए। बुखार से पीड़ित रोगी को दूध नहीं पीना चाहिए

बुखार में आराम पाने का घरेलू उपाय

आम तौर पर बुखार से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। बुखार को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को तब तक उपवास रखना चाहिए जब तक कि उसके बुखार के लक्षण दूर न हो जाएँ। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो बुखार दूर करने में सहायता करते हैं-

दालचीनी बुखार से दिलाये राहत 

दालचीनी के काढ़े में कालीमिर्च और शहद मिलाकर खुराक के रूप में लेना चाहिए। इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलाता है।

अदरक बुखार से दिलाये राहत

एक कप पानी में 20-25 तुलसी की पत्तियों और एक चम्मच घिसी हुई अदरक को उबाल लें। इसे तब तक उबालें जब तक यह घोल आधा न रह जाए। अब इसमें थोड़ा शहद मिलाकर तीन दिनों के लिए नियमित रूप से दिन में दो या तीन बार पिएं। अदरक शरीर से अतिरिक्त गर्मी निकालने में मदद करता है जो बुखार कम करने में सहायक होता है।

किशमिश बुखार से दिलाये राहत 

किशमिश बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करता है।पुदीना बुखार से दिलाये राहत. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पुदीने की पत्तियों को पीसकर मिला लें। इसे 6-8 मिनट तक उबलने दें, अब इसे छान लें और घोल में थोड़ा शहद मिलायें।

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