कोरोना ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है! जिसके प्रभाव में हमारी बॉलीवुड इंडस्ट्री भी आ गई! हिंदी सिनेमा 100 साल पार कर चुका है। इन सालों में इसने कई पड़ाव पार किए हैं और कई बुलंदियों को छुआ है। मगर साल 2020 ऐसा समय था जिसने हिंदी सिनेमा को हिलाकर रख दिया। ये वो वक्त था जब कोरोना देश में पैर पसारना शुरू कर रहा था। दुनिया में तबाही मचा चुके कोरोना ने बॉलीवुड में भी खूब कहर ढाया है। इसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा है कि तीन साल बाद भी इसके जख्म देखने को मिलते हैं। वैसे तो हर सेक्टर में भारी नुकसान हुआ मगर इसने हिंदी सिनेमा के व्यवसाय की जमकर कमर तोड़ी। हाल ये हो चुका है कि बड़ा स्टार हो या बड़ा डायरेक्टर, सभी की फिल्में मुंह के बल गिर रही हैं। साल 2022 में चुनिंदा फिल्मों को छोड़कर 30 से भी ज्यादा फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फेल हुई हैं। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि कोरोना ने हिंदी सिनेमा को बदलकर रख दिया है। इस पर बाजार पंडितों की अलग अलग राय है। बात करें कोरोना से ठीक पहले साल 2019 की तो बिजनेस के मामले में टॉप 10 फिल्में बॉलीवुड की रही मगर साल 2022 में आते आते ये नजारा बिल्कुल बदल गया। आइए आपको बताते हैं कि कैसे कोरोना ने बॉलीवुड की कमर तोड़ दी है।
साल 2019 में बिजनेस के मामले में टॉप 10 फिल्मों की बात करें तो ये सभी फिल्में हिंदी सिनेमा ने प्रोड्यूस की थीं। मगर साल 2022 तक आते-आते ये आंकड़ा एकदम बदल गया है। जैसे साल 2022 में केजीएफ 2 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है और ये हिंदी की नहीं बल्कि कन्नड़ सिनेमा की फिल्म है। ठीक ऐसे ही RRR दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा कलेक्शन करने वाली बड़ी फिल्म रही जोकि मूल रूप से तेलुगू फिल्म है। इस साल की टॉप 10 फिल्मों में दो साउथ की तो 3 हॉलीवुड की फिल्में शामिल हैं।साल 2022 के शुरुआती 8 महीनों में जो भी गिनी चुनी फिल्में हिट हुई हैं उनमें से एक भी फिल्म बॉलीवुड के ए लिस्टर एक्टर की नहीं थीं। द कश्मीर फाइल्स, भूल भुलैया 2 जैसी फिल्मों मेजर प्रोफिट के साथ पास हुई और इसकी स्टारकास्ट से सभी रूबरू हैं। इन 8 महीनों में आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे स्टार्स की फिल्में रिलीज तो हुई लेकिन बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर पाई। आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा बुरी तरह बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई और मेकर्स को डिस्ट्रीब्यूटर्स के पैसे तक देने पड़ गए। वहीं ढेरों फिल्में करने वाले और ढेरों हिट दे चुके अक्षय कुमार ने साल 2022 में बच्चन पांडे, रक्षाबंधन से लेकर सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्में रिलीज की मगर तीनों की तीनों औंधे मुंह गिरी।
साल 2019 में टॉप 10 फिल्मों में 6 फिल्मों को U/A सर्टिफिकेट मिला जबकि तीन फिल्मों को (भारत, मिशन मंगल और टोटल धमाल) को U सर्टिफिकेट और सिर्फ कबीर सिंह को A सर्टिफिकेट से सेंसर बोर्ड ने पास किया था। जबकि 2022 में यू सर्टिफिकेट की एक भी फिल्म नहीं थी और कश्मीर फाइल्स को A सर्टिफिकेट मिला था। बाकि सभी फिल्मों को यूए मिला। बता दें ए का मतलब एडल्ट है जिन्हें सिर्फ व्यस्क ही देख सकते हैं। वहीं U/A मतलब अंडर ऐज होता है जिसका मतलब कुछ दृश्य हिंसा, अश्लीलता वाले हो सकते हैं इसमें 12 साल से बड़े बच्चों को अभिभावकों के उपस्थिति में देखा जाता है। इस लिस्ट का मतलब ये है कि दर्शकों को भूल भुलैया 2 जैसी हल्की फुल्की और फैमिली फ्रेंडली फिल्में पसंद आ रही है। आज भी ऐसी फिल्में अपना असर दिखा रही हैं।
साल 2019 और साल 2022 की लिस्ट की तुलना करें तो सबसे बड़ा बदलाव ये देखने को मिलता है कि पिछले साल कोई भी फिल्म 150 करोड़ के नीचे वाली टॉप 10 फिल्मों में शुमार नहीं है जबकि साल 2022 की लिस्ट में कुछ फिल्मों को 100 करोड़ भी हासिल करना मुश्किल हो गया है।साल 2019 में टॉप 10 फिल्मों में 6 फिल्मों को U/A सर्टिफिकेट मिला जबकि तीन फिल्मों को (भारत, मिशन मंगल और टोटल धमाल) को U सर्टिफिकेट और सिर्फ कबीर सिंह को A सर्टिफिकेट से सेंसर बोर्ड ने पास किया था। जबकि 2022 में यू सर्टिफिकेट की एक भी फिल्म नहीं थी और कश्मीर फाइल्स को A सर्टिफिकेट मिला था। बाकि सभी फिल्मों को यूए मिला। बता दें ए का मतलब एडल्ट है जिन्हें सिर्फ व्यस्क ही देख सकते हैं। वहीं U/A मतलब अंडर ऐज होता है जिसका मतलब कुछ दृश्य हिंसा, अश्लीलता वाले हो सकते हैं इसमें 12 साल से बड़े बच्चों को अभिभावकों के उपस्थिति में देखा जाता है। इस लिस्ट का मतलब ये है कि दर्शकों को भूल भुलैया 2 जैसी हल्की फुल्की और फैमिली फ्रेंडली फिल्में पसंद आ रही है। आज भी ऐसी फिल्में अपना असर दिखा रही हैं।