हिमाचल प्रदेश में अब ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से लागू हो गई है! हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब के बाद अब हिमाचल चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की है। कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के एक लाख 36 हजार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। दरअसल कांग्रेस ने चुनाव से पहले प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। इस वादे को सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने आज पूरा किया है। ऐसे में आइए समझते हैं पुरानी पेंशन योजना क्या है? साथ ही न्यू पेंशन स्कीम के बारे में आगे जिक्र किया जाएगा। पुरानी पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी महीने में मिले वेतन की 50 प्रतिशत राशि उसे हर महीने पेंशन के रूप में मिलती है। दरअसल पेंशन की राशि को बेसिक सैलरी और महंगाई दर से तय किया जाता है। इस राशि का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन दिए जाने का प्रावधान था।
एक अप्रैल 2004 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था। इस स्कीम के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए देते हैं। जबकि राज्य सरकार इसमें 14 फीसदी का योगदान देती हैं। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था। वहीं नई पेंशन योजना लागू की गई थी। इसके बाद राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को अपना लिया। इसके बाद से नई पेंशन योजना चल रही है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता कर कहा कि सभी विभाग, निगम और बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता कर कहा कि सभी विभाग, निगम और बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के 136000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन बहाल करने के साथ ही करीब 900 करोड़ का बोझ सरकार पर पड़ने वाला है, आने वाले सालों में यह बोझ और ज्यादा बढ़ता जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के 136000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन बहाल करने के साथ ही करीब 900 करोड़ का बोझ सरकार पर पड़ने वाला है, आने वाले सालों में यह बोझ और ज्यादा बढ़ता जाएगा।
ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता कर कहा कि सभी विभाग, निगम और बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के 136000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन बहाल करने के साथ ही करीब 900 करोड़ का बोझ सरकार पर पड़ने वाला है, आने वाले सालों में यह बोझ और ज्यादा बढ़ता जाएगा। क्योंकि अगर मौजूदा समय में किसी कर्मचारी की सैलरी 80 हजार रुपये है और वह रिटायर होता है तो ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत करीब 30 से 40 हजार रुपये हर महीने की पेंशन मिलेगी। जबकि न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी को 800 से एक हजार रुपये की ही पेंशन हर महीने मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को एरियर नहीं दिया है। ऐसे में वर्तमान सरकार पर कर्मचारियों को एरियर देने के लिए 9000 करोड़ की अदायगी है।हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला में प्रेस वार्ता कर कहा कि सभी विभाग, निगम और बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। हिमाचल प्रदेश के 136000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन बहाल करने के साथ ही करीब 900 करोड़ का बोझ सरकार पर पड़ने वाला है, आने वाले सालों में यह बोझ और ज्यादा बढ़ता जाएगा। इसके अलावा 4430 कर्मचारियों को सैलरी का एरियर भी पिछली सरकार की तरफ से नहीं दिया गया है। मौजूदा समय में कांग्रेस सरकार पेंशन का 5220 करोड़ एरियर देने वाली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछली बीजेपी सरकार पर तंज कसते जयराम ठाकुर के नेतृत्व में छठे वेतन आयोग को हिमाचल में लागू किया गया था। छठे वेतन आयोग का 1000 करोड़ रुपए का दिए भी कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है।